(बैतूल) समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीदी इस बार टोटल फेल, 16 मई गेहूं की आखरी तारीख, - पंजीकृत किसानों की संख्या तीन गुना कम फिर भी गेंहूँ से ज्यादा हुई है चने की खरीदी
(बैतूल) समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीदी इस बार टोटल फेल, 16 मई गेहूं की आखरी तारीख,
- पंजीकृत किसानों की संख्या तीन गुना कम फिर भी गेंहूू से ज्यादा हुई है चने की खरीदी
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा । इस सत्र में गेहूं की समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीदी का बेड़ागर्क हो चुका है। हालात यह है कि जहां पिछले वर्ष 1 लाख 70 हजार मैट्रिक टन गेहूं की खरीदी हुई थी। वहीं इस बार अभी तक महज 3500 मैट्रिक टन ही गेहूं खरीदा गया है। सबसे खास बात यह है कि इस बार चने की खरीदी गेहूं से ज्यादा है। जबकि पंजीकृत किसानों की संख्या यदि देखी जाए तो गेहूं में तीन गुना ज्यादा है। इसके अलग-अलग कारण गिनाए जाते है।
इस बार गेहूं में समर्थन मूल्य में खरीदी न होने का बड़ा कारण मंडी भाव समर्थन मूल्य से ज्यादा होना बताया जा रहा है। वर्तमान में गेहूं की सरकारी खरीदी 16 मई तक ही होना है और चने की 31 मई तक। इस स्थिति में दोनों में जो खरीदी होगी वह पिछले वर्ष के मुकाबले कम होगी। सरकारी खरीदी कम होने से सबसे बड़ा नुकसान खरीदी करने वाली समितियों को है। वहीं सहकारी बैंक और सहकारी समितियों को भी खरीदी कम होने से कर्ज वसूली में कोई मदद नहीं मिल पा रही है।
- 40 हजार में से 757 ने बेचा गेहूं...
समर्थन मूल्य पर गेहूं बिक्री के लिए 40 हजार 646 किसानों ने पंजीयन कराया था। जिसमें 98276.12 हेक्टेयर गेहूं का रकबा बताया गया था। इसके बावजूद पिछले डेढ़ महीने में महज 757 किसानों ने अब तक अपना 3500 मैट्रिक टन गेहूं बेचा है।
11 हजार 726 में 2087 ने बेचा चना
समर्थन मूल्य पर चने की बिक्री के लिए जिले में 11 हजार 726 किसानों ने अपना पंजीयन कराया था। 1 मार्च से शुरू हुई खरीदी में अब तक 2 हजार 87 किसानों ने करीब 4 हजार 780 मैट्रिक टन चना बेचा है। चने के भाव फिलहाल समर्थन मूल्य से कम है।
- एफसीआई के गोदाम का पेट खाली...
समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीदी से ही पीडीएस में राशन का वितरण होता है। इसके लिए एफसीआई भी गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर करती है। एफसीआई का जो बैतूल में टारगेट है वह 50 हजार मैट्रिक गेहूं का है, लेकिन महज 3500 टन ही खरीदा गया।
- पीडीएस में लगता है 6 हजार टन अनाज...
बैतूल जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए बीपीएल और अंत्योदय उपभोक्ताओं को करीब-करीब 6 हजार मैट्रिक टन अनाज का वितरण किया जाता है। इस लिहाज से साल भर में करीब 72 हजार मैट्रिक टन अनाज की जरूरत पड़ती है।
- अभी पुराना ही 1 लाख टन गेहूं बाकी...
जो सरकारी और प्रायवेट गोदाम है उनमें गेहूं की उपलब्धता करीब-करीब 1 लाख मैट्रिक टन की बताई जा रही है। इस वर्ष समर्थन मूल्य पर खरीदी कम होने के बावजूद पीडीएस के लिए अनाज की कमी नहीं होने का दावा फूड विभाग कर रहा है।
- चमक विहिन में करीब 7 सेम्पल फेल...
इतनी कम मात्रा में बिक्री के लिए गेहूं आने के बावजूद करीब 7 सेम्पल चमकविहीन के आधार पर फेल किया जाना बताया जा रहा है। इस बार बेमौसम बारिश न होने के बावजूद भी कुछ इलाकों में गेहूं चमकविहीन हो गया। वजह पाला बताया गया।
📲 9425002316, 8770222316 , नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 10 मई 2022