(बैतूल) प्रशासन को खुली चुनौती दे रही है गैंग्स ऑफ डुल्हारा ..? - फगन और जुनैद ने फिर खोले कोल माईंस के मुहाने, शुरू हो गया खनन..!
(बैतूल) प्रशासन को खुली चुनौती दे रही है गैंग्स ऑफ डुल्हारा ..?
- फगन और जुनैद ने फिर खोले कोल माईंस के मुहाने, शुरू हो गया खनन..!
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । घोड़ाडोंगरी, चोपना क्षेत्र में तवा नदी के किनारे कोयले का अवैध खनन प्रशासन के लिए सिरदर्द बना हुआ है। जब भी हल्ला मचता है तो गैंग्स ऑफ डुल्हारा अंडर ग्राउंड हो जाती है और प्रशासन अवैध खदानों के मुहाने बंद कर देता है, लेकिन जैसे ही हल्ला खत्म होता है तो गैंग्स ऑफ डुल्हारा बिल से बाहर निकलकर खनन शुरू करवा देती है। अभी दिसम्बर माह में अवैध कोयला खदानों को बंद कराने के लिए पुलिस, राजस्व और माईनिंग विभाग के संयुक्त दल ने डुल्हारा में छापा मारा था और यहां पर खदानें बंद करा दी थी, लेकिन जानकारी अब यह सामने आ रही है कि यह खदानें फिर शुरू हो गई हैं और हर दिन 10 से 20 ट्रक कोयला निकालकर यहां से बाहर भेजा जा रहा है। बताया गया कि यहां पर फगन और जुनैद ने कमान संभाल रखी है। इसलिए यह खनन शुरू हुआ है। कहा जा रहा है कि दूसरी गैंग भी यहां खनन होने के बाद सक्रिय हो गई है और यहां भविष्य में गैंगवार भी हो सकता है।
- लाईलाज मर्ज बन गया है कोयले का अवैध खनन...
डुल्हारा आदि गांव में कोयले का खनन एक लॉईलाज मर्ज बन गया है। पिछले एक दशक से ऐसे कई मौके आए हैं जब प्रशासन ने यहां पर कार्रवाई की है। खदानें बंद करवा दी है, लेकिन इसके बाद भी यहां का खनन स्थाई रूप से कभी बंद नहीं हुआ है। महीने दो महीने यहां का अवैध खनन बंद हो जाता है, लेकिन जैसे ही प्रशासन निष्क्रिय होता है खनन फिर से शुरू हो जाता है।
- पूरा खेल ही सिस्टम के साथ मिली-भगत का है...
कोयले के इस अवैध खनन को बारीकी से जानने समझने वाले कहते हैं कि पूरा खेल ही मिलीभगत का है। यह खनन जहां होता है वहां पर जो भी मैदानी सरकारी सिस्टम है उसे पूरी तरह से मैनेज करके रखा जाता है। इस खेल में कई बड़े खिलाड़ी है जो कोयले की दलाली में हर स्तर पर हाथ रंग रहे है। यही कारण है कि यहां पर कभी भी अवैध खनन करने वालों पर आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई?
- कोयले के अवैध खनन का खेल है खतरनाक...
जिस तरह से यहां पर कोयले का अवैध खनन होता है वह बेहद खतरनाक खेल है और जानलेवा भी है। कुछ पैसे के लिए आदिवासी इस खतरनाक खेल में शामिल होते है। पूर्व में ऐसी घटनाएं भी हो चुकी है जिसमें इन खदानों में कोयला धंसने से मजदूरी करने वाले आदिवासी जख्मी भी हुए है। इसके बावजूद अवैध खनन का यह खेल कभी बंद ही नहीं होता है।
- जिला बदर की कार्रवाई की सुस्त रफ्तार बढ़ाती है हौसला...
पूर्व में कलेक्टर ने अवैध खनन से जुड़े लोगों के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई शुरू की थी यह कार्रवाई अभी तक अंजाम तक नहीं पहुंची है और इसलिए भी अवैध खनन के खेल में शामिल खिलाडिय़ों के हौंसले बुलंद है। जिन लोगों के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई शुरू की थी जिसमें से सूरज की मौत हो चुकी है। वहीं जुनैद को लेकर बताया गया कि इसके तार बहुत ऊपर तक जुड़ हुए हैं।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 15 फरवरी 2022