भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश से निर्यात होने वाली सामग्री की गणना में कृषि उत्पादों को जोड़ा जाए। कृषि से संबंधित सामग्री के निर्यात के लिए दीर्घकालीन योजना बनाई जाए। इससे किसानों के उत्पादों का सही मूल्य मिल सकेगा। जिलों में एक्सपोर्ट प्रोमोशन कॉउंसिल का गठन कर जिलों से निर्यात को प्रोत्साहित किया जाए। यह कॉउंसिल, निर्यात के साथ समग्र व्यापार पर आवश्यक प्रशिक्षण और मार्गदर्शन उपलब्ध कराए। प्रदेश के उत्पादों जैसे संतरा, चावल आदि की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित करने विशेष प्रयास किए जाएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में मध्यप्रदेश व्यापार संवर्धन परिषद की पहली बैठक को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश ट्रेड प्रमोशन पॉलसी का तेजी से क्रिय़ान्वयन किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश निर्यात मेला आयोजित करने पर सहमति दी। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाह, अटल बिहारी वाजपयी नीति विलेषण के संस्थान के उपाध्यक्ष श्री सचिन सिन्हा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन श्री संजय शुक्ला सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा बैठक में वर्चुअली शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए प्रभावी रणनीति बनाई जाए। अगले 5 वर्षों में प्रदेश से होने वाले निर्यात को 4 गुना बढ़ाया जाए। यह सुनिश्चित करें कि निर्यात में प्रदेश देश के 10 अग्रणी राज्यों में हो। बैठक में प्रदेश में निर्यात संचालनालय के स्थापना के प्रस्ताव को सहमति प्रदान की गई। साथ ही प्रदेश के उत्पादों के जियो टेगिंग के लिए एजेंसी को नामित करने के प्रस्ताव पर भी सहमति दी गई।

जानकारी दी गई की प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 में रिकार्ड 58 हजार 407 करोड़ का निर्यात हुआ है। आईटी कंपनियों से होने वाला निर्यात वर्ष 2017-18 में 258 करोड़ रूपये था, जो वर्ष 2021-22 में बढ़ कर 1761 करोड़ हो गया है। प्रदेश में सर्वाधिक निर्यात फार्मा, कॉटन और कॉटन प्रोडक्ट का है।