(बैतूल) प्रशासन को सबकुछ पता फिर भी नहीं की जाती कोई ठोस कार्रवाई ,

- भोलेभाले आदिवासियों की जमीन बर्बाद कर रहे ईंट भट्टा संचालक

बैतूल/शाहपुर (हेडलाईन)/नवल-वर्मा/अंकुश मिश्रा । आदिवासी तबके के पास जो जमीन है उस पर ईंट भट्टा माफिया की नज़र लगी रहती है। वे इन भोले-भाले गरीब आदिवासियों को लालच देकर उनकी जमीन ठेके पर ली जाती है और उसमें ईंट भट्टा लगाना शुरू कर दिया जाता है। ईंट भट्टा संचालक तो मालामाल हो जाते हैं, लेकिन जिस आदिवासी गरीब की जमीन रहती है वह फटेहाल ही बना रहता है। पहावाड़ी गांव में इस तरह की स्थिति को लेकर एक शिकायत भी हुई है जिसमें कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

- शिकायत के बाद जांच करने पहुंचा प्रशासनिक अमला...
बताया गया कि ग्राम पहावाड़ी में करीब आधा दर्जन ईंट भट्टे चल रहे हैं। जिसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा किए जाने के बाद राजस्व विभाग और वन विभाग का अमला मामले की जांच करने मौके पर पहुंचा है। जाँच करने पहुंचे अमले को ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर 6 ईंट भट्टे संचालित हो रहे हैं। इन ईंट भट्टों में करीब 12 से 18 लाख ईंट बनाई गई है। यह सब ईंट भट्टा माफिया जमीन किराए पर लेकर करता है।

- ईंट भट्टा माफिया मालामाल, जमीनदार आदिवासी फटेहाल...
ईंट भट्टे के इस खेल में जिसकी जमीन है उसकी माली हालत में कोई सुधार नहीं आता। वह पहले जैसे फटेहाल था वैसा ही रहता है, लेकिन उसकी जमीन लेकर ईंट बनाने वाले मालामाल हो गए है। ग्रामीणों ने बताया कि जो ईंट भट्टा संचालक है उनकी पहले जो माली हालत थी और अबकी हालत में जमीन आसमान का अंतर आ गया है। जबकि जमीन बर्बाद होती है आदिवासी की, लेकिन उसे कोई फायदा नहीं मिलता।

- प्रशासन की अनदेखी के कारण पनप रहा यह माफिया...
क्षेत्र में प्रशासन द्वारा नियम कानून के अनुसार ईंट भट्टा का संचालन न करवाने के कारण यह माफिया गांव-गांव फैल चुका है और हर जगह यही हालत है कि आदिवासियों की जमीन ठेके पर लेकर अन्य लोग ईंट भट्टा चला रहे है। अवैध रूप से ईंट बनाने वाले ही सरकारी सप्लाई में ईंट सप्लाई करते है। यह सब जानकारी प्रशासन को हर स्तर पर है, लेकिन इसके बाद भी इनकी रोकथाम पर कोई फोकस नहीं है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 31 मार्च 2022