पटना| लोकसभा चुनाव में अभी करीब एक साल की देरी है, लेकिन इस चुनाव को लेकर बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। इस चुनाव में भाजपा सोशल मीडिया और आईटी को एक बड़े हथियार के रूप में इस्तेमाल करने जा रही है। यही कारण माना जा रहा है कि भाजपा अभी से ही सोशल मीडिया और आईटी टीम को सक्रिय करने में जुट गई है।

बिहार भाजपा केंद्र स्तर की टीम की प्रत्येक गतिविधि को बूथ स्तर तक की टीम को जोड़ने में जुटी है। भाजपा का मानना है कि चुनाव में संचार तंत्र की मुख्य भूमिका है।

सूचनाओं का प्रवाह ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर, यानी केंद्र, प्रदेश के काम और निर्देश बूथ तक और बूथ पर हो रही गतिविधियों की जानकारी प्रदेश और केंद्र तक निर्बाध और तेज गति से चलती रहे, इसे सुनिश्चित करना होगा।

इसके अलावा सोशल मीडिया पर चल रहे विपक्षी दलों द्वारा कथित कुप्रचार का न केवल जवाब देना बल्कि भाजपा की नीतियों और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाना भी सोशल मीडिया टीम की जिम्मेदारी है।

भाजपा इसबार जदयू से अलग होकर लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरने जा रही है। बिहार की 40 सीटों में से 38 सीटों को जीतने की योजना भाजपा ने तैयार किया है।

बिहार प्रदेश भाजपा सोशल मीडिया के सह संयोजक शुभम राज सिंह ने आईएएनएस को बताया कि सरल ऐप के माध्यम से बूथ स्तर तक की जानकारी भाजपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं को मिल रही है।

उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर सक्रिय करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संगठन के सभी जिलों में प्रशिक्षण कार्य सम्पन्न कर लिया गया है जबकि मंडल स्तर पर 15 फरवरी तक प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न करने की योजना है।

उन्होंने बताया कि इसके बाद सोशल मीडिया टीम की क्षेत्रीय स्तर पर पार्टी के महामंत्री बैठक कर विपक्ष के नैरेटिव को ध्वस्त करने की कला भी बताएंगे।

इधर, सूत्र बताते हैं कि बिहार भाजपा सोशल मीडिया के सक्रिय 10 हजार से अधिक सोशल मीडिया वैरियर्स की एक टीम तैयार की है जो आने वाले चुनाव में मुख्य भूमिका में होगी।

बिहार सोशल मीडिया के प्रभारी और प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश वर्मा ने कहा कि आगामी चुनावों में सोशल मीडिया की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि वॉट्सऐप ग्रुप के माध्यम से भी बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि आगामी चुनावों में पारंपरिक प्रचार के अलावा लोगों तक पहुंचने के लिए डिजिटल व्यवस्था चुस्त रखनी होगी। यही कारण है कि भाजपा बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर बढ़ा रही है। भाजपा शुरू से ही चुनाव प्रचार में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में अग्रणी रही है।

पिछले दिनों बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने भी सोशल मीडिया और आईटी टीम की बैठक की थी और सोशल मीडिया की भूमिका पर चर्चा की थी।

उल्लेखनीय है कि भाजपा बिहार सरकार की विफलताओं से संबंधित पोस्ट, अपराध, बेरोजगारी महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों के आंकड़े को लेकर सवाल उठाने वाले पोस्ट, केंद्र की योजनाओं से लोगों को मिल रहे लाभ से संबंधित पोस्ट और केंद्र की योजनाओं को लागू करने में राज्य सरकार की नाकामियों से जुड़े हुए पोस्ट किए जाते हैं।