(बैतूल) अवैध ईंट भट्टों से हो रही परेशानी , जिम्मेदार मूकदर्शक बने बैठे, - ग्रामीणों से कलेक्टर से की उच्चस्तरीय जांच की माँग
(बैतूल) अवैध ईंट भट्टों से हो रही परेशानी , जिम्मेदार मूकदर्शक बने बैठे,
- ग्रामीणों से कलेक्टर से की उच्चस्तरीय जांच की माँग
भीमपुर/बैतूल (हेडलाईन) / नवल-वर्मा । आदर्श पिपरिया स्कूल के समीप ईंट भट्टो के फैल रहे प्रदूषण से ग्रामीण और बच्चे परेशान हो रहे हैं । दूरस्थ अंचल भीमपुर विकासखण्ड के गाँव में इन दिनों भारी मात्रा में अवैध ईंट निर्माण कार्य बिना राजस्व की बिना अनुमति से चल रहा है। जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं ? ग्रामवासियों के अनुसार किसी भी ईंट निर्माता द्वारा अनुमति नही ली गई और यहाँ व्यावसायिक रूप से ईंट भट्टे का काम जोर शोर से चल रहा है। ऐसा ही एक मामला आदर्श पिपरिया गांव से आया है जहाँ पर संजय प्रजापति द्वारा लगभग 10 से 50 लाख के बीच ईट प्रतिवर्ष निर्माण की जाती है और उसका व्यावसायिक प्रयोजन होता है। उसने यहां पर स्कूल से सटाकर 5 भट्टे लगाए गए हैं और आबादी के बीच इतना प्रदूषण हो रहा है जिस से ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है। जिसकी कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को भी शिकायत की जा चुकी है लेकिन भीमपुर नायब तहसीलदार व राजस्व विभाग ने कोई कार्यवाही नही की ।
- अवैध कटाई की लकड़ी का हो रहा उपयोग ...
बड़ी मात्रा में ईंट निर्माण में जंगल की मृदा का क्षरण तो होता है साथ ही जंगल से अवैध रूप से कटाई भी की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि इतने बड़े भट्टों के लिए ईंधन कहाँ से आता है जिसमें वन विभाग के कर्मचारियों की साँठ-गाँठ से लकड़ी आती है आस पास का जंगल से लकड़ियां चोरी हो रही है जो जांच का विषय है इधर जब हमारे भीमपुर प्रतिनिधि ने यहाँ के जिम्मेदार अधिकारी से जब इन अवैध ईट भट्टों और प्रदूषण को लेकर भीमपुर तहसीलदार से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि आप आवेदन दे दिजीए हम दिखवाते हैं। जबकि ग्रामीणों का कहन है कि वन विभाग और राजस्व की मिलीभगत से यह अवैध ईट भट्टे और जंगल से अवैध लकड़ी चोरी करके यह सारा खेल चल रहा है। जिसमें सूक्ष्मता से जाँच की नितान्त आवश्यकता है।
- आबादी के बीच बिना अनुमति संचालित हो रहे ईट भट्टे ...
आदर्श पिपरिया में अवैध ईंट भट्टे का कारोबार बडे़ पैमाने पर चल रहा है परिवार के भरण-पोषण के नाम पर कुछ नेतानुमा ईंट भट्टा संचालक लाखों के वारे-न्यारे कर रहे हैं और ग्रामीणों के स्वास्थ्य से खुला खिलवाड़ कर रहे हैं लेकिन जिम्मेदार विभाग इस ओर मूकदर्शक बना बैठा है। यहाँ भट्टे से 50 मीटर पर स्थित स्कूली बच्चों को भी स्वास लेने में परेशानी होती है , जहाँ बिना अनुमति के बेरोकटोक 50 लाख इटों का निर्माण किया जा रहा है। जिसकी जाँच की जानी चाहिये ।
- इन बीट से आती है अवैध लकड़ी जिससे पकती है ईंट...
ग्रामीणों के अनुसार यह भी जानकारी सामने आ रही है कि चिखली , माकडा़, बक्का के आसपास भी ईट भट्टो का काम जोर शोर से चल रहा है जहाँ बड़ी मात्रा में ईंट निर्माण इस लिए होता है। वहीं ईंधन के रूप में जंगलों से आस पास की बीट से लकड़ी आसानी से मिल जाती है। सूत्रों की माने तो बताया जा रहा है कि जंगल मे जिन बीट में लकड़ी की चोरी होती है वहाँ स्थित ठूठों के अवशेष को हटाने में बीट के कर्मचारी को मदद मिल जाती है। ईंट कारोबारियों को लकड़ी वन विभाग के माकडा़ के आस पास की बीट में भी आसानी से मिल जाती है। साथ ही माकडा़ बीट के आसपास भी अवैध भट्टों के लगे होने की जानकारी सामने आ रही है। जिसमें वन विभाग एवम् राजस्व विभाग की ईंट निर्माणकर्ता से मिलीभगत की बू आ रही है जिसमें जाँच होकर उचित कार्यवाही होनी चाहिये ।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 08 मई 2022