बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा ।  सहकारिता सेक्टर में भीमपुर ब्लॉक की चांदू सोसायटी की इतनी कथाएं प्रचलित हैं कि हर दिन एक नया मामला सामने आ जाता है! इस सोसायटी को लेकर कहा जाता है कि यहां पर न खाता है ओर न  बही है जो हरिराम कहे सो सही है? ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि चांदू सोसायटी में सहाकारिता के तमाम नियम कायदों को ताक पर रखकर सोसायटी का संचालन हो रहा है! यह आरोप लगने की बड़ी वजह ऑडिटर्स की रिपोर्ट है? इन रिपोर्ट से ही कई तरह की गड़बडिय़ां सामने आई है! इन सबके बावजूद भी हरिराम का बाल बांका नहीं हो पाया है?
खैर जो भी हो, लेकिन अब चांदू सोसायटी से जो खाद का वितरण होता है इस पर भी सवाल है? कहा जाता है कि जब खाद का शार्टेज होता है तो शेषराव अलोकर के घर से यूरिया की  कालाबाजारी तक होती है! इसकी वजह जाँच का विषय है कि शेषराव अलोकर के घर से चांदू सोसायटी की खाद का वितरण आखिर क्यों किया जाता है? अब ऐसा क्यों किया जाता है और किस नियम से किया जाता है इसको लेकर कोई ठोस जवाब हरिराम के द्वारा जाहिर नहीं किया गया पर यह भी गहन जांच का विषय है?

- जब पूरे जिले में भी खाद नहीं मिलती तब शेषराव के घर से ही मिलती है...
उड़दन क्षेत्र के किसान अभिषेक दुबे का कहना है कि हमारे क्षेत्र के किसान तो कहते है कि जब ब्लेक में भी जिले में कही भी यूरिया न मिले तो कहीं नहीं प्रभूढाना चले जाओ थोड़ा पैसा जरूर ज्यादा लगेगा, लेकिन आसानी से खाद मिल जाएगी! उनका कहना है कि कोई शेषराव अलोकर का घर है वहां से खाद का वितरण होता है और इसलिए लोग कहते है कि जब खाद न मिले तो हरिराम से मिल लो और शेषराव अलोकर के घर चले जाओ?

- चांदू क्षेत्र की राशन दुकानों के सेल्समेन भी जांच का विषय हो सकते हैं...
चांदू क्षेत्र की राशन दुकानों की कार्यप्रणाली को देखते हुए उक्त क्षेत्र के लोगों का कहना है कि जिस तरह से राशन दुकान के सेल्समेनों ने आर्थिक तरक्की की है उसे देखते हुए इन सबकी जांच भी होनी चाहिए जितनी इनकी आय है उससे कहीं ज्यादा संपत्ति का इन्होंने अर्जन किया है! लोगों का कहना है कि यहां पर राशन के गोलमाल में हरिराम सबका प्रेरणा स्त्रोत है और सबको वरद् हस्त भी इसी का प्राप्त है?

- 2011 में हुई सेल्समेन की भर्ती भी सवालों के घेरे में रही है...
चांदू सेक्टर की राशन दुकानों में जो भर्तियां हुई थी वह एक समुदाय विशेष के लोगों की हुई है और यह सब आपस में रिश्तेदार है और इन सबका कनेक्शन कहीं न कहीं हरिराम के पाटनकर सरनेम से जरूर जुड़ा हुआ है! यह भी जांच का विशेष है कि उस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में सभी समितियों में आदिवासियों को प्रतिनिधित्व को क्यों नहीं मिलता है? किसी खास समुदाय विशेष लोगों का ही एकाधिकार क्यों है?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल  ,  08 फ़रवरी 2023