भोपाल । भोपाल में बिजली को घरों तक पहुंचाने के लिए लाइनों को 750 किमी तक अंडरग्राउंड करने की योजना पर काम किया जा रहा है। इससे रोजाना करीब 15 लाख यूनिट बिजली बचेगी। खुले तारों से होने वाले ट्रांसमिशन लॉस भी कम हो जाएगा, वहीं बिजली चोरी भी रुकेगी। इतना ही नहीं, रोजाना इससे डेढ़ करोड़ रुपए की बचत होगी।
ऊर्जा मामले में अब शहर आत्मनिर्भर बनने की तरफ बढ़ रहा है। केंद्र सरकार की मदद से भोपाल अंडरग्राउंड लाइन का प्रोजेक्ट शुरू होने वाला है। बिजली कंपनी के महाप्रबंधक जाहिद खान के मुताबिक भोपाल में बिजली लाइन को अंडरग्राउंड करने का प्रोजेक्ट है। इससे लॉस घटेगा, पूरी बिजली उपभोक्ता तक पहुंचेगी। उपभोक्ता अपनी छत पर सोलर पैनल लगाकर भी बिजली उत्पादन करके भी अपना बिजली बिल कम कर सकते हैं। इतना ही नहीं, अब शहर ऊर्जा मामले में आत्मनिर्भर बनने की तरफ बढ़ रहा है। केंद्र सरकार की मदद से भोपाल अंडरग्राउंड लाइन का प्रोजेक्ट शुरू होने वाला है। यहां अब तक 20 हजार छतों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं और रोजाना करीब 1.60 लाख यूनिट की बिजली का उत्पादन भी हो रहा है। मांग की तुलना में ये काफी कम है, ऊर्जा विशेषज्ञ इसे एक अच्छी शुरुआत बता रहे हैं। लेकिन 2024 तक सरकारी भवनों की ऊर्जा खपत का कुल 20 फीसदी यानि करीब दो लाख यूनिट बिजली इन्हीं भवनों पर लगे सोलर पैनल से बनेगी। 2027 तक इस क्षमता को पांच लाख यूनिट रोजाना तक पहुंचाना होगा।

शहर में बिजली की मांग रोजाना 70 लाख यूनिट
इस समय शहर में बिजली की मांग रोजाना 70 लाख यूनिट के करीब है। दिवाली व अन्य त्योहारों के समय इसमें दस से पंद्रह लाख यूनिट की बढ़ोतरी होती, बाकी मांग यही बनी रहती है। बिजली कंपनी अब ऊर्जा विकास निगम के साथ मिलकर शहर के पांच लाख घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने की कोशिश कर रहा है। कंपनी को उम्मीद है कि घरों की छतों से अगले दो साल में शहर की जरूरत का कम से कम 40 फीसदी बिजली उसे मिलने लगेगी। ऐसा हुआ तो ये शहर के लिए ऊर्जा मामले में बड़ी सफलता होगी।

सरकारी एजेंसियां भी पीछे नहीं
नगर निगम अपना बिजली बिल घटाने 15 मेगावॉट के विंड एनर्जी प्रोजेक्ट और 21 मेगावॉट का सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट लगाने जा रहा है। इसके लिए निगम ने एजेंसी तय कर ली है। निगम की जेब से करीब 90 करोड़ रुपए खर्च होंगे, बाकी राशि ठेकेदार लगाएगा। इससे निगम को अगले 35 साल तक करीब चार रुपए प्रतियूनिट की दर से बिजली सुनिश्चित हो जाएगी। ये उसकी जरूरत का 30 फीसदी से अधिक है। भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ने सुभाष नगर स्थित अपनी खाली जमीन पर बीस करोड़ रुपए की लागत से पांच मेगावॉट का सोलर प्लांट लगाया। यहां से भेल के 12 हजार घरों को बिजली आपूर्ति होगी। नगर निगम अपना बिजली बिल घटाने 15 मेगावॉट के विंड एनर्जी प्रोजेक्ट और 21 मेगावॉट का सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट लगाने जा रहा है। इसके लिए निगम ने एजेंसी तय कर ली है। निगम की जेब से करीब 90 करोड़ रुपए खर्च होंगे, बाकी राशि ठेकेदार लगाएगा। इससे निगम को अगले 35 साल तक करीब चार रुपए प्रतियूनिट की दर से बिजली सुनिश्चित हो जाएगी। ये उसकी जरूरत का 30 फीसदी से अधिक है।