(बैतूल) शिकायकर्ता सेट हो गया इसलिए बंसल पर नहीं होगी कार्रवाई, भले ही अवैध उत्खनन पाया गया, - बंसल कंपनी पर कार्रवाई से बचने के लिए तमाम फार्मूले उपयोग में आ रहे
(बैतूल) शिकायकर्ता सेट हो गया इसलिए बंसल पर नहीं होगी कार्रवाई, भले ही अवैध उत्खनन पाया गया,
- बंसल कंपनी पर कार्रवाई से बचने के लिए तमाम फार्मूले उपयोग में आ रहे
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । चिचोली क्षेत्र के करीब आधा दर्जन स्थान पर अवैध उत्खनन किया जाना पाया गया? शिकायत के आधार पर चिचोली तहसीलदार, आरआई, पटवारी ने पंचनामा बनाया और अपना प्रतिवेदन बनाकर एसडीएम बैतूल को कार्रवाई के लिए भेजा? उक्त प्रकरण एसडीएम बैतूल को कलेक्टर द्वारा दिए गए अधिकार और आदेश के अनुसार तत्काल अवैध उत्खनन के प्रकरण दर्ज करना था? लेकिन एसडीएम बैतूल ने ऐसा नहीं किया मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया? अब इस मामले को लेकर जब सवाल पूछा जाता है तो यह बताया जाता है कि उस मामले में जो शिकायकर्ता था उसने अपनी शिकायत वापस ले ली है? इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की गई? अब सवाल यह है कि उक्त मामले में इतने लंबे समय तक प्रतिवेदन को ठंडे बस्ते में डालकर क्यों रखा गया! क्यों बंसल कंपनी के लाईज़नर को मौका दिया गया कि वह जाकर शिकायकर्ता को ही सेट कर ले और शिकायत पर कार्रवाई न करने के लिए लिखकर दे दे। यह बताता है कि पूरा प्रशासनिक सिस्टम बंसल के अवैध कामों पर पर्दा डालने और उसे बचाने के लिए पूरी ताकत लगाता नज़र आता है।
- शिकायतकर्ता भले ही सरेंडर हो गया पर आरोप तो सही पाए गए...
जैसा एसडीएम द्वारा बताया गया कि शिकायतकर्ता ने कार्रवाई न करने के लिए लिखकर दिया है, लेकिन यह बात भी सत्य है कि चिचोली तहसीलदार ने जो जांच प्रतिवेदन भेजे है उसमें उन्होंने अवैध खनन होना बताया है। अब ऐसी स्थिति में यदि भले ही शिकायकर्ता ने लिखकर दे दिया हो कि वह कार्रवाई नहीं चाहता, लेकिन अवैध उत्खनन होना पाया जा रहा है तो प्रशासन की जिम्मेदार है कि अवैध उत्खनन का प्रकरण बनाए।
- खेतों में तालाब के नाम पर अवैध उत्खनन पर उसमें भी अनुमति नहीं...
बंसल कंपनी ने अवैध उत्खनन के लिए फार्मूला बना रखा है जिसमें गरीब आदिवासी किसानों की जमीनों को टारगेट किया जा रहा है। उनको कुछ पैसा देकर अवैध उत्खनन कर रहे है और यह सिद्ध किया जा रहा है कि तालाब निर्माण या जमीन समतलीकरण किया जा रहा है। इस तरह के खनन के लिए भी जो विधिवत अनुमति की प्रक्रिया होती है उसका पालन नहीं किया जा रहा है। फिर भी प्रशासन बंसल पर कार्रवाई नहीं कर रहा?
- कनारा की जांच तो कलेक्टर के आदेश पर हुई पर वहां भी कार्रवाई नहीं...
खेड़ी क्षेत्र में कनारा में जो अवैध उत्खनन हुआ था उसकी जानकारी कलेक्टर को दी गई थी और कलेक्टर के आदेश पर बैतूल तहसीलदार प्रभात मिश्रा ने नायब तहसीलदार डॉली रैकवार के माध्यम से जांच करवाई थी। यहां पर आरआई, पटवारी ने जांच की और प्रतिवेदन बनाकर दो माह पहले एसडीएम बैतूल को दे दिया, लेकिन यहां पर भी बैतूल एसडीएम ने अवैध उत्खनन का प्रकरण ही दर्ज नहीं किया।
- एसडीएम को पता ही नहीं कि बंसल कंपनी ने अपनी मर्जी से करंजी नाले में बोर ठोक दिया...
बैतूल तहसील के खेड़ी सांवलीगढ़ सर्किल में विगत 09 -10 अप्रैल की रात को बंसल कंपनी ने अवैध बोर खनन किया इसकी जानकारी क्षेत्र के पटवारी, आरआई और बैतूल तहसीलार सहित क्षेत्र के नायब तहसीलदार को भी है। किसी ने भी अभी तक अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं किया है। जब इस संबंध में एसडीएम से पूछा गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है और कहा कि दिखवाती हूँ।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 29 अप्रैल 2022