नई दिल्ली । भविष्य की रणनीति का खाका तैयार के लिए कांग्रेस नव संकल्प की तैयारी में जुटी है। इसमें पार्टी नेता संगठन को मजबूत बनाने से ज्यादा चुनावी जीत पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। ज्यादातर सदस्यों की राय है कि कांग्रेस को नए सहयोगियों की तलाश करनी चाहिए। राज्य स्तर पर गठबंधन करना चाहिए। एक नेता ने बताया कि अभिषेक मनु सिंघवी, प्रमोद तिवारी और पृथ्वीराज चव्हाण आदि ने सहित कई नेताओं की दलील थी कि ‘एकला चलो’ मॉडल अपनाने के लिए ज्यादा वक्त नहीं है। इसलिए गठबंधन की संभावना तलाशनी चाहिए। हालांकि, गठबंधन पर सभी नेता एकमत नहीं है। कई नेताओं की राय थी कि अकेले चुनाव लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। नव संकल्प में सिर्फ पहले से तय विषयों पर चर्चा को लेकर भी कुछ सदस्यों ने नाराजगी जताई है। कई सदस्य हार के कारणों पर चर्चा चाहते हैं, पर उनसे कहा गया कि आगे की रणनीति पर बात करे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बिहार कांग्रेस के नेताओं ने गठबंधन का विरोध किया। उनकी दलील थी कि दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए कांग्रेस को मजबूत करने की जरूरत है। सबसे ज्यादा मतभेद हार के कारणों पर चिंतन को लेकर है। पार्टी नेता हार के कारणों पर अपनी राय रखना चाहते हैं। कांग्रेस ने चिंतन शिविर से चिंतन शब्द हटा दिया है। पार्टी नव संकल्प शिविर के बैनर के साथ चर्चा कर रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि, हार के कारणों पर कोई चर्चा न हो। सभी सदस्य सिर्फ भविष्य की रणनीति पर बात करें।