बैतूल (हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल जिला मुख्यालय से लगभग पचास किलोमीटर दूर आठनेर से भैसदेही रोड पर सातनेर से पहले मुख्य मार्ग से लगभग पांच - सात किलोमीटर अंदर में एक छोटा सा गांव स्थित है जिसका नाम हिवरा है। 
जहाँ सदियों से वर्तमान में भी गांव के मध्य स्थित माँ भवानी का स्थान जिसका नाम जागृत देवअखाड़ा सिद्ध पञ्चतत्व धाम श्री क्षेत्र हिवरा , बैतूल (मध्यप्रदेश) है। 
आज इस स्थान को किसी तरह से भी पहचान अथवा परिचय की कहीं कोई आवश्यकता नहीं है, वहीं उक्त स्थल अपने आप में विश्व की समस्त शक्तियों का केंद्र बिन्दु है, जहाँ समस्त सृष्टी की शक्तियां शाश्वत एवम् जागृत अवस्था में विद्यमान हैं। चूंकि यह स्थान शून्य है और यहाँ जया - विजया सहित माँ भगवती के द्वारपाल एवम् भगवान् शिव के अंश स्वयं जीवंत होने के साथ ही पंचमहाभूत भी जागृत अवस्था में हैं।
ऐसा हम नहीं कह रहे यह बातें सोमवार 23 जनवरी 2023 को ग्राम हिवरा धाम पधारे अम्बा माता आरोग्य आश्रम के धन्वंतरी पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री सुरेशानंद सरस्वती जी ने माता के दर्शन उपरान्त यहाँ उपस्थित लोगों से कही। यहाँ माता भगवती महामाई के स्नेहाशीष एवम् शिवजी की विशेष कृपा से हमें स्वयं भी विगत नवरात्री की सप्तमी-अष्टमी तिथी को जागृत पञ्चमहाभूत होने की विशेष अनुभूति हुई थी । जिनके सद्प्रताप से ही आज हम इसे लिपिबद्ध करने का साहस कर पा रहे हैं ।


वहीं सोमवार को अम्बा माता आरोग्य आश्रम के धन्वन्तरी पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री सुरेशानंद सरस्वती जी ने माता के दर्शन उपरान्त माता महागौरी , भगवान् भोलेनाथ , रामभक्त वीर बजरंगी सहित अन्य अलौकिक शक्तियों के सशक्त सानिध्य में उन्हें जो दिव्य अनुभूति हुई उसका उनके श्रीमुख से भव्य वर्णन किया गया । जिसे शब्दों में पिरोने का असफल प्रयास हम कर रहे हैं ।

- अलौकिक शक्तियों से परिपूर्ण है यह स्थल ...
अम्बा माता आरोग्य आश्रम के धन्वंतरी पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री सुरेशानंद सरस्वती जी ने चर्चा में बताया कि यह देवअखाडा़ स्थल शून्य है , अर्थात् यहाँ जय-विजय एवम् जया-विजया तथा हनुमानजी और कालभैरव के रूप में साक्षात् माता महागौरीजी , माता महासरस्वतीजी , माता महालक्ष्मीजी , पञ्चजिलेरी शिवलिंग , महागणपति , नंदी महाराज , ब्रह्मदण्ड, लगभग सातवीं सदी का श्री यन्त्र एवम् पाँच आधार स्तम्भ सहित देवों के गण जागृत एवम् सिद्ध रूप में विद्यमान हैं । वहीं उन्होंने वहाँ मंदिर परिसर में उपस्थित ग्रामीणों एवम् भक्तों से सागृह अनुनय निवेदित किया कि यथाशीघ्र आप यहाँ पञ्चतत्वों में से एक जलतत्व जो कि अज्ञानता अथवा किसी अन्य कारणवश ढांक अथवा मूंद दिया गया है उसे अविलम्ब खुलवाना आप लोग ही मिलकर सुनिश्चित करें , साथ ही मंदिर परिसर में नवनिर्मित शौचालय भी वहाँ से हटाकर अन्यत्र बनाने की बात कही गई। उन्होंने बताया कि शौचालय की ओर आग्नेय कोण है अर्थात वहाँ अग्नि का स्थान होना चाहिए जो कि पूर्व में वहाँ था।

- पच्चीस गाँव का है सिवाना ...
अम्बा माता आरोग्य आश्रम के धन्वंतरी पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री सुरेशानंद सरस्वती जी ने बताया कि हिवरा की माता भवानी का यह सिद्धक्षेत्र पच्चीस गाँव का सिवाना है । जो कि अपने आप में जागृत सिद्धपीठ है । वार्तालाप में महामण्डलेश्वर महाराज जी ने बताया कि यह स्थान ऐसा है जहाँ ऊपर से भी यदि किसी व्यक्ति को फेंका जाये तो उसकी कोई हड्डियाँ छिन्न-भिन्न नहीं होगी । उन्होंने बताया कि वीर शिवाजी द्वारा जब मुगलों से लोहा लिया जा रहा था तब इस श्रीक्षेत्र में आसपास के लगभग पच्चीस गांवों से अलग-अलग रास्ते आकर मिलते थे। वहीं आज यह हिवरा वासियों सहित हम सबके लिये शोध का विषय भी है । चूंकि किवदंतियों की माने तो महामण्डलेश्वर महाराज जी की बातों को भी बल मिलता है।

- जल तत्व के आने से यह श्रीक्षेत्र होगा पूर्णतः जागृत...
महामंडलेश्वर श्री सुरेशानंद सरस्वती जी ने चर्चा में बताया कि हिवरा श्रीक्षेत्र में देवअखाडे़ की बावली के द्वार खुलते ही जैसे ही आप उस जल से यहाँ विराजमान देवी देवताओं का जलाभिषेक करेंगे तभी से इस पूरे श्रीक्षेत्र में अलौकिक , सुखद आनन्द की अनुभूति के साथ ही ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में आमूलचूल परिवर्तन परिलक्षित होगा। साथ ही इस श्रीक्षेत्र की महिमा संपूर्ण प्रदेश ही नहीं वरन देश भर में ख्यातिलब्ध होगी। क्योंकि सकल विश्व में ऐसे श्रीक्षेत्र जहाँ साक्षात् एवम् जागृत अवस्था में पञ्चमहाभूत विद्यमान है तीन-चार स्थानों पर ही देखने में आया है। 
उक्ताशय में महामण्डलेश्वर महाराज जी ने माता के भक्तों एवम् ग्रामीणों से जो चर्चा की और जैसा हमें अवगत कराया कि वे आगामी मई में यहाँ तीन दिनों के लिये आनेवाले हैं । उन्होंने अपने मई माह में प्रवास पर आने का वर्तमान में प्रयोजन से अवगत नहीं कराया है। वहीं उन्होंने कहा कि यह श्रीक्षेत्र और यहाँ साक्षात् जागृत देवी देवताओं के दर्शनलाभ पाकर वे अभिभूत हैं ।

... और अंत में हमारे अपने अंतर्मन की - 
- शब्दव्यञ्जना से हमारा तन-मन हो रहा पुलकित-रोमांचित...
महामण्डलेश्वर महाराजश्री को माताजी के सानिध्य में होने वाली अतिविशिष्ट अनुभूतियों के अन्यान्य  वर्णन को शब्दों में लिपीबद्ध करते समय हमारा तन-मन कभी पुलकित तो कभी रोमांचित हो रहा है । हमारे पास उस दिव्य वचनों के लिए शब्द नहीं है । 
आज हम अपने आपको धन्य मानते हैं कि माँ भवानी ने मुझ जैसे तुच्छ व्यक्ति को अपने चरणों मे शीश रखने का परमसौभाग्य प्रदान किया । हमारी माँ भवानी से यही प्रार्थना है कि इस अलौकिक पावन पवित्र श्रीक्षेत्र में मुझे हमेशा अपने चरणों का दास बना करके रखे ।
🙏जय माँ भवानी🙏
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल, 23 जनवरी 2023