(बैतूल) दी गई मोहलत में भी प्रस्तुत नहीं किए दस्तावेज श्रीराम रेसीडेंसी पर हो सकती है एफआईआर..! - एसडीएम ने 5 जनवरी के नोटिस में 10 जनवरी तक दिया था समय
(बैतूल) दी गई मोहलत में भी प्रस्तुत नहीं किए दस्तावेज श्रीराम रेसीडेंसी पर हो सकती है एफआईआर!
- एसडीएम ने 5 जनवरी के नोटिस में 10 जनवरी तक दिया था समय
बैतूल(हेडलाईन) /नवल-वर्मा । चक्कर रोड मोतीवार्ड स्थित खसरा नंबर 224/26 में उग आई अवैध कालोनी श्रीराम रेसीडेंसी के मामले में यह सामने आ रहा है कि विगत 05 जनवरी को एसडीएम बैतूल ने भी श्रीराम प्रापर्टी एवं डेव्हलपर्स के पार्टनर को नोटिस जारी किया था। जिसमें बताया गया था कि वे अपनी कालोनी से संबंधित सभी अनुमति एवं प्रक्रिया के दस्तावेज उपलब्ध कराए। यह दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए उन्हें 10 जनवरी तक की मोहलत दी गई थी। इस अवधि में भी उक्त कालोनाईजर और उसके पार्टनर ने दस्तावेज एसडीएम कार्यालय में उपलब्ध नहीं कराए हैं! इस नोटिस में साफ शब्दों में लिखा था कि समय सीमा में दस्तावेज उपलब्ध न कराने पर एफआईआर सहित अन्य वैद्यानिक कार्रवाई की जाएगी? वहीं दूसरी ओर यह सामने आ रहा है कि उक्त कालोनाईजर ने वकील के माध्यम से जवाब के लिए कुछ और समय मांगा है।
- कालोनाईजर को एसडीएम ने नोटिस में मांगे थे तमाम दस्तावेज...
एसडीएम बैतूल ने 05 जनवरी को श्रीराम प्रापर्टी एवं डेव्हलपर्स बैतूल पार्टनर को नोटिस जारी किया था। इसमें कहा गया था कि मौजा टिकारी के खसरा नंबर 224/26 में अनाधिकृत रूप से छोटे-छोटे भूखंड बेचे गए है। इस संबंध में अनुमति के सभी दस्तावेज 10 जनवरी तक प्रस्तुत करें। नहीं करने की स्थिति में मप्र नगरपालिका नियम में एफआईआर होगी।
- इस कालोनाईजर के पास नहीं है सभी विधिवत अनुमति...
जो श्रीराम रेसीडेंसी कालोनी की वास्तविक स्थिति को जानते हैं उनका दावा है कि एक वैद्य कालोनी के लिए जो अनुमति और दस्तावेज होना चाहिए वह सब इनके पास पूरे उपलब्ध नहीं हैं? यदि उपलब्ध होते तो इस कालोनी में बनने वाले मकान को नगरपालिका से विधिवत अनुमति भी होती और नक्शे भी पास होते हैं।
- उपपंजीयक से भी एसडीएम ने तलब की है बेचे गए प्लॉट्स की जानकारी...
वहीं दूसरी और यह भी सामने आ रहा है कि एसडीएम बैतूल ने उपपंजीयक बैतूल से श्रीराम रेसीडेंसी में बेचे गए प्लॉट्स की तमाम जानकारी तलब की है जिससे कि यह स्पष्ट हो सके कि उक्त प्लॉट किन-किन लोगों को कब-कब बेचे गए हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि जब कालोनी अवैध है तो उसके प्लॉट में रजिस्ट्री किस आधार पर हुई?
- प्लॉट खरीदने और मकान बनाने वाले अब उलझकर रह जाएंगे...
श्रीराम रेसीडेंसी जैसी अवैध कालोनी में प्लॉट खरीदने और वहां पर मकान बनाने वाले लोग अब उलझकर रह जाएंगे! वजह यह है कि यह कालोनी वैद्य नहीं है इसलिए उन्हें वहां पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होगी? सबसे बड़ी बात यह है कि अभी तक उक्त कालोनी में प्रशासन ने प्लॉट बंधक नहीं बनाए है और न ही कालोनी को प्रबंधन में लिया है, इसलिए यहां भविष्य में भी विकास के कार्य किस आधार पर होगें इस पर भी बड़ा सवाल है? इसमें अब आने वाले दिनों में होने वाली कार्रवाई पर सबकुछ निर्भर है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 13 जनवरी 2022