(बैतूल) पाढर चिकित्सालय ने मनाई अपनी 64 वीं वर्षगांठ ,

- समारोह आयोजित कर किया नवीन उपकरणों एवम् विभागों का लोकार्पण

बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । पाढर चिकित्सालय ने आज 05 मार्च को अपनी 64 वीं वर्षगांठ मनाई । इसके अंतर्गत पाढर चिकित्सालय प्रांगण में एक संक्षिप्त कार्यक्रम आयोजित किया गया । मुख्य अतिथि के रूप में आदरणीय बिशप, ई.एल.सी. इन एम पी, राईट रेव. सुरेन्द्र कुमार सुक्का उपस्थित थे। आदरणीय बिशप महोदय ने सभी अस्पताल कर्मचारियों का हौसला बढाया। इस दिन के उपलक्ष्य में पाढर अस्पताल में कई नवीन उपकरणों एवं विभाग का लोकार्पण किया गया । इसके अंतर्गत एक नवीन सोनोग्राफी मशीन, सी. आर्म मशीन, टी.एम.टी. एवं पी.एफ.टी. मशीन एवं  एंडोस्कोपी मशीन तथा  आई. यू. आई विभाग का लोकार्पण किया गया । विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा इन मशीन के उपयोगों एवं विशेषताओं को बताया गया ।
सोनोग्राफी मशीन नई तकनीक 3 डी एवं 4 डी तकनीक पर आधारित है । इस प्रकार की मशीन बैतूल जिले में पहली मशीन है, जिसमे की कम समय में ज्यादा अच्छी तरह से स्कैन किया जा सकता है । इसके अंतर्गत गर्भवती महिलाएं गर्भाशय में उपस्थित अपने नवजात की सम्पूर्ण जांचे करवा सकती है । यह जाँच के लिए पहले भोपाल एवं नागपुर जाकर परेशान होना पड़ता था लेकिन यह सुविधा अब पाढर अस्पताल में ही उपलब्ध हो गई है । इसके साथ ही इस मशीन से और भी कई उन्नत जांचे अब पाढर अस्पताल में संभव हो सकेंगी ।
नवीन सी. आर्म मशीन से मूत्ररोग, गेस्ट्रो केसेस एवं हड्डी से सम्बंधित सभी शल्यक्रियाओं में सहजता प्रदान करती है । यह मशीन डिजिटल प्लेटफार्म पर निर्धारित है जिसमें की फ्लुरोस्कोपी साइन रिकॉर्डिंग की सुविधा उपलब्ध है ।
टी.एम.टी. एवं पी.एफ.टी. मशीन द्वारा ह्रदय एवं फेफड़ों की जांचे संभव हो सकेंगी । यह मशीन कई प्रकार के ह्रदय के रोगों एवं फेफड़ों के असामान्य स्थिति की जांचें हेतु इस्तेमाल की जाती हैं ।
नवीन एंडोस्कोपी मशीन कई प्रकार की शरीर की अंदरूनी जांचों में सहयोग प्रदान करेगी एवं कई प्रकार की बीमारियों को जांचने एवं इलाज में सहयोग प्रदान करेगी ।
पाढर चिकित्सालय में आई. यू. आई (I.U.I.) विभाग का लोकार्पण किया गया । इस विभाग के अंतर्गत उन दम्पतियों का इलाज संभव हो पायेगा जिनको संतान प्राप्ति का सुख प्राप्त नहीं हो पाया है। यह तकनीक प्राथमिक बाँझपन के इलाज के लिए बहुत कारगर है एवं बैतूल जिले में यह सुविधा केवल पाढर अस्पताल में ही उपलब्ध है। इस तकनीक द्वारा बाँझपन का इलाज बहुत सस्ता है एवं आयुष्मान योजना के अंतर्गत भी इस तकनीक द्वारा ईलाज संभव है । गरीब एवं परेशान निःसंतान दम्पतियों के लिये इस तकनीक द्वारा अपने संतानोपत्ति के सपने को साकार कर सकते हैं ।   
इस कार्यक्रम का सफल संचालन विकास सोनवानी द्वारा किया गया तथा डॉ. राजीव चौधरी, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट द्वारा अस्पताल के इतिहास पर दृष्टि डाली गई एवं धन्यवाद उद्भोदन, डिप्टी  मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. प्रफुल्ला परमार्थ द्वारा दिया गया तथा आदरणीय बिशप महोदय, राईट रेव. सुरेन्द्र कुमार सुक्का के आशीष वचनों द्वारा इस कार्यक्रम का समापन किया गया ।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 05 मार्च 2022