(बैतूल) प्राकृतिक जलसंरचना पर निर्माण आता है अपराध की श्रेणी में, - श्रीराम रेसीडेंसी के डेव्हलपर्स का हौंसला इतना है कि बिना अनुमति के नाले पर बना डाली पुलिया..!
(बैतूल) प्राकृतिक जलसंरचना पर निर्माण आता है अपराध की श्रेणी में,
- श्रीराम रेसीडेंसी के डेव्हलपर्स का हौंसला इतना है कि बिना अनुमति के नाले पर बना डाली पुलिया..!
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । नदी-नाले पर कोई भी निर्माण करने से पहले विधिवत अनुमति लेनी पड़ती है और जो निर्माण किया जाता है उसकी ड्राईंग डिजाईन भी संबंधित विभाग के इंजीनियर द्वारा अनुमोदित की जाती है। इसके बगैर किसी भी जलसंरचना पर कोई भी निर्माण किया जाना अवैध की श्रेणी में आता है और इसे अपराध भी माना जाता है। इसमें एफआईआर तक के प्रावधान हैं। यह सब होने के बावजूद चक्कर रोड मोती वार्ड स्थित श्रीराम रेसीडेंसी के डेल्हलपर्स ने बिना किसी सक्षम विभाग की अनुमति के कालोनी के सामने के नाले पर पुलिया बना डाली और कुछ हिस्से में अतिक्रमण भी कर लिया! यदि इसकी विधिवत जांच करवाई जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि नाले पर कितना अतिक्रमण है? पूरे मामले में नगरपालिका, राजस्व और जल संसाधन विभाग राजनैतिक संरक्षण की वजह से उक्त कालोनाईजर या डेव्हलपर्स के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रहे हैं, जबकि पुलिया निर्माण के मामले में तो एक तरफा एफआईआर दर्ज करवाई जा सकती है? उक्ताशय में कालोनाईज़र से उनका पक्ष जानने के लिए उनके मोबाईल पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
- हाई फ्लड लेवल देखने के बाद ही नाले पर हो सकता है निर्माण...
जल संसाधन विभाग के जो नियम हैं उसमें किसी भी प्राकृतिक जल स्त्रोत या जल संरचना पर किसी भी तरह का कोई भी निर्माण उस जल संरचना के हाई फ्लड लेबल को देखने के बाद ही किया जाता है। जो जलसंरचना का हाई फ्लड लेबल होता है उससे एक निश्चित दूरी पर ही निर्माण कार्य किया जा सकता है।
- ऐसे ही शहर में कालोनाईजर निगल गए कई प्राकृतिक नाले..!
शहर में श्रीराम रेसीडेंसी के अलावा और भी कालोनाईजर है, जो प्राकृतिक नालों को निगल गए है? उक्त क्षेत्र के पटवारी, आरआई इस बात को जानते है लेकिन वे भी इस तरफ से आंख बंद करके रखते है! नालों पर निर्माण या उसमें अतिक्रमण करने से बारिश के दिनों में बाढ़ का खतरा रहता है और जल भराव की स्थिति बनती है।
- डेव्हलपर्स ने तमाम नियम कायदों को रख दिया है ताक पर..!
एक बात तो स्पष्ट हो रही है कि इसे कालोनाईजिंग से संबंधित नियम प्रक्रिया से कोई लेना देना नहीं है। दावा तो किया जाता है कि टीएनसीपी की अनुमति है, लेकिन जो मौके की स्थिति है उसे देखकर लगता नहीं है कि उनके पास यह अनुमति भी है? कुल मिलाकर राजनैतिक संरक्षण और प्रशासनिक सहयोग से कुछ भी चल रहा है!
- इनका कहना...
- किसी भी जलसंरचना पर किसी भी तरह का कोई निर्माण होता है और अनुमति नहीं है तो उसमें सीधे एफआईआर का प्रावधान है। राजस्व और नगरपालिका को ध्यान देना चाहिए।
एस. के. सिरसाम, एसडीओ जलसंसाधन विभाग, बैतूल ।
- श्रीराम रेसीडेंसी पूरी अवैध है हमने तो एफआईआर के लिए एसडीएम को प्रतिवेदन भी दिया है।
- नीरज धुर्वे, ए. ई.
नगरपालिका परिषद, बैतूल ।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 18 जनवरी 2022