(बैतूल) जल संरक्षण को जन आन्दोलन बनाना होगा : मोहन नागर ,

- सैंकड़ों हाथों ने पाढर की शिव मन्दिर पहाड़ी पर बनाई जल संरचनाएँ ,

- जिला पंचायत के अधिकारियों ने समझाई शासन की योजनाएँ,

- भारत भारती में दो दिवसीय जल प्रबन्धन कार्यशाला आयोजित

बैतूल ( हेडलाईन )/नवल-वर्मा । विद्या भारती जनजाति शिक्षा और भारत भारती के सयुंक्त तत्वाधान में वर्षाजल प्रबन्धन के प्रशिक्षण हेतु दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भारत भारती में किया गया । जिसमें बैतूल जिले के 181 ग्रामों से 300 से अधिक पर्यावरण कार्यक्रताओं ने सहभागिता कर जल प्रबन्धन हेतु प्रशिक्षण प्राप्त किया ।

कार्यशाला के प्रथम दिन उद्धाटन सत्र में जनजाति शिक्षा के प्रान्त प्रमुख रूप सिंह लोहाने, ग्रीन टाइगर्स बैतूल के प्रमुख तरुण वैद्य, संघ के तहसील प्रचारक शिवम, सत्य साईं सेवा समिति के संजीव शर्मा, विनायक शिक्षा समिति के एम. एल. कुशवाह, गायत्री परिवार के पर्यावरण प्रमुख अमोल पानकर, पारमिता सेवा संगठन से लीना ठेमस्कर, भारत भारती के प्राचार्य गोविन्द कारपेंटर ने जल संरक्षण और संवर्द्धन विषय पर कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया । 

रात्रिकालीन द्वितीय सत्र में पीपीटी के माध्यम से जल प्रहरी मोहन नागर द्वारा  वर्षाजल को घर, गाँव , खेत, पहाड़ व नदी में रोकने के विभिन्न छोटे-छोटे किन्तु कारगर उपायों के बारे में कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया । जिसमें ट्रेंच निर्माण, सोकपिट, मेढ़ बंधान, स्टॉप डेम, बोरी बंधान, तालाब निर्माण आदि जल संरचनाओं के बारे में समझाइश दी गई ।

कार्यशाला के दूसरे दिन कार्यशाला में सहभागी श्रमदानियों तथा आसपास के ग्रामीणों ने प्रातः 6 बजे से 8 बजे ग्राम पाढर की शिव मन्दिर पहाड़ी पर वर्षाजल संरक्षण हेतु खंतियो का निर्माण किया । गैंती, फावड़ा और तसला लिए श्रमदानी 6 बजे के पूर्व ही पहाड़ी पर जमा होने लगे और तीन-तीन लोगों ने दल बनाकर एक सैंकड़ा से अधिक जल संरचनाओं का निर्माण किया तथा पौधे लगाने के लिए गड्ढे खोदे । 

13 मार्च को दिनभर चले सत्रों में कार्यकर्ताओं को जल संरक्षण के लिये भारत शासन व मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को अजय सक्सेना ( परियोजना अधिकारी तकनीकि जिला पंचायत बैतूल) व आर एन श्रीवास्तव ( अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बैतूल) द्वारा विस्तार से बताया गया । अधिकारी द्वय ने स्टॉप डेम, ट्रेंच निर्माण, सोकपिट, खेत तालाब, तालाब मरम्मत आदि विभिन्न योजनाओं के बारे में कार्यकर्ताओं द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दिये । पूर्व सांसद हेमन्त खण्डेलवाल शिरपुर पैटर्न से जल संरक्षण के उपायों के बारे जानकारी दी । शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के प्राचार्य श्री अरुण भदौरिया ने  प्रकृति के लिये मानव द्वारा आवश्यक करणीय कार्यों के लोगों को जागरूक किया । जन अभियान परिषद के घोड़ाडोंगरी ब्लाक प्रमुख संतोष राजपूत सहित जिले भर से आये कार्यकर्ताओं ने जल संरक्षण पर अपने अनुभव बाटें । बाचा, बजरवाड़ा, सरण्डई आदि अनेक ग्रामों में जनभागीदारी से किये गये कार्यों के परिणामों को कार्यकर्ताओं ने बखान किये ।

समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए भारत भारती के सचिव मोहन नागर ने कहा कि वर्षाजल प्रबन्धन के लिये दो दिन यह कार्यशाला मील का पत्थर सिद्ध होगी । उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान  किया हमें जल संरक्षण के कार्यों को जन आन्दोलन बनाना होगा । अपने गाँव की नदी ही हमारे लिए गंगा, नर्मदा और ताप्ती के समान है । प्रत्येक जल संरचना में हमें ईश्वर का प्रतिरूप देखना होगा । ग्रामों की भौगोलिक स्थिति के अनुसार जल संरचनाओं का निर्माण करना होगा । इसके लिए शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लेकर हर गाँव में वर्षाजल संरक्षण के उपाय करें ।
कार्यक्रम का संचालन अनिल उइके व संजू कवड़े द्वारा किया गया । आभार जनजाति शिक्षा के प्रान्त प्रमुख रूप सिंह लोहने ने माना ।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  14 मार्च 2022