मुलताई(हेडलाइन)/सलमान शाह । नगर के शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बिना टैक्सी परमिट के बीएमओ के पास चार पहिया वाहन संचालित हो रहा है। नियमानुसार बिना टैक्सी परमिट के वाहन नही लगाया जा सकता! इसके बावजूद सांठ गांठ से बिना टैक्सी परमिट के वाहन संचालित करने का मामला सामने आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीएमओ के आवागमन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो वाहन लगाया गया है, उसका टैक्सी परमिट नही हैं? जबकि सरकारी विभागों में बिना टैक्सी परमिट के वाहन नही लगाया जा सकता? नियमानुसार टैक्सी परमिट सहित अन्य परमिट होने पर ही वाहन अनुबंधित किए जाते हैं! एैसी स्थिति में अस्पताल में अवैध रूप से नियमों की अवहेलना कर वाहन चलाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि बीएमओ के आवागमन के लिए टेंडर प्रक्रिया से एक अर्टिगा वाहन अनुबंधित किया गया था, लेकिन वर्तमान में वाहन का टैक्सी परमिट नही होने के बावजूद धड़ल्ले से वाहन संचालित किया जा रहा है! जो नियमानुसार पूर्ण रूप से गलत है? शासन से हजारों रूपए किराया लेने के बावजूद नियमों का पालन वाहन मालिक द्वारा नही करते हुए सांठ - गांठ करके वाहन चलाया जा रहा है? भविष्य में यदि कोई दुर्घटना हुई तो टैक्सी परमिट नही होने से कई समस्याएं सामने आ सकती है! पूरे मामले में जब तक टैक्सी परमिट सहित अन्य परमिट ना हो तब तक वाहन अनुबंधित नही किया जा सकता, लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा टैक्सी परमिट नही होने के बावजूद कैसे वाहन को अनुबंधित कर चलाया जा रहा है! इसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं? लोगों का कहना है कि नियमानुसार उक्त वाहन की जांच होना चाहिए तथा टैक्सी परमिट नही होने से वाहन का अनुबंध निरस्त किया जाना चाहिए। 

- बिना दस्तावेज के खड़ी है विधायक निधी की एंबूलेंस...
इधर सरकारी अस्पताल में जहां बीएमओ के आवागमन के लिए बिना टैक्सी परमिट का वाहन संचालित हो रहा है जिसका शासन द्वारा भुगतान किया जा रहा है। वहीं दस्तावेज नही होने से विधायक निधि से जनहित में प्रदान की गई एंबूलेंस दस्तावेज के अभाव में खड़ी हुई है। इधर दूसरी एंबूलेंस एक्सीडेंट के बाद क्षतिग्रस्त अवस्था में अन्य शहर के थाना परिसर में खड़ी हुई है जिससे दोनों एंबूलेंस का लाभ मरीजों को नही मिल रहा है। कुल मिलाकर पूरे मामले में जहां जनहित के लिए उपयोग में लाई जाने वाली एंबूलेंस पर पूरे नियम कानून लागू किए जा रहे हैं वहीं निजी वाहनों को अनुबंधित करने में नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। एैसी स्थिति में अस्पताल में लगे अनुबंधित वाहनों की नियमानुसार जांच आवश्यक है। 

- बीएमओ को नही है टैक्सी के संबंध में जानकारी...
 वाहन में मध्यप्रदेश शासन की पट्टिका लगाकर घूम रहे बीएमओ अभिनव शुक्ला से जब पूरे मामले में नियम विरूद्ध बिना टैक्सी परमिट के वाहन का उपयोग करने के संबंध में चर्चा की गई तो उन्होने पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्हे इसकी जानकारी नही है। नियमानुसार बीएमओ को अनुबंधित वाहनों की जानकारी होना आवश्यक है। वे कौन से वाहन का उपयोग कर रहे हैं और वाहन की तमाम औपचारिकताएं पूर्ण हैं कि नही इसकी उन्हे जानकारी नही होना यह साबित करता है कि वे अपनी जिम्मेदारी पूर्ण नही कर रहे हैं। वहीं भविष्य में यदि कोई घटना या दुर्घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा यह भी सवाल उठ रहा है?

- इनका कहना...
वाहन का टैक्सी परमिट है कि नही यह मेरी जानकारी में नही है। मेरे कार्यकाल के दौरान वाहन अनुबंधित नही किया गया है। 
- अभिनव शुक्ला बीएमओ, मुलताई।