(बैतूल) बंसल ने कलेक्टर के आदेश को ताक पर रखकर करंजी नाले में ठोका बोर , 
- यह भी सच : इसके बाद भी बंसल कंपनी के खिलाफ एफआईआर नहीं होगी दर्ज
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । बंसल कंपनी की नियमों को ताक पर रखने वाली आदत और कार्यप्रणाली के हर दिन एक ना एक नमूना सामने आ ही जाता है। ताजा मामला यह है कि नगरपालिका ने बंसल कंपनी द्वारा पेयजल पाईप लाईन में किए गए लीकेज को बंद कर दिया तो बंसल कंपनी ने उसी करंजी नाले में बोर खनन करवा डाला। बताया गया कि सोमवार रात में बोर खनन मशीन लगवाकर बोर खनन करवाया गया। हालांकि उसमें पानी नहीं लगा तो खुला छोड़कर चले गए। बंसल कंपनी ने यह कृत्य कलेक्टर द्वारा बोर खनन पर बैन लगाने के तीसरे दिन ही रात में कर डाला है। अब देखना यह है कि कलेक्टर इस मामले में क्या कार्रवाई करते है। कलेक्टर ने जो विगत 08 अप्रैल को आदेश जारी किए थे उसके अनुसार बंसल कंपनी पर एफआईआर होना चाहिए? इधर बंसल कंपनी ने सीधे-सीधे नगरपालिका का पानी चोरी किया है। इसके बावजूद नगरपालिका बंसल कंपनी पर कार्रवाई करने से बच रही है? इससे साफ नजर आता है कि प्रशासन ने बंसल कंपनी के वैध,अवैध हितों की रक्षा के लिए पूरी प्रतिबद्धता है।

- करंजी नाले का बोर खनन सरकारी जमीन पर हुआ...
बताया गया कि सोमवार रात को अचानक करंजी नाले के पास सरकारी जमीन पर बोरवेल मशीन आकर खड़ी हुई और खनन शुरू हो गया। समीपस्थ खेत के कृषक काशीनाथ धोटे ने बताया कि बंसल कंपनी वालों ने पहले उसका बोर हायर करने के लिए ऑफर दिया था, लेकिन उसने कहा कि बोर बैठ जायेगा मैं तुम्हे पानी नहीं दूंगा तो इसके बाद बंसल कंपनी ने रात में मशीन लगवा दी और खनन शुरू करवा दिया।

- ग्राउंड वॉटर बोर्ड की अनुमति के बगैर ही करवा रहे बोर खनन...
बंसल कंपनी इस तरह कहीं भी बोर खनन नहीं करवा सकती। उसे बोर खनन और उसके बाद पानी के उपयोग के लिए ग्राउंड वॉटर बोर्ड से एनओसी लेना होगा और उसका पैसा जमा करना होगा। इसके बाद ही वह खनन करवा सकती है और पानी ले सकती है। जिस तरह से कलेक्टर ने बैन लगाया है उसमें तो यह अनुमति मिलना ही नामुमकिन है। इस स्थिति में बंसल कंपनी पर दो तरह की एफआईआर होना चाहिए।

- यदि किसान होता तो अब तक प्रशासन गर्दन ही मरोड़ देता...
जिस तरह से बंसल कंपनी ने रातोंरात बोर खनन किया उसे देखकर खेड़ी के लोगों का कहना है कि यदि इस कंपनी की जगह कोई साधारण किसान या व्यक्ति होता तो अब तक प्रशासन जिसमें राजस्व, पुलिस और पीएचई विभाग शामिल है वह उस किसान की गर्दन मरोडऩे चले जाता, लेकिन इस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने में सबकी सांसे फूल रही है। खनिज अधिकारी हो या अन्य विभागीय अधिकारी इस पर हाथ नहीं डाल रहा!
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 13 अप्रैल 2022