दुनिया के आकाश पर भारत चमक रहा है इन शब्दों के साथ भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट पेश किया। वैश्विक मंदी के बावजूद हमारे देश की अर्थव्यवस्था प्रगति पर है तथा चालू वर्ष के लिए हमारी वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर 7% अनुमानित है।

आइए सबसे पहले हम उन परिवर्तनों पर चर्चा करें जिससे आम आदमी जो कि मध्यम वर्ग है सीधा प्रभावित होता है और यह है आयकर के महत्वपूर्ण परिवर्तन...
 कुछ वर्ष पूर्व आयकर के प्रावधानों में एक परिवर्तन किया गया था जिसके अनुसार आयकर रिटर्न दो प्रकार से भरा जा सकता था एक पुरानी पद्धति जिसमें विशेष प्रकार के इन्वेस्टमेंट्स आदि की छूट मिलती थी एवं वह छूट लेकर के जो राशि कर योग्य आती थी उस पर आयकर लगता था तथा दूसरी पद्धति यह थी कि बिना किसी प्रकार के इन्वेस्टमेंट की छूट लिए आप रिटर्न भर सकते थे एवं एक बार अगर आप उस नई पद्धति के अनुसार रिटर्न भरते थे तो आप वापस पुरानी पद्धति में नहीं जा पाते थे।। आयकर से छूट की सीमा ₹250000 ही थी लेकिन धारा 87A के अनुसार ₹12500 की कर की छूट मिलती थी जिसे लेने के पश्चात ₹500000 तक की आमदनी पर टैक्स नहीं लगता था अब यह परिवर्तन इस प्रकार से किया गया है कि धारा 87A की छूट ₹12500 से बढ़ाकर ₹25000 कर दी गई है जिसके अनुसार ₹7लाख  तक की आय पर कर नहीं लगेगा एवं जो न्यूनतम करमुक्त आय  थी उसे ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख कर दिया गया है और इस परिवर्तन को समाहित करने के लिए कर के जो स्लैब थे उन में थोड़ा परिवर्तन किया गया है जो इस प्रकार है जो इस प्रकार है...

₹3 लाख  तक 0%
3 से 6 लाख तक 5%
6 से 9लाख तक 10%
9 से 12 लाख तक 15%
12 से 15 लाख तक 20%
15 लाख से ऊपर 30%

अब जो आयकर के रिटर्न्स भरे जाएंगे वह इस नई पद्धति से ही भरे जाएंगे जिसमें की किसी प्रकार की इन्वेस्टमेंट की छूट आपको नहीं मिलेगी लेकिन भारत का अधिकांश मध्यमवर्ग इस नए परिवर्तन का लाभ ले सकेगा , लेकिन यदि कोई पुरानी पद्धति से इन्वेस्टमेंट की छूट लेकर के रिटर्न भरना चाहे तो वह भर सकता है।

एक और महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है जो लोग 5 करोड़ रुपए से अधिक की आमदनी दिखाते थे उन्हें 37% का सुपर सर चार्ज लगता था जिसे घटाकर 25% कर दिया गया है।

यहां यह बात ध्यान रखने योग्य है की ₹50 लाख तक की इनकम पर किसी प्रकार का सर चार्ज नहीं किया जाएगा उसके ऊपर एक करोड़ तक 10% , एक करोड़ से दो करोड़ तक 15% , एवं दो करोड़ के ऊपर 25% यह नई व्यवस्था रहेगी।

पुरानी पद्धति से जो रिटर्न भरे जाएंगे उसमें छूट 2.5 लाख तक ही रहेगी तथा 2.5 लाख से 5 लाख तक 5% , 5 लाख से 10लाख तक 20% एवं ₹10 लाख से ऊपर की आमदनी पर 30% टैक्स लगेगा, अतः एक आम मध्यमवर्गीय परिवार के व्यक्ति के लिए नई पद्धति से रिटर्न भरना लाभकारी होगा जिसमें वह ₹7 लाख तक की आमदनी पर बिना कोई टैक्स भरे रिटर्न भर सकता है। अतः यह बात स्पष्ट तौर पर समझने की है कि जो कर की दरों में परिवर्तन किए गए हैं वह केवल और केवल नई पद्धति से रिटर्न भरने के लिए ही हैं।

MSME को बढ़ावा देने के लिए बहुत से कारगर परिवर्तन किए गए हैं एक नया प्रावधान  लाया गया है 43B(h) जिसके तहत यदि एग्रीमेंट के अनुसार एमएसएमई को पेमेंट नहीं किया गया है तो एक्सपेंसेस की छूट नहीं मिलेगी। कोऑपरेटिव सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है जो प्राथमिक कृषि सोसाइटीज होती है उनसे पहले कैश में केवल 20000 रुपए तक का लोन लिया जा सकता था जिसकी सीमा बढ़ाकर अब ₹2 लाख  कर दी गई है।

बजट के अन्य मुख्य बिंदुओं पर हम यदि चर्चा करना चाहे तो इसमें ज्वार बाजरा कोदो कुटकी जीना सामा रागी अभी जो हमारे मिलेट्स हैं जिसे "श्री अन्न " का नाम दिया गया है तथा भारत का एक सीमांत कृषक तथा दूरदराज का एक आदिवासी जिसकी खेती करता है जिसमें बहुत ज्यादा तकनीकी या रसायनों का प्रयोग नहीं होता है उसको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए प्रयास सरकार द्वारा इस बजट में किए गए हैं।

भारत के मत्स्य उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 6000 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है जिससे मछली पकड़ने वाले,  व्यापार करने वाले तथा इस संबंध में जो छोटे-छोटे उद्योग हैं उन्हें बढ़ावा मिलेगा।

प्राथमिक कृषि समितियों को बढ़ावा देने के लिए सहकार से समृद्धि योजना के अंतर्गत 2516 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है जिसका फायदा देश की 63000 सोसाइटी को मिलेगा। देश में 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलने का प्रावधान है।

कुपोषण आज विश्व की एक गंभीर समस्या है तथा भारत में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में हम इस समस्या का सामना कर रहे हैं जिस से निपटने के लिए एक कारगर योजना के साथ इस बजट में प्रावधान किया गया है।

शिक्षा के क्षेत्र में हर पंचायत स्तर पर एक डिजिटल लाइब्रेरी खोलने का प्रावधान इस बजट में किया गया है जिसे नेशनल बुक ट्रस्ट एवं चिल्ड्रंस बुक ट्रस्ट के माध्यम से क्षेत्रीय भाषाओं को भी शामिल कर देश को एक बड़ी अभिनव पहल इस बजट में की गई है।
देश के अंतिम छोर पर जो हमारा नागरिक है उसे फायदा पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन का गठन 15000 करोड रुपए के बजट के साथ किया जाएगा जिसमें मकान शुद्ध पानी सैनिटाइजेशन शिक्षा स्वास्थ्य एवं न्यूट्रीशन तथा रोड एवं टेलीकॉम कनेक्टिविटी के साथ ही सस्टेनेबल लाइवलीहुड अपॉर्चुनिटी पर काम किया जाएगा।

देश में 38800 शिक्षकों की नियुक्ति 740 एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल्स में की जाएगी जिसका फायदा  आदिवासी बच्चों को मिलेगा। देश के क्षेत्र जहां सूखे की संभावना रहती है 5300 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना में  66% का बजट बढ़ाया गया है जो अब बढ़कर 79000 करोड़ हो गया है। इसके अलावा देश में पूंजीगत व्यय को बढ़ाने की दिशा में,  रेलवे के बजट को बढ़ाने की दिशा में लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की दिशा में तथा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाने की दिशा में बहुत सारे प्रयास इस बजट में किए गए हैं।

देश को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 3 नए संस्थान निर्मित किए जाएंगे जिससे हमारी आत्मनिर्भरता इस क्षेत्र में बढ़ेगी।

MSME मैं विवाद से विश्वास योजना के तहत कोविड के दौरान यदि कोई एमएसएमई अपना कांटेक्ट पूरा नहीं कर पाया तो उसे जमा राशि का 95% वापस कर दिया जाएगा, ईकोर्ट्स के फेस 3 में 7000 करोड रुपए का अतिरिक्त बजट, 5G सर्विसेस डिजी लॉकर आदि कुछ अभिनव प्रयास है।

ग्रीन ग्रोथ सेक्टर को लेकर  ग्रीन हाइड्रोजन मिशन पर 19700 करोड़ ,  एनर्जी ट्रांजिशन पर 35000 करोड़ एवं गोवर्धन स्कीम पर 10000 करोड़ का प्रावधान है।
इस बजट में देश के युवाओं पर बहुत फोकस किया गया है, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0, स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म, एवं टूरिज्म इंडस्ट्री आदि में कई प्रस्ताव प्रस्तुत बजट में है।

यह एक दूरगामी बजट है तथा अर्थव्यवस्था को गति देने वाला है परंतु इससे आम आदमी को बचत करने की वृत्ति पर विपरीत असर पड़ेगा एवम उसकी खर्च करने की क्षमता को बढ़ाकर बाजार को बढ़ाने की दिशा में पेश किया किया गया है जिसकी चिंता की जानी चाहिए ।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल , 01 फ़रवरी 2023