(बैतूल) जिले में गौशालाओं में हर वर्ष औसतन एक सैंकड़ा गायों की हो जाती है मौत, - अन्य जिलों के विधायकों के विधानसभा प्रश्रों से हुआ खुलासा
(बैतूल) जिले में गौशालाओं में हर वर्ष औसतन एक सैंकड़ा गायों की हो जाती है मौत,
- अन्य जिलों के विधायकों के विधानसभा प्रश्रों से हुआ खुलासा
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । बैतूल जिले में कुल 20 गौशालाएं संचालित हो रही हैं जिसमें से 10 सरकारी है और 10 संस्थाओं द्वारा संचालित बताई जा रही है। जिसमें से सरकारी गौशाला है उनका संचालन वर्ष 2019-20 से कमलनाथ सरकार के दौरान शुरू हुआ है। इन गौशालाओं में जो पशु धन है उसको लेकर एक विधानसभा प्रश्र के जवाब में बैतूल जिले का यह आंकड़ा सामने आया कि यहां पर वर्ष 2017 से लेकर 2021 तक कुल 6 हजार 802 गाय गौशालाओं में है। जिसमें 5 वर्ष में 565 गायों की मौत हुई है। इन मौत को लेकर विधानसभा प्रश्र में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई कि मौत की वजह क्या रही। अब ऐसी स्थिति में यह ऑडिट होना चाहिए कि इन गायों की मौत क्यों हुई? और मौत के बाद प्रशासन ने क्या-क्या कदम उठाए या गौशाला संचालकों ने क्या कदम उठाए। वर्तमान में निजी गौशालाओं को राशि देने के मामले में जिला पंचायत सीईओ का एक आदेश खासा चर्चा का विषय बना हुआ है और उसके बाद भी यह विधानसभा प्रश्र और उसका जवाब भी साने आया।
- यह था विधायक संजय शुक्ला का विधानसभा प्रश्र...
विधायक संजय शुक्ला ने तारांकित प्रश्र क्रमांक 1569 में पूछा था कि मध्यप्रदेश में पिछले दिनों कहां-कहां गौशालाओं में गौवंश की पुरक्ता या मृत्यु के मामले सामने आए हैं। प्रदेश में कहां-कहां पर शासकीय गौशालाओं का संचालन किन-किन समितियों व अन्य के द्वारा किया जा रहा है? कब से किया जा रहा है संपूर्ण जानकारी देवें ? शासकीय गौशालाओं को क्या-क्या अनुदान दिया जाता है? पिछले दस वर्षो की जानकारी देवें ?
- विधायक महेश परमार का यह था विधानसभा में पूछा प्रश्र...
विधायक महेश परमार ने अपने तारांकित प्रश्र 1135 में सरकार से गौशालाओं के निर्माण को लेकर पिछले दो वर्ष की स्थिति और बजट की जानकारी मांगने के साथ-साथ यह भी पूछा था कि क्या पूर्व सरकार ने गौवंश आहार के लिए 4 रूपये से बढ़ाकर 20 रूपये प्रतिदिन किया था? क्या वर्तमान सरकार ने उक्त राशि को कम कर दिया है जिससे गौवंश की मृत्युदर बढ़ रही है? दोनों सरकारों की समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करें?
- विधायक प्रेम शंकर वर्मा ने भी लगाया था विधानसभा प्रश्र...
इधर विधायक प्रेम शंकर वर्मा ने अतारांकित प्रश्र के माध्यम से गौशालाओं और पशु आहार के लिए दी जाने वाली राशि को लेकर विधानसभा प्रश्र लगाया था। जिसमें उन्होंने पूछा था कि प्रदेश में कितनी गौशाला स्वीकृत हुई और पूर्ण हुई? प्रति पशु चारा, भूसा, पानी एवं अन्य सुविधा के लिए कितनी राशि खर्च की जाती है? पूर्व में निर्मित गौशाला शालाओं का संचालन सुचारू रूप से किया जा रहा है या नहीं?
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 22 अप्रैल 2022