(बैतूल) श्रीराम रेसीडेंसी में मंदिर के लिए छोड़ी जमीन समाज के मंगल भवन को दान देकर लूटी थी वाहवाही..!,

- अवैध कालोनी में एफआईआर को लेकर अब हो रही हलचल

बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा । किसी भी कालोनी के निर्माण के लिए कुछ निमय कायदे हैं, लेकिन नियम कायदों के साथ भी जमकर खिलवाड़ होता है। कालोनाईजर जिन शर्तो के आधार पर टीएनसीपी, नगरपालिका, रेरा से अनुमति हासिल करता है उनका परिपालन नहीं करता। कालोनाईजर का मूल मकसद येनकेन प्रकारेण प्लॉट बेचकर मोटा मुनाफा कमाना रहता है और इसके लिए वह किसी भी स्तर पर अफरा-तफरी करने से बाज नहीं आता। लोगों को सुविधाओं का सब्जबाग दिखाकर अपना उल्लू सीधा कर लेते हैं, बाद में लोग परेशान होते है। चक्कर रोड मोतीवार्ड स्थित श्रीराम रेसीडेंसी में कालोनाईजर ने इससे भी दो कदम आगे जाकर अपनी बुद्धि का उपयोग किया। उसने जो खाली जमीन मंदिर के लिए छोडऩा बताया था उसे रघुवंशी समाज के मंगल भवन के लिए दान में देना बताकर खूब वाहवाही लूट ली। इस वाहवाही लूटने का मकसद यह था कि उसने जो कालोनियों में नियम अनुसार वहाँ जो सुविधाएं नहीं दी, उस पर से सबका ध्यान हटाना था। बताया गया कि यह सब खुलासे होने के बाद कालोनाईजर हड़बड़ाया हुआ है।

- कालोनी में पार्क भी नहीं बनाया गया...
श्रीराम रेसीडेंसी जो कि 0.3250 हेक्टेयर रकबे में नियम से जितनी जमीन खाली छोडऩा था उतनी छोड़ी नहीं है। वहां पर जो पार्क बनाया जाना था वह भी कहीं नजर नहीं आ रहा है। कालोनाईजर ने इसी तरह मंदिर बनाने के लिए जो जमीन छोडऩा बताया था उस जमीन को अब उसने रघुवंशी समाज को दान देना बताया है। यह जमीन जो दान दी गई है इसका सीमांकन हो तो कुछ नया सामने आ सकता है।

- नपा के प्रतिवेदन पर एसडीएम सक्रिय...
 बताया गया कि श्रीराम रेसीडेंसी की वस्तु स्थिति को लेकर नगरपालिका बैतूल ने एसडीएम बैतूल को एक प्रतिवेदन भेजा था। जिसमें साफ तौर पर बताया गया था कि खसरा नंबर 224/26 में श्रीराम प्रापर्टी एण्ड डेव्हलपर्स के पार्टनर राकेश राठौर, मनीष ठाकुर, अजय देवड़े आदि ने जो कालोनी बनाई है वह अवैध है। अब इस प्रतिवेदन को लेकर एसडीएम कार्यालय में भी हलचल है।

- कायदे से होना चाहिए अब एफआईआर...
जो कालोनाईजिंग के नियम कायदों को समझते है उनका तो साफ तौर पर कहना है कि इस पूरे मामले में कालोनाईजर पर एफआईआर होना चाहिए। यह वहां प्लॉट खरीदने वाले लोगों के साथ ही नहीं बल्कि प्रशासन और नगरपालिका के साथ भी छल का मामला है। बिना नगरपालिका की अनुमति और रेरा के ही प्लॉटिंग करना और उसे बेचना अपराध की श्रेणी में आता है।

- इनका कहना ...                                
श्रीराम रेसीडेंसी टीएनसीपी से अप्रूव्ड है और पूर्णत: नियमानुसार बन रही है। उसमें कहीं कुछ भी गलत नहीं है।
- मनीष ठाकुर, डेव्हलपर्स
 श्रीराम रेंसीडेंसी, बैतूल ।

- मंगल भवन समाज के चंदे से बना है। अब उसके ऊपर डेव्हलपर्स अपने व्यय से मंदिर बनवाकर देंगे। 
- बीरबल सिंह, जिलाध्यक्ष
 रघुवंशी समाज, बैतूल ।

- यदि कालोनी में सब जायज है तो नगरपालिका उसे अवैध क्यों बता रही है।
- पुंकेश भटकरे, वरिष्ठ पत्रकार।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  12 जनवरी 2022