(बैतूल) त्योहार के दिन समीक्षा बैठक रखने से मैदानी अमले में आपस की चर्चा, - मंगलवार शाम 4 बजे मनरेगा के इंजीनियर और सब इंजीनियर जिला पंचायत के सभाकक्ष में सुदूर सड़क पर बोलेंगे... हर बोला हर-हर महादेव..! - महाशिवरात्रि अवकाश पर समीक्षा बैठक रखने से नाखुश अमले का तंज...
(बैतूल) त्योहार के दिन समीक्षा बैठक रखने से मैदानी अमले में आपस की चर्चा,
- मंगलवार शाम 4 बजे मनरेगा के इंजीनियर और सब इंजीनियर जिला पंचायत के सभाकक्ष में सुदूर सड़क पर बोलेंगे...
हर बोला हर-हर महादेव!
- महाशिवरात्रि अवकाश पर समीक्षा बैठक रखने से नाखुश अमले का तंज...
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । वर्तमान में पंचायती राज में जो वर्किंग चल रही है उसमें मनरेगा जैसी योजना में भी टारगेट बेस काम चल रहा है और इस टारगेट बेस काम में लगातार समीक्षा बैठकें हो रही है। समीक्षा बैठक के लिए समय और दिन और मैदानी अमले की सुविधाओं का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। ऐसा ही कुछ मंगलवार होने जा रहा है जब शिवरात्रि पर्व के अवकाश के दिन जिला पंचायत में सुदूर सड़क को लेकर समीक्षा बैठक रखी गई है। शाम 4 बजे से होने वाली इस बैठक में जिले की सभी जनपद के इंजीनियर और सब इंजीनियर को तलब किया गया है। पर्व के दिन इस तरह समीक्षा बैठक रखने पर पंचायती राज के मैदानी अमले में अधिकारियों के रवैये को लेकर इस तंज के साथ चर्चा में नजर आया कि जिला पंचायत के सभाकक्ष में शाम 4 बजे बोला जाएगा - हर बोला हर-हर महादेव..!
- हर जनपद से एक उपयंत्री कार्रवाई के लिए मांगा गया...
टारगेट के आधार पर प्रगति न आने को लेकर हर जनपद से एक-एक उपयंत्री का नाम कार्रवाई के लिए मांगा गया है। बताया गया कि विभिन्न योजनाओं में किस उपयंत्री का प्रदर्शन लचर रहा। उसके आधार पर उन पर कार्रवाई की जाएगी। अभी हाल ही में उपयंत्रियों को चेतावनी पत्र दिए गए थे। वहीं अब यह भी सामने आ रहा है कि उपयंत्रियों के वेतन भी काटने के निर्देश दिए गए है। इससे उपयंत्रियों में नाखुशी है।
- रोजगार सहायक जनवरी में जता चुके हैं अपनी नाराजगी...
पंचायती राज में जिस तरह से टारगेट के आधार पर काम करवाया जा रहा है, समीक्षाएं हो रही है, नोटिस दिए जा रहे है, वेतन काटा जा रहा है। उसे लेकर मैदानी अमले में असंतोष लगातार बढ़ रहा है। जनवरी माह में चिचोली जनपद पंचायत के जीआरएस ने दबाव सिस्टम को लेकर मोर्चा खोल दिया था और ज्ञापनबाजी की थी। वहीं बैतूल जनपद के जीआरएस भी जनवरी माह में ज्ञापन देकर अपनी पीढ़ा जाहिर कर चुके हैं।
- इसलिए सिस्टम को दबाव मान रहा मैदानी अमला...
1 - मनरेगा में मजदूरी भुगतान का सिस्टम ठीक नहीं है और इसलिए मजदूर मनरेगा को प्राथमिकता नहीं देता। जबकि मजदूर बढ़ाने को लेकर लगातार दबाव रहता है।
2 - मनरेगा में सामग्री का भुगतान लंबे समय तक नहीं होता है। इसकी वजह से निर्माण कार्यों के लिए वेंडर सप्लाई में आनाकानी करते हैं। निर्माण कार्य प्रभावित होते और ऐसे में काम समय पर नहीं होता है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 01 मार्च 2022