(बैतूल) श्रीराम रेसीडेंसी में बिना नक्शा पास के ही बन रहे है मकान..!

- कलेक्टर के आदेश के बाद भी एसडीएम के एफआईआर न कराने का लोग भुगत रहे खामियाजा..?

बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । शहर में अवैध कालोनियों का मकडज़ाल है और जो अवैध कालोनाईज़र है वे सब राजनैतिक संरक्षण और प्रशासनिक पकड़ के दम पर सुरक्षित बचे हुए हैं। इन लोगों ने समाजसेवी का मुखौटा लगा रखा है, लेकिन इनकी कालोनियों में जिन लोगों ने प्लॉट और मकान खरीदे हैं वे भी हैरान परेशान हैं? उनकी परेशानियों की तरफ कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है? ऐसी ही शहर में एक कालोनी है श्रीराम रेसीडेंसी जो कि चक्कर रोड पर स्थित है। इस कालोनी में बिना नगरपालिका के अनुमति और नक्शा पास कराए ही अलीशान मकानों का धड़ा-धड़ा निर्माण हो रहे है। इस निर्माण को लेकर नगरपालिका को भी पूरी जानकारी है और उसमें बकायदा एक प्रतिवेदन एसडीएम को दिया हुआ है। जिसमें कालोनाईजर के खिलाफ एफआईआर कराने की बात कही गई है? एसडीएम इस प्रतिवेदन और कलेक्टर के निर्देश के बाद भी एफआईआर नहीं करा रही है इसलिए उस अवैध कालोनी में तमाम अवैध निर्माण हो रहे हैं?

- करीब आधा सैकड़ा से अधिक मकान, भवन का निर्माण पर सब अवैध...
मोती वार्ड चक्कर रोड में खसरा नं 224/26 में 0.325 हेक्टेयर में श्रीराम रेसीडेंसी कालोनी बनाई जा रही है यहां पर करीब आधा सैकड़ा मकान बन चुके हैं और लगभग आधा सैकड़ा का निर्माण चल रहा है, लेकिन यह सब के सब अवैध हैं। पिछले दो वर्ष से यहां निर्माण हो रहा है, लेकिन किसी के पास भी नपा की अनुमति नहीं है और न ही उनके नक्शे पास हैं!

- मकानों में नियम अनुसार नहीं बन रही रैन वाटर हार्वेस्टिंग...
नगरपालिका क्षेत्र में कोई भी भवन निर्माण होगा तो उसमें अनिवार्य शर्त यह है कि उसमें रैन वाटर हार्वेस्टिंग बनाई जाना चाहिए। श्रीराम रेसीडेंसी कालोनी में जितने भी मकान बन रहे है उसमें किसी भी मकान में रैनवाटर हार्वेस्टिंग नहीं बनी है और न ही इसकी नियम अनुसार राशि भी नगरपालिका में जमा हुई है! यह एक तरह का अपराध है?

- लोगों को सभी अनुमति का झांसा देकर बेचे गए यहां पर प्लॉट...
श्रीराम रेसीडेंसी के डेव्हलपर्स मनीष ठाकुर, राकेश राठौर और अजय सिंह देवड़े आदि ने लोगों को यह झांसा देकर प्लॉट बेचे कि उक्त कालोनी में टीएनसीपी, रेरा, नगरपालिका आदि सभी तरह की अनुमति है और यह वैद्य कालोनी है। जबकि टीएनसीपी के अलावा इस कालोनी में कोई अनुमति न होना सामने आ रहा है। कुल मिलाकर झांसा दिया गया है।

- राजनैतिक संरक्षण से कालोनाईजर को प्रशासन का जरा भी डर नहीं...     
बताया गया कि जो कालोनाईज़र है उनके पास राजनैतिक संरक्षण हासिल है। वे किसी माननीय के बेहद करीबी हैं और इसका पूरा फायदा उठा रहे हैं। बताया गया कि वे प्रशासन के नोटिस या किसी भी तरह की सूचना को कोई तवज्जों नहीं देते हैं। कालोनाईजर द्वारा तमाम बात सार्वजनिक होने के बाद भी नियम अनुसार अनुमति के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। एक तरह से वह प्रशासन को भी खुली चुनौती दे रहे हैं।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 08 जनवरी 2022