खाने वाले तेल की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. ग्लोबल मार्केट में खाने वाला तेल लगातार सस्ता हो रहा है. सूरजमुखी तेल का थोक दाम सिर्फ 69 रुपये प्रति किलो रह गया है. इसके साथ ही सरसों तेल समेत सभी की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है. तेल के भाव में आई भारी गिरावट की वजह से किसानों की चिंता काफी बढ़ रही है.

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि इस गिरावट के कारण अगर आप सोचेंगे कि ग्राहकों को खाद्य तेल सस्ता मिलेगा तो बहुत गलत सोच है क्योंकि खुदरा बाजार में अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) अब भी काफी अधिक रखे जाने के कारण उपभोक्ताओं को खाद्य तेल महंगे में ही खरीदना पड़ रहा है. सूरजमुखी का थोक दाम बंदरगाह पर भले ही 69 रुपये लीटर बैठता हो पर खुदरा में यही सूरजमुखी तेल 196 रुपये लीटर है. कुछ ऐसा ही हाल सूरजमुखी तेल का भी है.

सूत्रों ने कहा कि देशी बिनौला, सरसों, सोयाबीन, मूंगफली आदि तेल की लागत अधिक पड़ती है और आयातित तेलों के दाम निरंतर टूटते ही जा रहे हैं. इस कारण देशी तिलहन का खपना दूभर है. सूत्रों ने कहा कि सारे मुनाफे व खर्चों को जोड़कर सूरजमुखी, सोयाबीन, चावल भूसी तेल का एमआरपी 100-108 रुपये लीटर, मूंगफली का एमआरपी 170-175 रुपये लीटर होना चाहिये. उन्होंने कहा कि खाद्य तेल कीमतों में आई गिरावट के बीच नेपाल ने अपने यहां आयात शुल्क में वृद्धि की है.