(बैतूल) अतिक्रमण को लेकर था जयस का विरोध प्रदर्शन, हंगामा, उपद्रव करता देख पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंची,
- प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों ने मचाया उपद्रव, दुकानों में लगाई आग, किया पथराव, पुलिस ने खदेडऩे के लिए चलाए आंसू गैस के गोले और लाठियां
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । जयस आदिवासी संगठन द्वारा शनिवार को भीमपुर में अतिक्रमण को लेकर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। दिन भर तो विरोध प्रदर्शन करने के बाद शाम होते ही अचानक पथराव शुरू हो गया और जैसे ही बाजार बंद हुआ तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव के साथ-साथ दुकानों और वाहनों में आग लगाना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों की यह उग्रता देखकर प्रशासन ने उन्हें खदेडऩे के लिए हल्का लाठी चार्ज किया तो वे पुलिसकर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों पर लाठी डंडे लेकर झपटने लगे और पथराव करने लगे। यह सब देखकर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज कर खदेडऩे की कोशिश की है। बताया गया कि धीरे-धीरे शाम होते तक आदिवासी भारी संख्या में एकत्रत हो गए थे। बताया जा रहा है कि बैतूल जिले के अलावा आसपास के जिले के भी आदिवासी वहां पहुंचे है। पूरे घटनाक्रम को देखते हुए पुलिस अधीक्षक बैतूल सिमाला प्रसाद भी भीमपुर के लिए रवाना हो गई थी। 
मुख्यालय में शनिवार को जय आदिवासी सेवा संगठन के प्रदर्शन ने शाम को विस्फोटक रूप धारण कर लिया हैं। सुबह से भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद प्रदर्शन कर रहे जयस के कार्यकर्ताओं द्वारा पिछले दिनों अतिक्रमण के मामले में किया जा रहा प्रदर्शन शाम को बड़े विवाद में परिवर्तित हो गया। जयस के प्रदर्शन को देखते हुए यहां कई थानों का पुलिस बल तैनात किया गया था, लेकिन शाम को प्रदर्शनकारी कोई बात मानने को तैयार नहीं हुए। शाम को प्रदर्शनकारियों ने एक के बाद एक कई दुकानों को आग के हवाले करना शुरू कर दिया। जब पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो उन पर भी पथराव शुरू हो गया। पुलिस ने स्थिति बिगडऩे पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े, लेकिन प्रदर्शनकारियों पर असर नहीं हुआ है।
पुलिस बल कम होने के कारण कई पुलिसकर्मी भी प्रदर्शनकारियों से बचने के लिए जान बचाते भागते रहे। भीमपुर में बड़ी वारदात होने के बाद जिला प्रशासन और पुलिस के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं। इस बीच पूरे भीमपुर में बिजली भी बंद हो गई है, जिससे लोग भारी दहशत में है। 


आदर्श धनोरा निवासी भीमपुर संवाददाता नवीन गौतम ने बताया कि करीब 4 से 5 हजार आदिवासियों का जयस के बुलावे पर जमावड़ा हुआ। जिनमें उन्होंने प्रदर्शन किया। जिसमें उन्होंने सांसद और विधायक के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। शाम होते तक प्रदर्शनकारी सभा और नारेबाजी जैसा प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने शाम होते ही अपना उपद्रव शुरू कर दिया। फिर उन्होंने दुकान और वाहनों में तोडफ़ोड़ तथा आग लगाने का प्रयास किया तो प्रशासन ने उनको खदेडऩे के लिए हल्का बल प्रयोग किया है जिसमें आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं।  जो आदिवासियों का जमावाड़ा हुआ है वह केवल लोकल या बैतूल जिले के ही नहीं बल्कि आसपास के जिले छिंदवाड़ा आदि से भी आए लोग नजर आ रहे थे। इससे लगता है कि इस प्रदर्शन की आड़ में यहां पर उपद्रव करने की नियत पहले से ही थी। इसलिए शाम होते ही उपद्रव शुरू हो गया और पूरे भीमपुर की बिजली गुल हो गई। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण करने में पूरे प्रयास किए, जिसमें पथराव के कारण कुछ लोग जख्मी हुए है जिनकी पुष्टि नहीं हो रही है।

- इनका कहना...                                          
मैं अभी भीमपुर में हूँ, कानून व्यवस्था नियंत्रण में है। स्थिति की पूरी निगरानी की जा रही है। पुलिस बल मुस्तैदी से तैनात है। हर स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
- सिमाला प्रसाद, एसपी, बैतूल।

- शाम होने पर विरोध प्रदर्शन करने वालों ने पथराव किया। एक-दो दुकानों में आग लगाई फिर उन्हें हल्का बल प्रयोग कर खदेड़ दिया गया है।
कैलाशचन्द्र, एसडीएम, भैसदेही।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  05 मार्च 2022