(बैतूल) बंसल के अवैध खनन की शिकायत के बाद भी प्रशासन की आंखें रहती है बंद..!

- कंपनी के लाईज़नर के मुखबिर प्रशासन में हमेशा रहते हैं सजग..?

बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । बैतूल-इन्दौर फोरलेन निर्माण कर रही बंसल कंपनी की मनमानी के खिलाफ दिसम्बर माह से ही लोगों द्वारा लगातार शिकायतें की जा रही थी। मीडिया में भी इसकी मनमानी की खबरें सूर्खियां बन रही थी। ग्रामीण क्षेत्र में लोग ज्ञापन दे रहे थे, लेकिन इसके बाद भी इस कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई करना जरूरी नहीं समझा गया? इसलिए कंपनी का हौंसला इतना बुलंद रहा कि जिसने जहां चाह वहां अवैध खनन किया गया? जब ग्रामीणों द्वारा इसके अवैध खनन और उसके परिवहन से सड़क बर्बाद होने की शिकायतें की गई तो उसे डस्टबिन में डाल दिया गया। ऐसा ही मामला सीताडोंगरी से ऊंचागोहान मार्ग का है। यहां ग्रामीणों ने तहसीलदार को ज्ञापन दिया था। इसके बावजूद उनके ज्ञापन को कोई तवज्जों नहीं दी गई। चिचोली में तो तहसीलदार ने जो अवैध उत्खनन पकड़ा था उसके मामले में भी आज तक स्पष्ट नहीं हो पाया कि क्या कार्रवाई हुई है और क्या नहीें! इन स्थितियों से यही समझ आता है कि बंसल कंपनी के साथ प्रशासनिक रूप से कहीं न कहीं कोई सांठगांठ है, इसलिए पर उस पर कार्रवाई नहीं होती?

- 7 दिसम्बर को तहसीलदार को ग्रामीणों ने दिया था अवैध खनन और परिवहन का ज्ञापन...


ऊंचागोहान और सीताडोंगरी के लोगों ने 7 दिसम्बर 2021 को तहसीलदार चिचोली के नाम एक ज्ञापन दिया था जिसमें उन्होंने बताया कि ग्राम सीताडोंगरी से ऊंचागोहान की ओर 1.60 किलोमीटर में अवैध मुरम खनन है। जहां से अवैध उत्खनन कर भारी वाहनों से गांव के अंदर से आवागमन किया जा रहा है। जिसकी वजह से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क की सड़क पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। इस आवागमन की वजह से धूल डस्ट उड़ती है जिससे ग्रामीणों को परेशानी होती है। ओव्हर लोड वाहन निकलते है जिससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है। ग्रामीणों द्वारा इस अवैध खनन में कार्रवाई के साथ-साथ गांव के अंदर से भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन उनकी मांग आज दिनांक तक पूरी नहीं हुई? कंपनी को जो करना था उसने किया! प्रशासन ने अपनी आंखे बंद रख उसे एक तरह से खुली छूट दे दी?

- लाईज़नर का तो रसूख ऐसा कि उसके लिए शिकायतें दब जाती हैं...


बताया जा रहा है कि बंसल कंपनी का जो तथाकथित लाईज़निंग आफिसर है उसकी पकड़ और रसूख ऐसा है कि कंपनी के खिलाफ कहीं भी शिकायत होती है तो उसे तत्काल सूचना मिल जाती है और सूचना मिलते ही वह सक्रिय होता है और उसके बाद उस शिकायत पर कभी कोई कार्रवाई नहीं होती। इसलिए चिचोली तहसील और बैतूल एसडीएम कार्यालय में तमाम शिकायतें धूल खाते हुए पड़ी है?
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 25 मार्च 2022