मुंबई : मुंबई में एक दंपति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उस सरोगेसी प्रक्रिया को पूरा करने की इजाजत मांगी है. जस्टिस एन डब्ल्यू सांबरे और जस्टिस अनिल पंसारे की वैकेशन बेंच ने अस्पताल की वकील अनीता कैस्टेलिनो से जवाब दाखिल कर याचिकाकर्ता दंपती के मामले जैसे अन्य सभी वादों पर मौजूदा कानूनी स्थिति साफ करने को कहा है. पीठ ने अस्पताल से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या अदालत दंपती के फ्रीज किये गये भ्रूण को कथित अस्पताल से किसी अन्य फर्टिलिटी क्लीनिक में भेजने की उनकी अंतरिम अर्जी पर कोई आदेश जारी कर सकती है.
याचिकाकर्ता जोड़े के वकील पी वी दिनेश ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि बतौर अंतरिम राहत देते हुए इस दंपत्ति को उक्त अस्पताल से संरक्षित किए गये भ्रूण को एक अन्य फर्टिलिटी क्लीनिक में ट्रांसफर करने की इजाजत दी जाए. वकील ने कहा कि पिछसे साल अक्टूबर के महीने में इस दंपत्ति के निषेचित भ्रूण को अस्पताल द्वारा किराये की कोख को देने के लिए संरक्षित किया गया था थे उन्हें सरोगेट मां को ढूंढ़ने में कुछ ज्यादा वक्त लग गया और इसी बीच 25 जनवरी से देश में नया सरोगेसी कानून प्रभाव में आ गया.