(बैतूल) मंच, माला, माइक पर नहीं कर्म भूमि पर जाकर किया महिलाओं का सम्मान , 
- स्प्रेडिंग स्माइल ग्रुप ने प्रशस्ति पत्र देकर बढ़ाया स्वच्छता कर्मी महिलाओं का हौसला 
बैतूल(ईएमएस)/नवल-वर्मा । जब सम्मान की बात हो तो मंच, माला और माइक जहन में आ ही जाते हैं। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन स्प्रेडिंग स्माइल ग्रुप ने सम्मान कार्यक्रम तो किया, लेकिन इसमें मंच, माला और माइक नदारद रहे। उन्होंने कर्म भूमि पर ही जाकर स्वच्छता कर्मी महिलाओं का सम्मान कर उनका हौसला बढ़ाया। मिठाई के साथ प्रशस्ति पत्र देकर ग्रुप के सदस्यों ने शहर को स्वच्छ रखने के लिए इन महिला कर्मचारियों का आभार भी व्यक्त किया।
स्प्रेडिंग स्माइल ग्रुप द्वारा उन महिला स्वच्छता प्रहरियों को सम्मानित किया गया जो ठंड, बारिश, आंधी, तूफान ऐसी कई विषम परिस्थितियों में भी घर से निकल कर सुबह 4 बजे से शहर को साफ सुथरा बनाती है, झाड़ू लगाकर राहगीरों को चलने के लिए मार्ग को साफ करती है। ऐसी ही नारी शक्तियों को सम्मानित करने के लिए ग्रुप के प्रमुख निक्की राजपूत, ललित तायवाड़े, सुनील प्रजापति, प्रदीप तिलंते, अमन सोनकपुरिया, अमन ठाकुर, अंशुमान बचले, विशाल छिपने ने प्रातः 5:30 बजे जो महिलाएं जिस जगह पर काम कर रही थी उन्हें वहीं पर प्रशस्ति पत्र और मिष्ठान देकर शुभकामनाएं प्रेषित की। 

- स्प्रेडिंग स्माइल ग्रुप ने सकारात्मक पहल का किया प्रयास...
इस अवसर पर ग्रुप के संरक्षक अक्षय तातेड़ ने कहा कि स्प्रेडिंग स्माइल ग्रुप ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सकारात्मक पहल का प्रयास किया है। ग्रुप में महिला दिवस पर जमीनी स्तर पर काम करने वाली महिलाओं का सम्मान किया है। उन्होंने कहा कि इन स्वच्छता कर्मी महिलाओं का समाज में स्थान ऊंचा हैं। क्योंकि शहर को स्वच्छ रखने में इनका सबसे बड़ा योगदान है। केवल एक 8 मार्च नहीं बल्कि हर दिन महिला दिवस हो, इसके लिए हमें संकल्प लेकर स्वयं को सशक्त बनाना चाहिए।

- शहर को स्वच्छ रखने की अपील...
ग्रुप के संदीप कौशिक ने नगर पालिका की स्वच्छता कर्मी महिलाओं को शहर को स्वच्छ बनाने में दिये जा रहे योगदान पर धन्यवाद दिया। उन्होंने शहरवासियों से आह्वान किया कि जैसे हम अपने घर को स्वच्छ रखते हैं, शहर को स्वच्छ रखने में भी योगदान दें। यहां-वहां कचरा न फेकें, कचरा वाहनों में ही अलग-अलग दें, ताकि शहर गंदा न हो। शिक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि परिवार और समाज में महिलाएं सशक्त बनेंगी तो देश और सशक्त बनेगा। बेटियों को अवश्य शिक्षित करें, क्योंकि बेटियां शिक्षित होंगी तो वे समाज को भी शिक्षित करेंगी। एक शिक्षित महिला ही शिक्षित समाज का निर्माण कर सकती है। उन्होंने कहा कि  समाज से बेटे और बेटियों में भेद खत्म हो, लड़कियों को भी वही शिक्षा दिलाएं जो लड़कों के लिए सोचते हैं। आज लड़कियां काफी आगे जा रही हैं, बस जरूरत है, उनको सही शिक्षा और उचित मागदर्शन देने की।
नवल-वर्मा-ईएमएस-बैतूल 08 मार्च 2022