(बैतूल) खेड़ी-चूनालोमा मार्ग पर हो रहा अवैध खनन और कटाई,
- बंसल अवैध खनन करें या पेड़ धराशाही पर प्रशासन उस पर नहीं करेगा कार्रवाई
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । बैतूल-इंदौर फोरलेन बना रही बंसल कंपनी पर बैतूल का प्रशासन पूरी तरह से मेहरबान है। मैदानी अमले से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक इस कंपनी की मनमानी और अवैध कामों की खुली अनदेखी कर रहे हैं। उसके गलत कामों को सिस्टम में लाने के लिए नए-नए तरीके निकाले जा रहे है। जिससे शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है और क्षेत्र के पर्यावरण को भी भारी क्षति पहुंच रही है। ताजा मामला यह है कि मुरम कोपरा और मिट्टी के लिए किसानों को लालच देकर उनके खेत में तालाब खोदने का खेल चल रहा है। जिसके लिए विधिवत अनुमति तक नहीं ली जा रही है।

ऐसा ही कुछ खेड़ी चूनालोमा मार्ग पर हो रहा है। यहां पर एक किसान के खेत में तालाब बनाने के नाम पर अवैध खनन किया जा रहा है। यहां पर दर्जनों पेड़ों को धराशाही भी किया गया है। यह सबकुछ प्रशासन की जानकारी में है, लेकिन प्रशासन जानबूझकर कंपनी के अवैध कामों को लेकर चुप्पी साधे हुए है और कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता।

- खेड़ी चूनालोमा मार्ग पर तालाब खोदने के नाम पर किसान के खेत में दर्जनों पेड़ काटकर किया जा रहा बेखौफ अवैध खनन...
इन दिनों फोरलेन निर्माण कर रही बंसल कंपनी अपने नित नए कारनामों के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है। अब की बार कंपनी ने एक नया कार्य शुरू किया किसानों के खेतों में तालाब निर्माण का और धड़ल्ले से तालाबों का निर्माण पोकलेन मशीनों से किया जा रहा है, लेकिन नियम और कायदों को ताक पर रखकर यह अपने खनन कार्य को अंजाम दे रहे है। मशीनों से तालाब की राह में परेशानी बन रहे सागौन के पेड़ बड़ी संख्या में धराशायी कर मशीनों से काट कर उन्हें नष्ट किया जा रहा है। जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है। बैतूल तहसील के अंतर्गत कनारा हल्के में कंपनी के द्वारा ऐसे ही कई तालाबों का निर्माण किया गया, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी कार्य स्थल पर झांक कर भी नहीं देखते खनन के बाद शुरू होता है परिवहन का सिलसिला जो रात और दिन खेड़ी चुनालोमा मार्ग जो प्रधानमंत्री सड़क है। वह भी जर्जर हो रही है। डम्फरों के खेड़ी की कुछ आबादी से गुजरने के कारण ग्रामीणों को धुल का सामना करना पड़ता है।कपड़ो पर धूल भोजन में भी धूल हो जाती है। जब की नियमानुसार डम्फर पर तिरपाल ढक कर परिवहन किया जाना चाहिए जिला प्रशासन अगर इस ओर ध्यान दे तो सैकड़ों हर-भरे सागौन के पेड़ों को बचाया जा सकता है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल  26 अप्रैल 2022