(बैतूल) पीसीसीएफ ने सीसीएफ से मांगा जांच प्रतिवेदन, प्रशासन में मचा हड़कम्प , - आमला विधायक का बहुमहत्वकांक्षी प्रोजेक्ट औद्यौगिक क्षेत्र अब उलझ जाएगा? - कालम 12 में आ गया है बड़े झाड़ का जंगल अफसरों ने नहीं ली एफसीए..!
(बैतूल) पीसीसीएफ ने सीसीएफ से मांगा जांच प्रतिवेदन, प्रशासन में मचा हड़कम्प ,
- आमला विधायक का बहुमहत्वकांक्षी प्रोजेक्ट औद्यौगिक क्षेत्र अब उलझ जाएगा?
- कालम 12 में आ गया है बड़े झाड़ का जंगल अफसरों ने नहीं ली एफसीए..!
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । औद्योगिक नगरी सारनी के पास सूखाढाना में करीब 8 हेक्टेयर में उद्योग विभाग एक औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर रहा है। यहां पर लघु उद्योग निगम करीब 8 से 10 करोड़ की लागत में विकास कार्य करवा रहा है। यह काम चल ही रहा है कि यह सामने आया कि जिस जमीन पर यह औद्योगिक क्षेत्र बनाया जा रहा है वह दरअसल बड़े झाड़ के जंगल मद की जमीन है। जंगल मद की जमीन होने के बावजूद यह जमीन उद्योग विभाग को ट्रांसफर कर दी गई। उद्योग विभाग ने इस जमीन पर बिना विधिवत फारेस्ट क्लीयरेंस आर्डर लिए ही विकास कार्य कराना शुरू कर दिया है। जब इस मामले को लेकर वन मुख्यालय भोपाल से खोजबीन शुरू हुई तो यह सामने आया कि खसरा नंबर 13/1 में कालम 12 में स्पष्ट रूप से दर्ज है कि यह जमीन बड़े झाड़ के जंगल मद की है। इसके बाद प्रधान मुख्य वनसंरक्षक भू-प्रबंधन सुनील अग्रवाल ने सीसीएफ बैतूल को एक पत्र लिखा है। यह जानकारी सामने आने के बाद डीएफओ उत्तर वन मंडल, जिला प्रशासन पर बला टाल रहे है और कह रहे है कि जमीन कलेक्टर ने ट्रांसफर की है हमने नहीं।
- पीसीसीएफ ने जांच प्रतिवेदन में यह मांगी है सीसीएफ से जानकारी...
बताया गया कि शुक्रवार को पीसीसीएफ सुनील अग्रवाल ने सीसीएफ बैतूल को जो पत्र लिखा है उसमें बताया है कि कलेक्टर बैतूल द्वारा खसरा नं 13/1 बड़े झाड़ के जंगल मद की भूमि, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र बैतूल को हस्तांतरित की गई। उक्त भूमि भारतीय वन अधिनियम की धारा 4 में अधिसूचित हो गई है, तथा यह जमीन पूर्व में वन विभाग के सर्वे डिमार्केशन में भी शामिल रही है। इसलिए जांच कर प्रतिवेदन भेजें।
- सूखाढाना प्रोजेेक्ट ही नहीं बल्कि उलझ सकते है कलेक्टर बैतूल भी...
जो वन भूमि के मामलो को समझते हैं उनका कहना है कि जिस ढंग से जमीन ट्रांसफर हुई और उसके बाद उद्योग विभाग ने बिना फारेस्ट क्लीयरेंस आर्डर के वहां पर विकास कार्य शुरू कर दिए, करोड़ों रूपये खर्च कर दिए। उसके बाद यदि यह मामला आगे बढ़ता है तो न केवल सूखाढाना औद्योगिक क्षेत्र उलझेगा बल्कि इसमें जमीन ट्रांसफर करने वाले कलेक्टर भी उलझ जाएंगे। इसलिए इस मामले को लेकर प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
- यह हुआ असर : गुणवत्ताहीन घटिया निर्माण पर कलेक्टर ने रोका काम...
- सांसद की अध्यक्षता में गुरूवार को हुई दिशा की बैठक में कलेक्टर ने सूखाढाना औद्योगिक क्षेत्र में लघुउद्योग निगम द्वारा करवाए जा रहे गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य होने पर काम तत्काल रोकने के निर्देश हैं, साथ ही गुणवत्तापूर्ण कार्य कराने के लिए उद्योग निगम को कहा है। यह उन्होंने बैठक में मौजूद आमला विधायक द्वारा घटिया काम पर नाराजगी जाहिर करने के बाद निर्देश दिए है। विदित रहे कि ईएमएस , हेडलाईन एवम् राष्ट्रीय दिव्य दुनिया ने ही सर्वप्रथम यहाँ घटिया निर्माण होने और विधायक द्वारा नाराजगी जाहिर करने का मामला पुरजोर तरीके से उठाया था।
- कुछ ऐसा बोल रहे जिम्मेदार...
- मैं फाईल देखकर ही अपनी प्रतिक्रिया दूंगा। यदि बड़े झाड़ के जंगल को लेकर आपके पास कोई दस्तावेज हैं तो बताएँ। वैसे जमीन तो कलेक्टर ने ट्रांसफर की है। यदि कोई निर्देश होंगे तो जांच कराएंगे।
- पुनीत गोयल, डीएफओ, बैतूल।
- हमें तो जमीन कलेक्टर के माध्यम से मिली है। एफसीए को लेकर हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। जमीन क्लीयर होगी तभी तो हमें ट्रांसफर हुई है और जो प्रक्रिया है उसमें काम करा रहे है।
- रोहित डाबर, जीएम, उद्योग विभाग।
- सूखाढाना औद्योगिक क्षेत्र की जमीन बड़े झाड़ का जंगल होने की जानकारी सामने आने के बाद अब पटवारी से प्रतिवेदन मांगा जा रहा है और उसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन लिया जाएगा।
- अमित साहू, रेंजर, सारनी।
- उक्त जमीन के कॉलम 12 में बड़े झाड़ जंगल मद दर्ज है। यह पहले से दर्ज है। यह जमीन कैसे ट्रांसफर है इस संदर्भ में मुझे ज्यादा ज्ञात नहीं है। तहसीलदार या एसडीएम बता सकते है।
- समीर सरसोदे, पटवारी, सारनी।
- पूरे मामले में गंभीर लापरवाही हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना हुई है। मामले को लेकर हाईकोर्ट जाएंगे और तमाम जिम्मेदार को पार्टी बनाएंगे।
- प्रकाश चौरसिया, वन विभाग विशेषज्ञ ।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 05 मार्च 2022