(बैतूल) कलेक्टर के आदेश पर हुई बंसल के अवैध खनन की जांच की रिपोर्ट एसडीएम कार्यालय मेंं खा रही धूल ,
- कनारा में हुए अवैध खनन के मामले में तीन महीने बाद भी कोई प्रकरण दर्ज नहीं?
- सरकारी दफ्तरों में ठेकेदार के लाईजनर के दबदबे का है यह बताया जा रहा असर!
बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । बैतूल-इन्दौर फोरलेन निर्माण कंपनी बंसल की मनमानी और करतूतों को  इस कदर नजरअंदाज किया जा रहा है कि जिस मामले में कलेक्टर अमनवीर सिंह बैंस ने बैतूल तहसीलदार से जांच करवाई थी। उस अवैध उत्खनन मामले में नायब तहसीलदार, आरआई और पटवारी का जांच प्रतिवेदन तथा पंचनामा पिछले तीन माह से एसडीएम कार्यालय में धूल खा रहा है! उसमें कोई प्रकरण नहीं बनाया गया? इसके पहले भी चिचोली तहसीलदार द्वारा गिट्टी के भंडारण के मामले में प्रकरण बनाए जाने को लेकर जो प्रतिवेदन बैतूल एसडीएम को भेजा गया था उसमें भी किसी तरह का कोई प्रकरण नहीं बनाया गया? बताया गया कि बंसल कंपनी का कोई लाईज़नर है जो एसडीएम कार्यालय, तहसील, खनिज विभाग सहित कलेक्ट्रेट में मंडराते हुए देखा जाता है। इसका दबदबा ऐसा बताया जा रहा है कि इसके इशारे पर ही एसडीएम कार्यालय में जांच प्रतिवेदन को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और कोई मामला कायम नहीं हुआ?

- 12 दिसम्बर को कलेक्टर को किसी ने भेजा था कनारा में हो रहे अवैध खनन का वीडियो...
बताया गया कि कनारा में बंसल कंपनी द्वारा अवैध खनन किए जाने की जानकारी और उसके साक्ष्य के तौर पर किसी ने कलेक्टर के व्हाटसअप पर उत्खनन का वीडियो भेजा था। इस वीडियो को देखने के बाद कलेक्टर अमनवीर सिंह ने तहसीलदार प्रभात मिश्रा को तत्काल मामले को दिखवाने के लिए कहा था और जांच करने के लिए कहा था। तहसीलदार श्री मिश्रा ने नायब तहसीलदार डॉली रैकवार को 13 दिसम्बर को खनन स्थल पर भेजा जहां आरआई उमेश गीद सहित पटवारी ने पंचनामा बनाया था। खनन स्थल का पूरा हिसाब किताब बनाकर नायब तहसीलदार को दिया। नायब तहसीलार ने यह प्रतिवेदन कार्रवाई के लिए एसडीएम बैतूल को भेज दिया तबसे यह प्रतिवेदन धूल खाता हुआ पड़ा है?

- दबदबा यह है कि महज एक अवैध खनन का प्रकरण बना वह भी खनिज निरीक्षक की पिटाई होने पर...
दिसम्बर 2021 के पहले हफ्ते में खेड़ी के पास अवैध खनन के मामले में खनिज निरीक्षक के साथ मारपीट हुई थी। इस मामले में एक सुपरवाईजर के खिलाफ मामला दर्ज हुआ और मैनेजर को बचा लिया गया। इस मामले में जब खनिज विभाग की नाक कटने लगी तो कलेक्टर के आदेश पर बंसल कंपनी के खिलाफ अवैध खनन का प्रकरण बनाया गया और 1 करोड़ 66 लाख का जुर्माना प्रस्तावित किया गया। बंसल कंपनी का लाईज़नर दिन भर खनिज विभाग और तहसील तथा एसडीएम कार्यालय में नजर आता है। इसका दबदबा ऐसा है कि खनिज विभाग के अधिकारी अवैध खनन आदि की शिकायत होने या सवाल पूछने पर इस तरह के अवैध खनन को राष्ट्रहित, देश हित और पब्लिक इंट्रेस्ट में बताने लगते है। उनकी बातों से यह तो स्पष्ट हो जाता है कि उनका इस तरह के अवैध खनन करने वालों के प्रति कहीं न कहीं साफ्ट कार्नर जरूर है तब ही तो इस तरह के अवैध खनन को देश हित में बताते है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 24 मार्च 2022