(बैतूल) मुन्ना भाईयों की मंडी की उपज है बीएमओ डॉ. पल्लव ,
- व्यापमं घोटाले में एसटीएफ ने गिरफ्तार कर भेजा जेल
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा ।बहुचर्चित व्यापमं कांड में मुलताई के सरकारी अस्पताल में तैनात डॉ पल्लव अमृतफाले को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया है। बताया गया कि डॉ अमृतफाले व्यापमं की फर्जी उपज है। वे वर्तमान में बीएमओ के पद पर कार्यरत है। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि डॉ पल्लव ने व्यापमं घोटाले में शामिल होकर अपनी डिग्री हासिल की है। जैसे ही यह मामला सामने आया तो स्वास्थ्य विभाग में सनसनी मच गई। हर तरफ इस बात की चर्चा है कि क्या और कोई भी बैतूल में इस तरह से व्यापमं की देन के रूप में मौजूद है। 
प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम कांड में बैतूल के मुलताई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विगत 6 सालों से पदस्थ बीएमओ डॉ. पल्लव अमृतफाले की गिरफ्तारी से स्वास्थ्य महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है। इस डॉक्टर को एसटीएफ ने सेंट्रल जेल भोपाल भेजा है। डॉ पल्लव अमृतफाले को व्यापम कांड में एसटीएफ भोपाल ने 1 मई के पहले मुलताई से गिरफ्तार किया था और उन्हें 1 मई 2022 को सेंट्रल जेल भोपाल भेजा गया है। सेंट्रल जेल के जेलर पीडी श्रीवास्तव ने बताया कि पल्लव अमृतफाले 1 मई से सेंट्रल जेल भोपाल में है । पल्लव अमृतफाले की गिरफ्तारी की पुष्टि एसटीएफ एसपी नवीन चौधरी ने भी की है।
एसटीएफ थाना भोपाल में 28 दिसंबर 2019 को पल्लव अमृतफाले के खिलाफ प्रकरण क्रमांक 0037 मैं धारा 419 ,420. 120 बी के अलावा मान्यता प्राप्त परीक्षाएं अधिनियम 3डी /4 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था । इस मामले की जांच एसटीएफ थाना प्रभारी सुभाष दरश्यामकर कर रहे हैं ।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने अपने व्यापम प्रकरण की जांच के दौरान मध्यप्रदेश पीएमटी परीक्षा 2009 में अभ्यर्थी पल्लव अमृतफले द्वारा अनुचित साधन का प्रयोग कर अज्ञात दलाल एवं प्रतिरूपधारक के साथ षड्यंत्र कर प्रतिरूपण द्वारा पीएमटी परीक्षा 2009 उत्तीर्ण की तथा श्यामशाह मेडिकल कॉलेज रीवा में प्रवेश प्राप्त कर धोखाधड़ी एवं प्रतिरूपण का अपराध परिलक्षित होने का उल्लेख करते हुए उचित वैधानिक कार्यवाही उल्लेख किया है । इस संबंध की गई प्राथमिक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। 
एसटीएफ की जांच में पाया गया कि अभ्यर्थी पल्लव अमृतफाले का एप्लीकेशन फॉर्म मैं लगी हुई फोटो तथा श्यामशाह मेडिकल कॉलेज रीवा के एडमिशन फॉर्म में लगी हुई फोटो एक व्यक्ति की ना होकर अलग-अलग व्यक्तियों की है । दूसरा मामला अभ्यर्थी पल्लव अमृतफाले मूलत: जिला ग्वालियर के रहने वाले हैं तथा अभ्यर्थी ने पीएमटी परीक्षा 2009 के एप्लीकेशन डीटेल्स फॉर्म में अपना पता मकान नंबर 110 देवाशीष अपार्टमेंट मनोरमा गंज इंदौर लेख किया है। अभ्यर्थी ने मेडिकल कॉलेज रीवा के वेरीफिकेशन फॉर्म पर स्वयं की स्कूली शिक्षा मार्कसीट जिला भिंड मध्य प्रदेश से तथा बीएससी की शिक्षा जिला जबलपुर मध्यप्रदेश से किया जाना दर्ज की है । ऐसी स्थिति में उपरोक्त पते से फॉर्म भरा जाना संदेहास्पद पाया गया है । जांच में एक गंभीर आरोप यह भी है कि अभ्यर्थी द्वारा परीक्षा में सम्मिलित ना होना एवं मध्यस्थ रवि सिंह की सहायता से परीक्षा उत्तीर्ण किया जाना बताया है । इस मामले में मिली जानकारी के मुताबिक एसटीएफ ने पल्लव अमृतफाले के अलावा अन्य के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था।
मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं काण्ड की जद में आकर वर्तमान में सेंट्रल जेल भोपाल में बंद डॉ. पल्लव अमृतफाले बैतूल जिले में विगत 6 सालों से पदस्थ थे। उन्हें कुछ वर्षों पूर्व ही मुलताई का बीएमओ भी बनाया गया था। डॉ. पल्लव अमृतफाले 2015-16 में जब डॉ.प्रदीप मोजेस सीएमएचओ थे तब संविदा चिकित्सक के रूप में पदस्थापना हुई थी। 2018-19 में तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. जीसी चौरसिया के कार्यकाल में उन्हें मुलताई का बीएमओ बनाया गया था। गौरतलब है कि 2019 में ही उनके खिलाफ एसटीएफ थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 08 मई 2022