नई दिल्‍ली । हवाई जहाज कंपनियों ने बीते एक साल में फ्लाइट्स में तकनीकी खराबी की काफी शिकायते दर्ज की जिसके चलते उनकी आपात लैंडिंग भी हुई। इस घटनाओं के बाद डायरेक्‍ट्रेट जनरल ऑफ स‍िविल एविएशन-डीजीसीए ने कार्रवाई भी की है। पिछले एक वर्ष में तकनीकी खराबी की कुल 478 शिकायतें दर्ज की गयीं। इस संबंध में नागरिक उड्डयन राज्‍य मंत्री द्वारा संसद में जवाब दिया गया है, जिसमें एयरलाइंस कंपनी और शिकायतें बताई गई हैं।
नागरिक उड्डयन राज्‍य मंत्री द्वारा संसद में दिए गए जवाब के अनुसार 1 जुलाई 2021 से लेकर 30 जून 2022 तक कुल 478 शिकायतें दर्ज की गयीं हैं। इनमें अधिक शिकायतें एयर इंडिया की 199 रही हैं। एयर इंडिया में एयर इंडिया फ्लीट ए और बी के अलावा एयर इंडिया एक्‍सप्रेस व एलाइंस एयर शामिल हैं। दूसरा नंबर इंडिगो का है, इस एयरलाइंस की 98 तकनीकी खराबी की शिकायतें दर्ज की गयी हैं। हालांकि एयर इंडिया और इंडिगो में मार्केट शेयर की तुलना की जाए तो एयर इंडिया का 8 फीसदी से अधिक और इंडिगो का 50 फीसदी से अधिक शेयर हैं। वहीं तीसरा नंबर स्‍पाइस जेट का है, इसकी 77 तकनीकी खराबी की शिकायतें दर्ज की गयी हैं, इस एयरलाइंस का मार्केट शेयर 9 फीसदी के करीब है।
वर्ष 2021-22 के दौरान की गई निगरानी, स्पॉट चेक्स और रात के समय की गई निगरानी के दौरान पाए गए उल्लंघनों के आधार पर डीजीसीए द्वारा उल्लंघन के 21 मामलों में एयरलाइन आपरेटर, जिम्मेदार कार्मिक/ पदधारक के खिलाफ, प्रवर्तन कार्रवाई की गई है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ लाइसेंस रद्द करना, पदधारक (विमान के रखरखाव में शामिल एयरलाइनों के स्वीकृत कार्मिक) को पद से हटाना, चेतावनी पत्र जारी करना आदि शामिल हैं।
हाल ही में मैसर्स स्पाइसजेट लिमिटेड को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। विभिन्न स्पॉट जांच, निष्कर्षो, निरीक्षणों और कारण बताओ नोटिस के मैसर्स स्पाइसजेट द्वारा दिए गए जवाब के आधार पर ग्रीष्म अनुसूची, 2022 के तहत मैसर्स स्पाइसजेट के स्वीकृत उड़ानों की संख्या, 27 जुलाई 2022 से 8 सप्ताह की अवधि के लिए 50 प्रतिशत तक सीमित कर दी गई है, ताकि सुरक्षित और विश्वसनीय हवाई परिवहन सेवा निरंतर जारी रह सके।