(बैतूल) जनपद पंचायत आमला फिर अब विवादों को लेकर आ रही सुर्खियों में, - ये तो दानिश बाबू का ही टेलेंट है कि जिसके खिलाफ शिकायतों का है ढेर उसे मनरेगा शाखा में बैठा दिया..!
(बैतूल) जनपद पंचायत आमला फिर अब विवादों को लेकर आ रही सुर्खियों में,
- ये तो दानिश बाबू का ही टेलेंट है कि जिसके खिलाफ शिकायतों का है ढेर उसे मनरेगा शाखा में बैठा दिया..!
बैतूल (हेडलाईन) / नवल-वर्मा । आमला जनपद पंचायत हमेशा भ्रष्टाचार, घोटाले, घटिया निर्माण जैसे मामलों को लेकर सुर्खियों में रहती है। यहां की पंचायतों के कारनामों को लेकर किसी से कुछ दबा छिपा नहीं है। यहां जो अफसरशाही है उसकी मनमानी भी सर्वविदित है। वर्तमान में जो जनपद सीईओ के चार्ज में दानिश खान चल रहे हैं उनकी वर्किंग भी कई विवाद और आरोपों को जन्म दे रही है।
वर्तमान में एक रोजगार सहायक को जनपद की मनरेगा शाखा में तैनात किया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। इस रोजगार सहायक के खिलाफ सीएम हेल्पलाईन 181 पर कई तरह की शिकायतें पेडिंग हैं। जिस रोजगार सहायक की शिकायतें पेडिंग हो और वर्किंग विवादित हो उसे मनरेगा शाखा में लाया जाना ही सवालों को जन्म देता है और लोगों को जनपद सीईओ पर सीधे ऊंगली उठाने का मौका देता है।
आमला जनपद पंचायत में वर्तमान प्रभारी सीईओ को लेकर कहा जाता है कि उन पर जो राजनैतिक वरदहस्त है उसकी वजह से तेज तर्रार आईएएस अभिलाष मिश्रा भी ज्यादा कुछ कर नहीं पाते हैं ? और इसका पूरा फायदा जनपद पंचायत सीईओ हर तरीके से उठा रहे हैं!
- प्रभारी बनकर आए दानिश खान अब फुलफ्लेश सीईओ टाईप...
आमला जनपद पंचायत में जनपद सीईओ के तबादाले के बाद घोड़ाडोंगरी जनपद सीईओ रहे दानिश खान को यहां का अतिरिक्त चार्ज दिया गया था। स्थिति यह बनी कि इनका भी स्थाई रूप से जिले से तबादला हो गया, लेकिन उन्हें रिलीव ही नहीं किया गया? हालात यह है कि घोड़ाडोंगरी में स्थाई जनपद सीईओ की तैनाती हो गई और शाहपुर की जनपद सीईओ जिसका तबादला भी इनके ही साथ हुआ था वह भी रिलीव हो गई और ये अब तक टिके हुए हैं!
- घोड़ाडोंगरी से ही उनकी वर्किंग को लेकर तमाम तरह के सवाल...
दानिश खान की जो वर्किंग है उस पर कई तरह के सवाल उनकी घोड़ाडोंगरी पोस्टिंग के दौरान से ही उठते रहे हैं और आरोप भी लगते रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद न केवल उन्हें आमला का अतिरिक्त चार्ज दिया गया बल्कि जिले से तबादला होने के लगभग 06 महीने बाद भी रिलीव नहीं किया गया है? जिला पंचायत सीईओ अभिलाष मिश्रा के रहते में यह सब होना आश्चर्य का विषय माना जा रहा है। लोग तो यह कहते हैं कि वे दानिश को कैसे झेलते है समझ से परे है?
- राजनैतिक वरदहस्त की वजह से दानिश की बोल रही है खूब तूती...
वर्तमान में जनपद सीईओ को लेकर कहा जाता है कि उनकी सत्ता प्रतिष्ठान में अच्छी मजबूत पकड़ है और एक तरह से कहा जाता है कि उन्हें वरदहस्त हासिल है। यही कारण है कि दानिश खान जो चाहते हैं वह होता है! उन्हें रोकने-टोकने वाला जिले में कोई है ही नहीं! जिस व्यक्ति ने सीईओ को राजनैतिक रूप से संरक्षण दे रखा है वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इनकी वर्किंग की वजह से उनपर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं ?
- पता नहीं कि बर्थे में कौन से सुर्खाब के पर लगे हैं जो उसको दे दी इतनी बड़ी जिम्मेदारी...
जनपद पंचायत के रोजगार सहायकों में जो चर्चाओं का बाजार गर्म है उसके मुताबिक सभी इस बात पर आश्चर्यचकित हैं कि रोजगार सहायक कमलेश बर्थे पर जनपद सीईओ इतने मेहरबान क्यों है? आखिर उसे किस वजह से जनपद की मनरेगा शाखा में बैठाया गया है? उससे ज्यादा योग्य और अच्छा परिणाम देने वाले कई रोजगार सहायक जनपद में मौजूद हैं।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 20 अप्रैल 2022