बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। चिचोली तहसील की सीताडोंगरी निवासी मंगली पति जुगन धुर्वे 58 वर्ष के मामले में एक तरफ लिपिक महेन्द्र प्रजापति और उसके सहयोगी ने सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने के नाम पर 12 हजार रूपये ले लिए और 10 हजार रूपये की मांग की। जब महिला ने मांग पूरी नहीं की तो उसे सेवानिवृत्त करवा दिया। वहीं दूसरी तरफ जिला कार्यक्रम अधिकारी भी इस आदिवासी महिला के साथ खुला अन्याय करते नजर आ रहे है। वे मेडिकल बोर्ड द्वारा बनाए गए आयु प्रमाण पत्र को मान्य नहीं कर रहे है, जबकि संचानालय से नियम यह है कि जिसके पास 10 वीं की मार्कशीट नहीं होती है उसके मामले में विशेष परिस्थितियों में मेडिकल बोर्ड द्वारा निर्धारित आयु को मान्य किया जाता है। सीताडोंगरी आंगनवाड़ी में पदस्थ सहायिका मंगली के मामले में डी.पी.ओ. भी इस नियम को मान्य करने को तैयार नहीं है। जो कि एक तरह का अत्याचार है।

- लिपिक महेन्द्र प्रजापति ने ही किया पैसे के लिए संपर्क...
मंगली पति जुगन धुर्वे ने बताया कि चिचोली परियोजना से 31 अक्टूबर 2022 को जारी सेवानिवृत्ति तिथि के पूर्व सूचना पत्र के संबंध में पत्र दिसम्बर में प्राप्त हुआ। इसके बाद विभाग के महेन्द्र प्रजापति ने उससे 5 हजार रूपये की मांग करते हुए कहा कि तुम्हारी सेवानिवृत्ति तारीख बढ़ा दूंगा। इसके बाद उसने मेडिकल प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर 7 हजार रूपये की मांग की। कुल 12 हजार रूपये लेने के बाद 10 हजार रूपये और मांगे। जब उसे 10 हजार रूपये नहीं दिए गए तो उसने मंगली को सेवानिवृत्त कर नंदिका जौंजारे को नियुक्ति दे दी। मंगली धुर्वे का कहना है कि उसने इस मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी के साथ-साथ कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को भी शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

- मेडिकल बोर्ड का प्रमाण पत्र बताता है कि मंगली को नहीं कर सकते सेवानिवृत...
जो नियमों के जानकार है उनका कहना है कि उम्र की प्रमाणिकता के लिए यदि कक्षा 10 वीं या अन्य बोर्ड की मार्कशीट न होने पर मेडिकल बोर्ड द्वारा बनाया गया उम्र का प्रमाण पत्र मान्य किया जाता है और इस आधार पर सेवानिवृत्ति की तारीख भी तय की जाती है। मंगली के मामले में डी.पी.ओ. अज्ञात कारणों से प्रमाण पत्र मान्य नहीं कर रहे हैं?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 21 मई 2023