कोलकाता । केंद्र की तीन मुख्य विपक्षी पार्टी ने सपा, तृणमूल कांग्रेस और बीजद वे  बीजेपी और कांग्रेस  से दूरी बनाने का फैसला लिया है। पार्टियों का ये फैसला इस ओर इशारा करता है कि वे इन दोनों पार्टियों को एक समान ट्रीट करेंगे। 
कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी से मनाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव की मुलाकात के बाद ये फैसला लिया गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगले हफ्ते ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी मुलाकात करेंगी, जो बीजू जनता दल के प्रमुख हैं। 
हाल ही में लंदन में एक भाषण के दौरान विपक्षी नेताओं के माइक्रोफोन को भारत की संसद में म्यूट करने के आरोप के बाद बीजेपी राहुग गांधी से माफी मांगने की मांग कर रही है। तृणमूल ने भी भाजपा की इस मांग को अलग तरीके से परिभाषित  किया है। 
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने एक समाचार चैनल से कहा, राहुल गांधी ने विदेशों में टिप्पणियां कीं और जब तक वह माफी नहीं मांगते, तब तक बीजेपी संसद को चलने नहीं देगी। इसका मतलब है कि वे कांग्रेस का इस्तेमाल करके संसद नहीं चलाना चाहते। बीजेपी चाहती है कि राहुल गांधी विपक्ष का चेहरा बनें। ताकि ये बीजेपी की मदद करे। प्रधानमंत्री पद के चेहरे  पर फैसला करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि ये सोचना बीजेपी का भ्रम है कि कांग्रेस विपक्ष का बिग बॉस है। टीएमसी नेता ने कहा,  मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 23 मार्च को नवीन पटनायक से मुलाकात करेंगी। हम अन्य विपक्षी दलों के साथ इस (भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाए रखने की योजना) पर चर्चा करेंगे। हम यह नहीं कह रहे हैं कि यह तीसरा मोर्चा है, लेकिन क्षेत्रीय दलों के पास बीजेपी का मुकाबला करने की ताकत है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बात की पुष्टि की है कि वे कांग्रेस और बीजेपी दोनों से समान दूरी बनाए रखना चाहते हैं। 
अखिलेश यादव ने कोलकाता में पत्रकारों से कहा, बंगाल में, हम ममता दीदी के साथ हैं। अभी हमारा रुख है कि हम बीजेपी और कांग्रेस दोनों से समान दूरी बनाए रखना चाहते हैं।