आचार्य चाणक्य बहुत बुद्धिमान और कुशल राजनीतिज्ञ थे। इनकी नीतियों मनुष्य को सफलता और सुख दोनों प्रदान करती है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति चाणक्य नीति को अपन जीवन में उतार लेता है उसे परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।

चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को नीतिशास्त्र ग्रंथ में पिरोया है जिसे चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है इनकी नीतियां आज पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। चाणक्य ने मानव जीवन से जुड़े हर पहलु पर अपनी नीतियों का निर्माण किया है चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि पति पत्नी की कौन सी आदतें उनका वैवाहिक जीवन तबाह कर देती है।

चाणक्य नीति की मानें तो हर व्यक्ति के लिए क्रोध बुरा होता है लेकिन पति पत्नी के रिश्तें में क्रोध बेहद नुकसानदेह हो सकता है। जब कोई क्रोध में होता है तो वह अच्छा बुरा नहीं सोच पाता है। ऐसे में पति या पत्नी में से किसी भी एक का क्रोध करना वैवाहिक जीवन को तबाह कर सकता है और रिश्ता टूटने की नौबत आ जाती है। चाणक्य नीति अनुसार वैसे तो हर रिश्ते में सम्मान बेहद जरूरी होता है लेकिन पति पत्नी का रिश्ता एक दूसरे ​के बिना पूरा नहीं माना जाता है

ऐसे में रिश्ते को मजबूत बनाने और लंबे वक्त तक चलाने के लिए एक दूसरे का सम्मान जरूरी है अगर ऐसा नहीं होता है तो शादीशुदा जीवन दुखों और परेशानियों से भरा रहता है। पति पत्नी को एक दूसरे के साथ तालमेल बिठाकर चलना होता है लेकिन अगर ये दोनों किसी बात का बुरा मान कर एक दूसरे से बात करना बंद कर देते है। तो धीरे धीरे रिश्ता कमजोर होने लगता है ऐसे में किसी बात को मन में रखने की जगह एक दूसरे से कहकर मामले का हल निकालें। पति पत्नी दोनों में से किसी को भी कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए और न ही सच को छिपाने की कोशिश करें क्योंकि एक बार अगर विश्वास टूट जाए तो चाहकर भी फिर से भरोसा करना मुश्किल होता है।