(बैतूल) अवैध कालोनियों का "पाप" पंचायतों में सीएम हेल्पलाईन पर "नासूर" बना,
- बैतूल शहर और उससे लगी दर्जनों कालोनियां अवैध होने से लोग भुगत रहे
बैतूल(ईएमएस)/नवल-वर्मा । शहर से लगी पंचायतों में छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर ग्रामीण सीएम हेल्प लाईन में शिकायत करते हैं। नाली नहीं बन रही, सड़क नहीं बन रही जैसी शिकायतों का भी लंबे समय तक निराकरण नहीं होता। बैतूल जनपद में ही ऐसी कई शिकायतें पेडिंग है जिनका निराकरण 300 दिन से अधिक अवधि से नहीं हो पा रहा है। ग्राम पंचायत सचिव से लेकर जनपद सीईओ तक इन शिकायतों के निराकरण को लेकर हर स्तर पर प्रयास कर चुके हैं, लेकिन समाधान नहीं मिल रहा। समाधान नहीं मिलने की बड़ी वजह यह है कि यह समस्याएं ऐसी है कि इसका सीधा सरोकार जनपद से जुड़ता ही नहीं है। दरअसल जो विकास के कार्य को लेकर शिकायतें की गई हैं उसमें सबसे बडा़ पेंच यह आ रहा है कि पंचायतों के वह क्षेत्र अवैध कालोनियों में आते हैं। जब तक कालोनी वैद्य नहीं होगी तब तक ग्राम पंचायत वहां कोई काम नहीं करा सकती। कहने का मतलब यह है कि अवैध कालोनियों का पाप अब पंचायतों के लिए सिर दर्द बन गया है।

- उदाहरण : 01 
- तीन माह से भारत भारती में पानी निकासी की शिकायत सीएम हेल्प लाईन पर पेडिंग...
कोई ओमप्रकाश है उन्होंने 9 सितम्बर 2021 को सीएम हेल्प लाईन पर शिकायत की थी कि भारत भारती के वार्ड क्रमांक 4 में पानी की निकासी नहीं हो रही है और पानी उनके घर में भरा रहता है। जिसके कारण उन्हें दिक्कत हो रही है। मामले में जनपद सीईओ ने जांच करवाई तो यह सामने आया कि उक्त आवास खसरा नं 179 में बना हुआ है। जो कि 11 जनवरी 2012 से एसडीएम द्वारा प्रबंधन में लिया जा चुका है। इसलिए वहां नाली नहीं बन सकती।

- उदाहरण: 02 
- अधूरी सड़क नहीं बना रही पंचायत क्योंकि वहां कालोनाईजर ने जमीन नहीं छोड़ी...
कोई देवेन्द्र मालवीय है उन्होंने 18 नवम्बर 2021 को शिकायत दर्ज कराई कि ग्राम पंचायत टेमनी द्वारा सड़क का निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया है। यह सड़क 2019 में बनी थी। कई बार ग्राम पंचायत को सूचना देने पर भी सड़क नहीं बन रही है। जनपद पंचायत ने अपनी जांच में बताया कि जिस 69/6 खसरा नंबर में शिकायतकर्ता सड़क बनाने की मांग कर रहा है वह किसी की निजी भूमि है। यहां पर ग्राम पंचायत सड़क नहीं बना सकती।

- उदाहरण: 03 
- क्षेत्र में साफ सफाई और पानी की निकासी की व्यवस्था भी नहीं कर रही ग्राम पंचायत...
ग्राम पंचायत बडोरा में निवास करने वाली कमला गावंडे ने 10 जून 2021 को सीएम हेल्प लाईन में शिकायत दर्ज कराई थी कि ग्राम पंचायत बडोरा द्वारा पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है और साफ सफाई भी नहीं करवा रहे है। इस शिकायत की जांच में यह बताया गया कि खसरा नं 248 में यह मकान बना है, अवैध कालोनी है और जो विकल्प बताया जा रहा है वह संभव नहीं है। अवैध कालोनी होने से नाली निर्माण संभव ही नहीं।

- उदाहरण: 04 
- ग्राम पंचायत ने नाली निर्माण करने से ही शिकायकर्ता को कर दिया गया इंकार...
बडोरा की द्वारका नगर में रहने वाली कमला बड़ोदे ने 16 अगस्त 2021 को सीएम हेल्प लाईन में शिकायत दर्ज की थी कि उनके क्षेत्र में नाली निर्माण नहीं है। पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। बहुत ज्यादा गंदगी रहती है। ग्राम पंचायत ने अपनी शिकायत में बताया कि कमला बड़ोदे का मकान द्वारका नगर में बना है जो अवैध कालोनी की श्रेणी में आती है। कालोनी का विधिवत लेऑउट न होने से राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन नहीं किया जा सकता इसलिए वहां भी निर्माण संभव नहीं।

- शहर और शहर से लगे इलाकों में दर्जनों अवैध कालोनियां पर कार्रवाई ही नहीं...
बैतूल शहर और शहर से लगी पंचायतों में दर्जनों अवैध कालोनियां काटी गई। किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। अब जिन लोगों ने प्लॉट खरीद लिए है और मकान बना लिए है उन लोगों को किसी तरह की कोई मूलभूत सुविधा नहीं मिल  रही है जो कालोनाईजर या डेव्हलपर्स है उनके ऊपर राजनीतिक वरदहस्त है इसलिए कार्रवाई नहीं होती।

- कालोनियों का प्रबंधन में लेना प्रशासनिक लेनुआ है, होता जाता कुछ भी नहीं...
जब भी अवैध कालोनियों की बात उठती है तो प्रशासन विशेषकर एसडीएम कार्यालय से उक्त कार्यालय को प्रबंधन में लेने की कार्रवाई शुरू कर दी जाती है, लेकिन यह कार्रवाई भी एक बड़ा गणित होता है और जैसा ही गणित हल होता तो कालोनी बिना विकास कार्य या राशि जमा कराए ही प्रबंधन मुक्त हो जाती है। कुल मिलाकर यह एक प्रशासनिक लेनुआ होता है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  03 जनवरी 2022