बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। चांदू सोसायटी में हरिराम ने ऐसे-ऐसे चमत्मकार दिखाए है कि उन्हें देखकर अच्छे-अच्छे लोग नमस्कार करते है? यह बात सहकारिता के क्षेत्र में अक्सर जुमले के रूम में कही जाती है! यह जुमला यूं ही नहीं कहा जाता, इसके पीछे ठोस वजह भी है! वजह यह है कि ऑडिट रिपोर्ट में यह साफ शब्दों में लिखा है कि 2014-15 में हरिराम ने समिति से बांटे गए कर्ज में मूलधन की राशि रोकड़ बही में दर्ज की, लेकिन सूद की राशि की एंट्री ही नहीं की? अब यह राशि कहां गई और कहां गई इसका कोई स्पष्टीकरण ऑडिट रिपोर्ट में सामने नहीं आया! इससे  लगता है कि सूद की राशि हरिराम ही हजम कर गया? अब इतना बड़ा फ्राड होने के बावजूद हरिराम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई? इसे देखकर ही हरिराम का लोग लोहा मानते है! सहकारिता में इस बात के लिए हरिराम की मिसाल दी जाती है कि भ्रष्टाचार करने के बाद भी कोई कैसे सुरक्षित बचता है? वजह क्या है यह तो जिला सहकारी बैंक के जीएम और सहकारिता के डीआर ही बता सकते है?

- केस स्टडी: 01  -
960 रूपये का सूद रोकड़ बही में दर्ज नहीं किया... वसूली के आदेश
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार 22 मई 2014 को रोकड़ बही के पृष्ठ क्रमांक 37 पर सायबू पिता सद्दू निवासी जमन्या से 34 हजार 40 रूपये वसूली रसीद क्रमांक 004/11124 के अनुसार दर्ज पाई गई, लेकिन इस रसीद की राशि 960 रूपये सूद वसूली की एंट्री रोकड़ बही में नहीं पाई गई। इससे संस्था को आर्थिक क्षति हुई है। 

- केस स्टडी: 02 
मूलधन में सूद की 960 रूपये की राशि गबन कर ली गई या छोड़ दी गई...
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार 22 मई 2014 के रोकड़ बही के पृष्ठ क्रमांक 37 पर श्रीमती राबू बाई पति सायबू से राशि 34 हजार 40 दर्ज की गई, लेकिन रसीद क्रमांक 005/1124 से राबू बाई से 960 रूपये सूद राशि भी वसूलना था जो छोड़ दी गई या गबन कर ली गई। इस राशि से संस्था को आर्थिक क्षति होना पाया गया।

- केस स्टडी : 03 
1 हजार रूपये का सूद रोकड़ बही में दर्ज करने की वजह हजम कर लिया गया
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार 24 जून 2014 को रसीद क्रमांक 006/11809 के द्वारा डोमा रतिराम निवासी चोहटा से 1 हजार रूपये मूल एवं 1 हजार रूपये सूद कुल 2 हजार रूपये वसूल किया गया, लेकिन सूद राशि रोकड़ बही क्रमांक 94 पर मूल राशि के साथ सूद राशि दर्ज होना नहीं पाया गया। इस तरह से संस्था को 1 हजार का नुकसान हुआ।

- केस स्टडी: 04 
26 हजार रूपये सूद का हजम कर गया था हरिराम, वसूली के थे स्पष्ट आदेश...
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार रसीद क्रमांक 12/11622 के द्वारा मोरसिंग निवासी जमन्या से 36 हजार 050 एवं 29190 सूद राशि योग 66 हजार 240 रूपये वसूल किया गया। रोकड़ बही के पृष्ठ क्रमांक 86 पर दिनांक 26 जून 2014 को असल राशि 37050 और सूद राशि 2990 ही दर्ज की गई। इस प्रकार सूद राशि में से 26 हजार 200 की आमद कम लेने से संस्था को आर्थिक रूप से क्षति का नुकसान हुआ है और इस क्षति के लिए हरिराम को ही उत्तरदायी बताते हुए इनसे वसूल किए जाने की अनुशंसा की गई थी?
नवल वर्मा हेडलाइन 06 फ़रवरी 2023