(बैतूल) रंभाखेड़ी में कलेक्टर के नाम दर्ज भगवान भोलेनाथ की 30 एकड़ जमीन पर भी किया अवैध कब्जा..!
बैतूल (हेडलाईन )/ नवल-वर्मा । पूर्व में भगवान के नाम पर, मंदिर के नाम पर या धर्म कार्य के नाम पर लोग अपनी जमीन या प्रापर्टी दान देते थे। यह प्रापर्टी या जमीन आज बेशकीमती हो चुकी है। इस प्रापर्टी और जमीन को लेकर नियम, कानून सबकुछ है, लेकिन प्रशासन इस पर कभी फोकस ही नहीं करता, इसलिए वर्षों से जिन लोगों के कब्जे में व्यक्तिगत रूप से या ट्रस्ट के माध्यम से जमीन या प्रापर्टी चली आ रही है वे इसे अपनी व्यक्तिगत प्रापर्टी की तरह इस्तेमाल कर रहे है। सामान्य तौर पर लोगों को जानकारी भी नहीं होती कि इस तरह की प्रापर्टी कहां है और किसके कब्जे में और किसके संरक्षण में है इसका हिसाब किताब कैसे हो रहा है। ऐसा एक ही एक मामला आमला तहसील के रंभाखेड़ी का है जहां करीब 30 एकड़ जमीन पर वर्षो से एक व्यक्ति विशेष का कब्जा है। अब यह कब्जा नियम अनुसार है या नहीं यह जांच का विषय है। इस जमीन को लेकर 16 मार्च को कलेक्टर को एक शिकायत हुई है। इस शिकायत पर यदि भरोसा किया जाए तो यह कब्जा अवैध है। भगवान शंकर के नाम पर यह जमीन है और इसके संरक्षक कलेक्टर है। अब ऐसी स्थिति में इस जमीन का क्या होगा या नहीं यह तो कलेक्टर को तय करना है, बताया जा रहा है कि जिले में ऐसी हजारों एकड़ जमीन है जो मंदिर या भगवान के नाम पर लोगों द्वारा पूर्व में दान की गई थी और वर्तमान में कतिपय लोग इसका अपनी पैतृक संपत्ति की तरह उपभोग और उपयोग करते आ रहे है।

- यह है रंभाखेड़ी की 30 एकड़ जमीन की शिकायत...
रंभाखेड़ी निवासी तिलकिया गढ़ेकर ने कलेक्टर के नाम एक शिकायत की जिसमें बताया कि भगवान शंकर के नाम पर 30 एकड़ जमीन है जिसमें कलेक्टर बैतूल का नाम दर्ज है। उक्त जमीन डोल, बीड़, नासरी के नाम से पुकारी जाती है। उक्त जमीन पर 30 वर्ष से राजेन्द्र गढ़ेकर जुताई कर रहा है। उक्त जमीन की संपदा से राजेन्द्र गढ़ेकर ने जेसीबी, हार्वेस्टर, तीन ट्रेक्टर, बुलेरो आदि संपत्ति बना ली है। राजेन्द्र द्वारा रंभाखेड़ी निवासी राधे के साथ 30 वर्ष पूर्व मारपीट की गई थी जिसमें राधे की मृत्यु हो गई थी। राजेन्द्र द्वारा सर्रा निवासी दयानंद के साथ भी मारपीट की गई थी जिसमें उक्त व्यक्ति को दो वर्ष की सजा न्यायालय द्वारा दी गई थी। शिकायतकर्ता का कहना है कि इस जमीन की जांच की जाए। और इस पर जो अवैध कब्जा बना रखा है उसे खत्म किया जाए, तथा इस जमीन का विधिवत तरीके से संचालन हो, पिछले तीस वर्ष का हिसाब-किताब राजेन्द्र से लिया जाए और उसकी संपत्ति राजसात की जाए। तहसीलदार का कहना है कि मुझे जानकारी नहीं है यदि कलेक्टर से शिकायत आती है तो जांच करवाई जाएगी।
- भगवान या मंदिर की जमीनों पर लोगों ने अपना नाम चढ़ा लिया...
जिले में ऐसी बहुत से जमीनें है। जिनकी जानकारी सार्वजनिक नहीं है और यह किसी ट्रस्ट के अंतर्गत भी संचालित नहीं है। इनका कोई हिसाब किताब नहीं है। ऐसा भी है कि मंदिर या धर्म के नाम की जमीन पर  लोगों ने अपना नाम भी करवा लिया है। प्रशासन को इसकी जांच करना चाहिए।
- प्रशांत गर्ग, वरिष्ठ अधिवक्ता, बैतूल।

- कलेक्टर को सर्वहारा होना चाहिए और ऑडिट भी होना चाहिए        
इस तरह की जमीनों में प्रायवेट ट्रस्ट बनाकर लोग उपयोग करते है। कायदे से ट्रस्ट होना चाहिए और इसमें कलेक्टर को सर्वहारा होना चाहिए। ऐसी जमीनें नीलाम की जाना चाहिए और उसका लाभांश ट्रस्ट में जमा होना चाहिए जिससे धार्मिक और सामाजिक कार्यो किए जाएं।
रमेश साहू, अधिवक्ता, इटारसी।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  03 अप्रैल 2022