(बैतूल) मनरेगा में करीब 4 करोड़ लागत के 8 तालाब वर्षो से पड़े अधूरे, 
- कलेक्टर आदेश के बाद भी ई ई आरईएस ने नहीं भेजी रिपोर्ट तो जिपं सीईओ नाराज
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । मनरेगा में स्वीकृत कार्य लंबे समय से अपूर्ण पड़े हैं। यह जलसंवर्धन के काम है और इन निर्माण कार्यों में नोडल एजेंसी आरईएस विभाग है।  आरईएस ईई को 1 जून 2021 को कलेक्टर बैतूल ने मनरेगा में बन रहे तालाब निर्माण के काम में जो अधूरे निर्माण थे उसकी रिपोर्ट करने के लिए निर्देश दिए थे, लेकिन आरईएस ईई ने यह रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी ही नहीं हैं। इस बात पर जिला पंचायत सीईओ ने नाराजगी जाहिर करते हुए रिपोर्ट एक सप्ताह में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इन निर्माण कार्यो में 8 तालाब है। जिनकी लागत लगभग 3 से चार करोड़ रूपये है। इनमें से कुछ काम वर्ष 2012 के भी है। इसी से अंदाज लगाया जा सकता है कि आरईएस विभाग में काम कैसे हो रहा है। उसके सब इंजीनियर, एसडीओ किस तरह की वर्किंग कर रहे है। जिला पंचायत सीईओ ने अधूरे निर्माण कार्यों को लेकर उपयंत्री और एसडीओ को लेकर भी कार्रवाई प्रतिवेदन आरईएस के कार्यपालन यंत्री सोमदत्त वर्मा से तलब किया है।

- केन्द्र सरकार ने सभी कामों को तत्काल पूर्ण कराने के दिए निर्देश...
बताया गया कि भारत सरकार द्वारा लेबर बजट एवं मीट टर्म रिवाईस ने वर्ष 2019-20 एवं पूर्व वर्षो के सभी कार्य तत्काल पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं। इन्हीं निर्देशों को देखते हुए कलेक्टर ने 1 जून 2021 को तथा जिला पंचायत ने 26 अक्टूबर 2021 को आरईएस के कार्यपालन यंत्री सोमदत्त वर्मा को पत्र लिखकर अधूरे निर्माण कार्यो की रिपोर्टिंग करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने रिपोर्टिंग करना भी जरूरी नहीं समझा।

- ई ई को स्थल निरीक्षण कर देना था निर्माण से जुड़ी तमाम जानकारियां...
कलेक्टर ने पूर्व में जो पत्र कार्यपालन यंत्री को दिया था उसमें स्पष्ट रूप से लिखा था कि सभी आठ तालाब निर्माण कार्यो का स्थल निरीक्षण करना है और टीएस अनुसार गुणवत्तापूर्व कार्य किए अथवा नहीं किए गए के संबंध में कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र मूल्यांकन रिपोर्ट सूचना फलक सहित फोटोग्राफ आउटकम की जानकारी 10 नवम्बर 2021 तक भेजना सुनिश्चित करना था, लेकिन इसके तीन माह बाद भी जानकारी नहीं भेजी गई।

- संबंधित एसडीओ, एई और जेई पर कार्रवाई का प्रतिवेदन भी देना था...
कलेक्टर को जो जानकारी देना था उसमें कार्य गुणवत्तापूर्वक न पाए जाने पर संबंधित उपयंत्री, एसडीओ के विरूद्ध कार्यवाही का प्रस्ताव खामियों का उल्लेख करते हुए दिया जाना था जो नहीं दिया गया है। अब इसलिए जिला पंचायत सीईओ ने 28 फरवरी को पुन: कार्यपालन यंत्री आरईएस से रिपोर्ट मांगी है और साफ शब्दों में लिखा है कि इसे सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर करें और उन्होंने अपनी नाखुशी भी जाहिर की है।

- यह है अधूरे तालाब निर्माण...
1 - आमला के मालेगांव में 2012 को स्वीकृत 33.23 लाख का पिंजरावली नाला, पस्तमलाईमाल तालाब निर्माण।
2 - आठनेर की पांढुर्णा पंचायत में 2018 में स्वीकृत 50 लाख का गोंदियाघाट नाले पर तालाब। 
3 - मुलताई जनपद के बरई में 2020 में स्वीकृत 45.91 लाख का निस्तारी तालाब। 
4 - पट्टन पंचायत में इटावा में 2018 में स्वीकृत 38.60 लाख का बेंडे के खेत के पास तालाब। 
5 - पट्टन में माजरी में 2018 में स्वीकृत 48.16 लाख का तेलिया नाला पर तालाब।
6 - पट्टन में पचधार पंचायत में 2012 में स्वीकृत 49.33 लाख का मारवा तालाब निर्माण।
7 - पट्टन के सिरडी में 49.72 लाख की लागत से 2016 में स्वीकृत निस्तारी तालाब निर्माण।
8 - पट्टन के घाट बिरौली में 2017 में स्वीकृत 18.44 लाख निस्तारी तालाब।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  04 मार्च 2022