(बैतूल) ये तो हद हो गई : बैतूलबाजार के मालवीय वार्ड की आंगनवाड़ी में भर्ती का मामला, - सहायिका जैसे छोटे पद की भर्ती में भी है बड़ी धांधली
(बैतूल) ये तो हद हो गई : बैतूलबाजार के मालवीय वार्ड की आंगनवाड़ी में भर्ती का मामला,
- सहायिका जैसे छोटे पद की भर्ती में भी है बड़ी धांधली
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । वर्तमान में जो दौर है उसमें रोजगार एक बड़ी समस्या है। छोटी-छोटी सरकारी नौकरी के लिए भी बड़ी मारामारी है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ता और सहायिका जैसे पदों के लिए भारी उठक-पठक देखने में आती है। इसमें भाई भतीजावाद से लेकर जुगाड़ टेक्नॉलॉजी और भ्रष्टाचार सहित धांधली के आरोप तक लगते हैं। ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका भर्ती में गड़बड़ी किए जाने की शिकायतें की गई थी। ऐसा ही एक नया मामला बैतूलबाजार नगर पंचायत क्षेत्र का है। यहां पर एक सहायिका के पद के लिए जो प्रक्रिया हुई उसमें आरोप यह लग रहे हैं कि जिसका चयन किया गया है उसे नंबरिंग में अतिरिक्त फायदा जानबूझकर पहुंचाया गया है और इस बात को लेकर चयन सूची में दूसरे नंबर पर रहने वाली अभ्यर्थी ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर लिखित में अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। पूरे मामले को लेकर सीडीपीओ ग्रामीण बैतूलबाजार से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने मोबाईल कॉल ही अटेंड नहीं किया।
- सहायिका भर्ती पर यह लगाई गई है आपत्ति...
रजनी गणेश नामदेव का कहना है कि नगर पंचायत बैतूलबाजार के मालवीय वार्ड में सहायिका के पद चयन सूची में कु. श्वेता पिता विजय कुमार की 5 वीं की अंकसूची का प्रतिशत दर्ज नहीं किया गया है। शेष आवदेकों के 5 वीं के प्रतिशत दर्शाए गए हैं। आवेदिका ने बताया कि श्वेता विजय पवार के प्रतिशत दर्ज न होने से मेरे द्वारा चयन सूची पर आपत्ति दर्ज कराई जाती है।
- आरोप यह कि जो 4 नंबर था वह 1 पर आ गया...
शिकायकर्ता रजनी गणेश नामदेव का कहना है कि जो पहली चयन सूची बनी थी उसमें उसका नाम 1 नंबर पर था। फिर बाद में सूची में जो संशोधन किया गया है उसमें 4 नंबर पर जो श्वेता पवार थी वह 1 नंबर पर आ गई और वह दूसरे नंबर पर चली गई। उसका कहना है कि उसने दोनों सूचियां देखी है इसलिए वह दावे से कह सकती है कि कहीं न कही गड़बड़ी की गई है।
- आरोप यह भी कि किसी हस्तक्षेप से हुई गड़बड़...
शिकायकर्ता रजनी गणेश नामदेव का कहना है कि जो भी गड़बड़ हुई है वह किसी के हस्तक्षेप के कारण हुई है। किसी हाईप्रोफाईल अधिकारी या व्यक्ति ने इस मामले में अंतिम समय में कुछ करवाया है जिसकी वजह से पूरी चयन सूची बदल गई और श्वेता पवार के 5 वीं के अंक देकर 4 नंबर से एक नंबर पर लाया गया। इसलिए इसमें सूक्ष्मता से जांच की आवश्यकता है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 26 फरवरी 2022