(बैतूल) सारा एप से जुडऩे के बाद भी पटवारी नहीं कर रहे गिरदावरी, - फसलों की गिरदावरी की डेडलाईन समाप्त, रिजल्ट जीरो
(बैतूल) सारा एप से जुडऩे के बाद भी पटवारी नहीं कर रहे गिरदावरी,
- फसलों की गिरदावरी की डेडलाईन समाप्त, रिजल्ट जीरो
बैतूल(ईएमएस)/नवल-वर्मा । फसल बीमा के लिए गिरदावरी होना एक महत्वपूर्ण कारक है, लेकिन अभी तक रबी सीजन में गिरदावरी शुरू ही नहीं हो पाई। जबकि गिरदावरी करने के लिए शासन ने जो 15 जनवरी की डेडलाईन तय की थी वह समाप्त हो चुकी है। अब सरकार को फिर नई तारीख तय करनी होगी और उसमें भी अभी यह तय नहीं की है कि गिरदावरी हो पाएगी या नहीं। वजह यह है कि इस बार गिरदावरी करने के लिए शासन ने पटवारियों के सारा एप में जो नया फार्मूला लाई है उससे पटवारी नाखुश है और वे इस फार्मूले को अपनाने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है। हालात यह है कि गिरदावरी को लेकर जो प्रदेश स्तर का रैकिंग सिस्टम है उसमें बैतूल जिले की स्थिति जीरो में शामिल है। वहीं दूसरी ओर फसल बीमा का प्रीमिय लगभग जमा हो चुका है और बिना गिरदावरी के ही किसानों की फसल भी बीमे के अंदर तय हो चुकी है। ऐसी स्थिति में यदि फसल नुकसानी होती है तो उसका सीधा नुकसान किसानों को उठाना पड़ेगा। हालांकि गिरदावरी शुरू होने के पहले ही शासन ने फसले ंभी अधिसूचित कर दी थी।
- सारा एप से जुड़ गए पर गिरदावरी करने को तैयार ही नहीं...
पटवारी करीब 10 दिन पहले सारा एप से एक साथ लॉगआउट हो गए थे और उन्होंने गिरदावरी करने से इंकार कर दिया था। अभी तीन चार दिन पहले सभी पटवारी वापस सारा एप से जुड़ गए है, लेकिन वे गिरदावरी नहीं कर रहे है। सारा एप के माध्यम से मुख्यमंत्री किसान सम्मान, लघु सिंचाई संगणना आदि कर रहे है, लेकिन गिरदावरी नहीं।
- हर खेत का जिओ टैग करने को तैयार नहीं है पटवारी संगठन...
इस बार सारा एप के माध्यम से पटवारियों को हर खेत में जाकर गिरदावरी करना था उसका जिओ टैग करना था, लेकिन पटवारियों ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। पिछले सीजन तक पटवारियों को केवल 10 फीसदी जिओ टैग करना था इस बार 100 फीसदी कर दिया गया। सरकार ने उसे घटाकर 40 फीसदी कर दिया फिर भी पटवारी तैयार नहीं।
- पहले किसान खुद कर सकता था एप पर अपने खेत की गिरदावरी...
पहले सारा एप में यह व्यवस्था दी गई थी कि किसान अपने खेत की फोटो खींचकर खुद उसे एप पर डाउनलोड कर सकता था, लेकिन पिछले वर्ष से यह व्यवस्था खत्म कर दी गई है। इस बार तो पटवारियों को ही 100 फीसदी जिओ टैग से गिरदावरी करने का आदेश दिया गया है। जबकि पटवारियों का कहना है कि यह बारिश में संभव ही नहीं है।
- कभी भी हो गिरदावरी पर नुकसान किसानों का ही होना है...
गिरदावरी को जो सिस्टम है उसमें समय सीमा और फसल अधिसूचित करने की समय सीमा का अंतर सबसे बड़ा ड्रा बैक है। इससे किसानों को सीधा नुकसान होता है। वर्तमान में किसानों का प्रीमियम जमा हो चुका है। वहीं अभी तक गिरदावरी नहीं हुई है। जबकि सरकार ने रबी सीजन के लिए फसलें 25 अक्टूबर को ही अधिसूचित कर दी और गिरदावरी 15 दिसम्बर से 15 जनवरी के बीच तय की गई। इस स्थिति में फसल नुकसान होने पर किसान का नुकसान होगा।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 17 जनवरी 2022