(बैतूल) सड़क मार्ग से हरदा होते हुए भोपाल जाने में करीब 80 किमी ज्यादा करना पड़ेगा सफर, - अंग्रेजों के जमाने का पुल ध्वस्त, - अब भोपाल आने- जाने के लिए ट्रेन ही बची है सही विकल्प
(बैतूल) सड़क मार्ग से हरदा होते हुए भोपाल जाने में करीब 80 किमी ज्यादा करना पड़ेगा सफर,
- अंग्रेजों के जमाने का पुल ध्वस्त,
- अब भोपाल आने- जाने के लिए ट्रेन ही बची सही विकल्प
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । बैतूल भोपाल हाइवे 69 पर सुखतवा नदी पर बना ब्रिटिश पुल दोपहर को टूट गया जिससे सड़क मार्ग पर आवागमन पूर्ण रूप से बन्द हो गया है। पुल टूटने से भोपाल बैतूल आने जाने वाले वाहनों के पहिये थम गए है और इस मार्ग पर फंसे लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल रविवार की दोपहर को एक पावर ट्रेलर 138 चका हैदराबाद से इटारसी जा रहा था इस पावर ट्रॉलर में पावर ग्रिड इटारसी का भारी सामान लोड था यह ट्रेलर जैसे ही सुखतवा पुल पर पँहुचा तभी आधा पुल ट्रेलर सहित नदी में जा गिरा। पावर ग्रिड इटारसी में लगाई जाने वाली 17 फीट ऊंची और लगभग 20 फीट चौड़ी मशीन को लेकर जाने वाला ट्रेलर नदी में जा गिरा इस दुर्घटना में ट्रेलर में सवार ड्राइवर सहित चार लोग घायल हुए है। पुल टूटने की वजह से भोपाल-नागपुर हाईवे पर हजारों वाहन फंसे हुए है ट्रैफिक को नर्मदापुरम प्रशासन दूसरे रास्ते से डायवर्ट करने की तैयारी कर रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्रिटिश शासन काल में नर्मदापुरम् जिले की सुखतवा नदी पर मजबूत पुल बनाया गया था। हालांकि इसकी चौड़ाई अधिक नहीं थी, केवल एक तरफ से ही वाहन गुजरते थे। ताज्जुब की बात यह है कि क्षतिग्रस्त हो चुके पुल की मरम्मत के लिए न तो ब्रिज कार्पोरेशन और ना ही लोक निर्माण विभाग ने मरम्मत के वर्षों से प्रयास नहीं किए। कई दिनों से क्षेत्र के अखबारों में पुल की क्षतिग्रस्त की हालत को लेकर मीडिया ने मामला उछाला था, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने जरा भी ध्यान नहीं दिया। यही वजह है कि जर्जर पुल को सुधारने के प्रयास हमेशा नाकाफी साबित हुए। रविवार को ब्रिटिश काल में बना पुल एक वजनी ट्राले के कारण ट्राले का वजन सहन नहीं कर पाया और भरभराकर ढह गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हैदराबाद से इटारसी 138 पहिए का एक बड़ा ट्राला पावरग्रिड बड़ी मशीन लेकर जा रहा था। यह ट्राला हैदराबाद से इटारसी के लिए गत 6 मार्च को निकला था। इटारसी पहुंचने के कुछ किलोमीटर पहले ही 138 चक्के का यह ट्राला खराब होने के कारण पिछले चार दिनों से बैतूल के सातमऊ गांव के पास हाइवे किनारे खड़ा हुआ था। इसे सुधारने के लिए हैदराबाद से इंजीनियर बैतूल पहुंचे थे। रविवार सुधरकर इटारसी की ओर रवाना हुआ ही था कि सुखतवा नदी के रपटे पर पहुंचते ही पुल ने दम तोड़ दिया और 138 चक्के का ट्राला मशीन सहित नदी में जा समाया। हादसे में चालक और परिचालक के सकुशल होने की खबर है, लेकिन करोड़ों की लागत की मशीन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। वहीं ट्राला भी क्षतिग्रस्त हो गया है।
रविवार दोपहर में हुए हादसे से बैतूल-भोपाल मार्ग पर जाम लग गया है। हमारे भौंरा और शाहपुर संवाददाताओं ने बताया कि सुखतवा पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद कई वाहन तो वापस आ रहे, लेकिन जो वाहन आगे निकल गए वे जाम में फंस गए हैं। बैतूल से भोपाल जाने वाले वाहन धीरे-धीरे कर वापस आ रहे हैं। वहीं सुखतवा से दूसरी ओर इटारसी से आने वाले वाहन भी वापस लौट रहे हैं। प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचकर व्यवस्था बनाने में लगे हुए हैं।
बैतूल से भोपाल जाने के लिए लम्बे समय तक लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसकी मरम्मत कर नया पुल बनने में ही कई महीने लगने की संभावना दिखाई दे रही है। यानि सड़क मार्ग से भोपाल जाने वालों के लिए बुरी खबर से कम नहीं है। खासकर भौंरा, शाहपुर, पाढर आदि के लोगों के लिए तो ट्रेन का साधन न होने के कारण बैतूल आकर ही भोपाल जाना पड़ेगा। यदि किसी को भोपाल जाना है तो सड़क मार्ग से बैतूल से हरदा, नर्मदापुरम् होते हुए भोपाल का सफर तय करना पड़ेगा। पेट्रोल के दाम में उछाल आने के बाद 150 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ेगा, इसलिए बेहतर यही है कि जरूरत पडऩे पर ट्रेन ही लोगों का बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 10 अप्रैल 2022