(बैतूल) माननीय के राजनीतिक वरदहस्त से प्रशासनिक संरक्षण की लगा रहे जुगत..?, - श्रीराम रेसीडेंसी रेरा में पंजीकृत ही नहीं, इसलिए वहां प्लॉट खरीदने वालों को नहीं मिल रहा है बैंक लोन..!
(बैतूल) माननीय के राजनीतिक वरदहस्त से प्रशासनिक संरक्षण की लगा रहे जुगत..?,
- श्रीराम रेसीडेंसी रेरा में पंजीकृत ही नहीं, इसलिए वहां प्लॉट खरीदने वालों को नहीं मिल रहा है बैंक लोन..!
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा ।मोतीवार्ड चक्कर रोड स्थित श्रीराम रेसीडेंसी रेरा से पंजीकृत है या नहीं यह भी एक बड़ा सवाल है। यदि यह कालोनी पंजीकृत होती तो नगरपालिका में मकान के नक्शे स्वीकृत होते और वहां पर मकान बनाने लोगों को लोन भी मिलता। यह कालोनी रेरा में पंजीकृत नहीं है। यह बात इससे स्पष्ट हो जाती है। अब ऐसी स्थिति में एसडीएम को तत्काल चाहिए कि इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करावाएं। इसके बाद पुलिस विवेचना में देखे कि कालोनाईजर के पास क्या दस्तावेज हैं और क्या नहीं हैं ? यदि कोई भी कालोनी रेरा में पंजीकृत नहीं है तो वह अपने आप अवैध है और यह धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है। इस कालोनाईजर को लेकर बताया जा रहा है कि राजनैतिक वरदहस्त के दम पर प्रशासनिक संरक्षण की वजह से अभी तक एक कालोनाईज़र पर एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया नहीं हो रही है और मामले को टालने की कोशिश की जा रही है, जबकि मामला आईने की तरह साफ है। यदि प्रशासन इस मामले में जल्द ही एफआईआर नहीं करायेगा तो प्रशासन की भूमिका पर सवाल तो खड़े होंगे ही?
- बिना रेरा में पंजीकृत कालोनी में प्लॉट खरीदने पर बैंक लोन नहीं देगी...
इस तरह की अवैध प्लॉटिंग के मामलों में लोगों को यह बात अच्छे से समझ लेना चाहिए कि इस तरह की कालोनियों में बही बनाने से लेकर कई तरह की दिक्कतें आती है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि बिना रेरा में पंजीकृत कालोनी में खरीदे गए प्लॉट पर कोई भी राष्ट्रीयकृत बैंक लोन नहीं दे सकती। इसलिए लोगों को इस तरह की कालोनियों में प्लॉट खरीदने से भी बचना चाहिए।
- स्थिति : 01- रेरा सेक्शन 59 ...
रेरा अधिनियम धारा 3 में पंजीकृत उपबंधों की अवमानना करने पर सेक्शन 59 में परियोजना लागत का 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया ही जाना चाहिए। उक्त कालोनी रिकार्ड के अनुसार रेरा में पंजीकृत नहीं है।
- स्थिति : 02- रेरा सेक्शन 61...
यदि कालोनी रेरा में पंजीकृत नहीं है तो अधिनियम की धारा 3 के सेक्शन 61 अनुसार भी उक्त डेव्हलपर या कालोनाईजर पर जुर्माने की कार्रवाई होना चाहिए। यह कुल परियोजना लागत का 10 फीसदी होगा।
- मामले को लटकाने के लिए मांग रहे हैं एसडीएम से समय...
एसडीएम द्वारा विगत 05 जनवरी को दिए गए नोटिस के जवाब में 10 जनवरी तक दस्तावेज और जानकारी उपलब्ध कराना था वह उपलब्ध नहीं कराई गई और अतिरिक्त समय मांगा गया। जो ऐसे मामले को जानते हैं उनका दावा है कि कालोनाईज़र के पास रेरा सहित अन्य पंजीकरण के दस्तावेज नहीं हैं, इसलिए वह मामले को लटकाने के लिए अतिरिक्त समय मांग रहा है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 16 जनवरी 2022