(बैतूल) पूर्व सांसद हेमंत खण्डेलवाल ने ली गंज मंडी काम्पलेक्स की सुध, फिर शुरू होगा निर्माण
(बैतूल) पूर्व सांसद हेमंत खण्डेलवाल ने ली गंज मंडी काम्पलेक्स की सुध, फिर शुरू होगा निर्माण
बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । लगभग ढाई वर्ष से जिस गंज मंडी कांप्लेक्स का निर्माण कार्य ठप्प पड़ा था वह अब पुन शुरू हो सकेगा। वर्तमान सांसद डीडी उइके पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष बबला आदित्य शुक्ला के प्रयासों से इस मंडी कांप्लेक्स के निर्माण को पुनरीक्षित तकनीकि स्वीकृति प्राप्त हो गई है। मंडी कांप्लेक्स का काम करीब ढाई साल पहले नगरपालिका द्वारा ड्राइंग डिजाइन में बदलाव करने के प्रयास की वजह से बंद हुआ था। उस समय जो पुन ड्राइंग डिजाइन में बदलाव किया गया था उसे प्रशासकीय स्तर पर स्वीकृति ही नहीं मिल पाई थी। कांग्रेस सरकार के समय होने वाले यह परिर्वतन कांप्लेक्स निर्माण के लिए आफत बन गया क्योंकि उसके बाद पुन: भाजपा की सरकार आ गई फिर कोरोना और लाकडाउन आ गया जिसकी वजह से पूरा प्रोजेक्ट का मामला अधर में ही लटक गया।
लेकिन अब इस मामले पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल ने गंभीरता से लिया और अपने स्तर पर प्रयास शुरू किए जिसमें रिवाइज स्टीमेट भेजा गया और उसी में यह पुनरीक्षित तकनीकि स्वीकृति प्राप्त हुई है। इस तकनीकि स्वीकृति के बाद मंडी कांप्लेक्स का काम पुन: तेज गति से होगा। इस बात से वे तमाम व्यापारी खुश है। गंज का बहुउद्देशीय शॉपिंग काम्पलेक्स भाजपा के शासन कॉल में स्वीकृत हुआ था। उस समय इस काम्पलेक्स निर्माण के लिए 1040 लाख रूपए स्वीकृत हुए थे। जानकारी के मुताबिक करीब 392 दुकानें इस काम्पलेक्स में बनाए जाना प्रस्तावित हुआ था। नगरपालिका ने टेंडर निकालकर काम्पलेक्स निर्माण का काम शुरू भी करवाया, लेकिन 2018 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और कांग्रेस की सरकार आ गई। इसके बाद निर्माण कार्य पर राजनीति शुरू हो गई। दुकानदार अभी भी अस्थाई व्यवसाय कर अपनी रोजी रोटी के संसाधन बमुश्किल जुटा पा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक शॉपिंग काम्पलेक्स के निर्माण में अड़ंगा अडऩे के बाद वर्ष 2020 में एक बार फिर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और भाजपा की सरकार आने के बाद इसकी ड्राईंग डिजाईन में तीसरी मर्तबा में बदलाव किया गया। 392 के स्थान पर 406 दुकानदारों को दुकानें आवंटित करने के लिए डिजाईन नई बनाई गई। पिछले वर्ष ही नई ड्राईंग डिजाइन बनकर नगरपालिका के पास पहुंची है, लेकिन आमला तकनीकी स्वीकृति के कारण वर्षों से उलझा पड़ा था।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 25 फरवरी 2022