भोपाल ।    मध्य प्रदेश में भारत जोड़ोे यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने आगर मालवा जिले में नुक्कड़ सभा के दौरान जय श्रीराम करने पर भाजपा नेताओं को घेरा था। उन्होंने यात्रा के दौरान मिले एक पंडित से हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए जय श्रीराम, जय सियाराम और हे राम का मतलब बताते हुए कहा था कि आरएसएस और भाजपा के लोग सियाराम और सीताराम नहीं कर सकते हैं क्योंकि उनके संगठन में महिला नहीं हैं। इस पर गृहमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि उनका (राहुल गांधी) को सीमित ज्ञान है। राम की शुरुआत की 'श्री' से होती है और 'श्री' विष्णु जी की पत्नी लक्ष्मी और सीता जी के लिए ही प्रयोग होता है। राहुल गांधी ने सभा में कहा था कि जय सिया राम और जय सीता राम का अर्थ यह है कि राम और सीता एक ही हैं। गांधीजी हे राम कहा करते थे। इस पर डा. मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी का ज्ञान बाबा-बाबा ब्लैक शिप तक ही सीमित है। उन्हें सीमित ज्ञान है। राम की शुरुआत की 'श्री' से होती है और श्री का प्रयोग किसे लिए होता है, वे इतिहास खोलकर देख लें। हालांकि, उन्होंने गीता के पन्ने शायद पलटे नहीं होंगे और रामायण कभी पढ़ी नहीं होगी, तो वे कैसे जानेंगे कि राम के नाम की शुरुआत 'श्री' से ही होती है। नेट पर देख लें, उसमें 'श्री' का उल्लेख है। श्रीराम कृष्ण और विष्णु जी के अवतार हैं। 'श्री' लक्ष्मी जी के नाम के आगे लगता है और इन्हीं नामों के आगे 'श्री' इसलिए ही लगाया जाता है। मुझे लगता है कि आपको उन्हीं पंडित ने यह बताया होगा, जिन्होंने मंदिर का केक बनाकर कमल नाथ से कटवाया था।