(बैतूल) आदिवासियों की जमीन बर्बाद करने के खेल पर मौन हैं आदिवासी जनप्रतिनिधि,
- सक्षम प्रशासकीय अनुमति नहीं फिर भी बेधड़क चल रहे है ईंट भट्टे
बैतूल/शाहपुर (हेडलाईन)/नवल-वर्मा/अंकुश मिश्रा । शाहपुर क्षेत्र में जो भी ईंट भट्टे चल रहे है उनके पास सक्षम अधिकारी की अनुमति तक नहीं है, जबकि ईंट भट्टा संचालन के लिए नियम अनुसार अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके बावजूद इन अवैध ईंट भट्टा संचालकों के खिलाफ कोई मुहिम नहीं चलाई जाती, इससे प्रशासनिक भूमिका पर भी सवाल उठते हैं। पहावाड़ी में जो ईंट भट्टे पकड़ाएं उसके बाद यह जानकारी सामने आ रही है कि ऐसे भट्टे क्षेत्र में कई गांवों में चल रहे हैं और अधिकांश भट्टे आदिवासियों की जमीन पर ही चल रहे हैं और यह तमाम जमीन ठेके पर ली गई है। चूंकि आदिवासी तबका सीधा सरल होता है और गणित नहीं समझता इसलिए ईंट भट्टा संचालक के झांसे में आकर अपनी बेशकीमती जमीन दे देता है। क्षेत्र में इस तरह के अवैध काम को लेकर आदिवासी तबके के जनप्रतिनिधियों ने भी आंखे बंद कर रखी है। यदि क्षेत्र के सांसद और विधायक इस मामले में हस्तक्षेप करें तो आदिवासियों की जमीन बर्बाद होने से बचेगी, लेकिन वे भी अज्ञात कारणों से इस तरफ से आंख बंद रखते हैं?

- अवैध ईंट भट्टों को लेकर गांव-गांव फैला है मकडज़ाल...
बताया गया कि क्षेत्र में कई आदिवासी गांव में आदिवासी किसानों की जमीन ठेके पर लेकर ईंट भट्टों का संचालन किया जा रहा है और यह एक पूरा माफिया है। यह माफिया औने-पौने दाम में आदिवासियों की बेशकीमती जमीन ठेके पर लेता है और उस पर ईंट बनाना शुरू कर देता है। वहीं वह भट्टा भी लगाता है। इस प्रक्रिया में आदिवासी की उपजाऊ जमीन बर्बाद होती है। भविष्य में किसी काम की नहीं रहती।

- अवैध कोयले के साथ पेड़ों की भी चढ़ा रहे है भट्टों में बलि...
बताया गया कि ईंट पकाने के लिए यह ईंट भट्टा माफिया आसपास के पेड़ों को काटकर उपयोग करता है। जिस बड़े पैमाने पर यह भट्टे लगाते हैं उसमें भारी मात्रा में लकड़ी की जरूरत पड़ती है। लकड़ी के अलावा यह लोग इस क्षेत्र में खनन किया जाने वाला अवैध कोयले का उपयोग भी धड़ल्ले से करते हैं। यह तमाम जानकारी हर स्तर पर प्रशासन के मैदानी अमले को है, लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई नहीं होती।

- तमाम ईंट भट्टे पूरी तरह से अवैध क्योंकि कोई अनुमति ही नहीं...
ईंट भट्टा संचालन के लिए एक नियम प्रक्रिया है। भट्टा संचालन के लिए एसडीएम के माध्यम से अनुमति ली जाती है। शाहपुर क्षेत्र में जो भी ईंट भट्टे चल रहे है किसी के पास में एसडीएम से संबंधित कोई अनुमति नहीं है। तहसीलार एंतोनिया इक्का का कहना है कि जो भी ईंट भट्टे संचालित हो रहे है उनकी सूचना मिलने पर विधिवत जांच की जाएगी और जो भी प्रक्रिया है उसके अनुसार कार्रवाई होगी।

- कोटमी के ईंट भट्टे पर भी पहुंची तहसीलदार और उनकी टीम...
बताया गया कि पहावाड़ी में छापामार कार्रवाई के बाद गुरूवार को तहसीलदार एंतोनिया इक्का और उनकी टीम ने कोटमी क्षेत्र में चल रहे अवैध ईंट भट्टे पर जांच पड़ताल की है। यहां पर आदिवासी महिला बुधिया बाई की जमीन पर गौतम प्रजापति नामक व्यक्ति द्वारा ईंट का निर्माण किया जा रहा है। मौके पर 3 लाख कच्ची ईंट और 5 लाख पकी हुई ईंट मिली है। टीम द्वारा पंचनामा बनाया गया है। अब इसकी जांच रिपोर्ट कार्रवाई के लिए कलेक्टर को भेजी जाएगी।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  01 अप्रैल 2022