(बैतूल) वन भूमि पर बना डाला तालाब, जिला पंचायत सीईओ ने आरईएस से मांगा जवाब,
- आज आरईएस के ईई को स्थल निरीक्षण की देना है स्टेटस रिपोर्ट

बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा घोडड़ाडोंगरी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत गोपीनाथपुर में पंचायत में मनरेगा के तहत वन भूमि पर तालाब निर्माण कर दिया है और यह मामला इतना तूल पकड़ चुका है कि इसकी जांच लोकायुक्त कर रही है। इस स्थिति में जिला पंचायत सीईओ ने आरईएस के ईई से उक्त तालाब के मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। आरईएस ईई को 10 फरवरी तक अपना जवाब स्टेटस के साथ प्रस्तुत करना है। उक्त पंचायत की एक शिकायत की जांच लोकायुक्त में चल रही है और उसमें इस सालीढाना के तालाब का मामला भी शामिल है। इस शिकायत में जिला पंचायत के अधिकारियों की कई बार लोकायुक्त के सामने पेशी हो चुकी है और बार-बार उनसे जवाब तलब किया जा रहा है। इस पंचायत में मनरेगा में वृद्ध मजदूर और नाबालिगों को मजदूरी भुगतान करने का मामला भी लोकायुक्त की जांच में शामिल है। इन स्थितियों को देखने के बाद ही जिला पंचायत सीईओ ने इस तालाब वाले मामले में आरईएस के ईई से स्थल निरीक्षण के आधार पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।

- वन भूमि छोड़कर तालाब निर्माण की संभावनाओं पर मांगी रिपोर्ट...
आरईएस बैतूल के ईई को जिला पंचायत सीईओ ने एक नोटिस जारी कर यह पूछा है कि क्या जो तालाब वन भूमि पर निर्मित हो रहा है उसे वन भूमि छोड़कर भी बनाया जा सकता है या नहीं। उक्त संबंध में स्थल निरीक्षण कर 10 फरवरी तक वे अपनी स्टेटस रिपोर्ट जिला पंचायत में प्रस्तुत करें। जिला पंचायत सीईओ ने लिखा है कि सालीवाड़ा में राबिन के खेत के पास तालाब 50 फीसदी बन चुका है और इस 10 मीटर का हिस्सा वन भूमि पर आ रहा है। यह बात घोड़ाडोंगरी के सीईओ द्वारा गठित जांच दल की रिपोर्ट में सामने आ चुका है। वहीं एसडीओ आरईएस ने भी 19 जनवरी को जो प्रतिवेदन दिया है उसमें इस बात का उल्लेख किया है। 21 जनवरी को लोकायुक्त के सामने जो प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया उसमें बताया गया कि एईघोड़ाडोंगरी द्वारा वन क्षेत्र की भूमि पर बिना विभाग की अनुमति के ही डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। ऐसी स्थिति में वन क्षेत्र में आने वाली भूमि को छोड़कर राबिन के खेत के पास ग्राम सालीवाड़ा ग्राम पंचायत गोपीनाथपुर का स्थल निरीक्षण किया जाए और बताया जाए कि बिना वन भूमि के भी क्या इस तालाब को पूर्ण किया जा सकता है। एक तरह से जिला पंचायत सीईओ द्वारा दिए गए इस नोटिस में स्पष्ट रूप से सहायक यंत्री घोड़ाडोंगरी की भूमिका स्पष्ट हो रही है कि उन्होंने जानबूझकर वन भूमि पर तालाब बनाने की डीपीआर बनाई है।

- लोकायुक्त ने मनरेगा के मजदूरों को लेकर मांगा है प्रतिवेदन...
गोपीनाथपुर पंचायत में मनरेगा में वृद्ध नाबालिग और कैंसर पीडि़तों को भी भुगतान किए जाने की शिकायत लोकायुक्त को की गई थी। इस शिकायत में लोकायुक्त द्वारा जांच की जा रही है और इस जांच में यह सामने आ रहा है कि यहां पर कई ऐसे मजदूर है जो मजदूरी करने में सक्षम नही है, लेकिन उन्हें भुगतान हुआ है। इसके अलावा यहां पर मनरेगा में बनाए गए सरकारी तालाब सहित चेक डेम की जांच भी की जा रही है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  10 फरवरी 2022