(बैतूल) प्रशासन और खनिज विभाग की दोगुली कार्यप्रणाली का भी हरई मामले से खुलासा,
- जिस खदान में 10 वर्ष से रायल्टी ले रहे उसमें कह रहे कि पत्थर ही नहीं
बैतूल(हेडलाईन)/नवल-वर्मा ।बैतूल-हरदा सीमा पर हर्रई गांव में एक खनन के मामले को लेकर खनिज विभाग ने जो प्रतिवेदन भेजा है वह अपने आप में विवाद और जांच का विषय बन गया है। इससे सिस्टम के तमाम जिम्मेदारों पर सवाल खड़े हो गए हैं? दरअसल खनिज विभाग के प्रतिवेदन के अनुसार 10 वर्ष तक जहां पर पत्थर उत्खनन के लिए पट्टा स्वीकृत था वहां पर पत्थर ही नहीं है! ऐसी स्थिति में अन्य जगह पर अवैध उत्खनन कर पत्थर का उपयोग किया जाना बताया गया और इसके आधार पर कलेक्टर बैतूल को पट्टाधारी पर अवैध उत्खनन को पाते हुए 17 करोड़ रूपये का जुर्माना भी प्रस्तावित कर दिया है। इसे पूरे मामले में जिला खनिज अधिकारी की कार्यप्रणाली  संदिग्ध नजर आ रही है और साथ ही उस पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे है? वहीं एक जैसी स्थिति में दो तरह का बर्ताव और कार्रवाई होती नजर आ रही है।  

- 10 वर्ष तक के तमाम अफसर तत्काल होना चाहिए अब बर्खास्त...
किसी भी खदान को लेकर कोई नियम प्रक्रिया है। उस नियम प्रक्रिया में निरीक्षण भी एक अनिवार्य कार्य है। अब सवाल यह है कि हर्रई में जिस खदान को लेकर बताया जा रहा है कि वहां पत्थर ही नहीं है और दस वर्ष से पट्टा स्वीकृत है और वहां पर खनन के आधार पर 10 वर्ष से रायल्टी भी जमा हो रही है। अब ऐसे में जो 10 वर्ष के दौरान के सुपरविजन अधिकारी है जिन्होंने रायल्टी जमा की, जिन्होंने निरीक्षण रिपोर्ट दी उन्हें तत्काल बर्खास्त करना चाहिए ? क्योंकि उन्होंने जो भी किया वर्तमान खनिज अधिकारी के प्रतिवेदन के अनुसार फर्जीवाड़ा है।

- बंसल करें तो अपराध नहीं, दूसरा करें तो बना दिया प्रकरण...
खनिज विभाग के प्रतिवेदन के अनुसार ही पट्टा धारक मानपुरा हरदा निवासी अलताफ युनूस खान, पतिराम उईके पिता मनोहरलाल उईके की जमीन पर तालाबनुमा गढ्डा खोदकर खनन कर रहे थे। अब इस मामले में खास बात यह है कि उक्त किसान के खेत में तालाब बनाने और उसमें निकलने वाले पत्थर का उपयोग करने के लिए अलताफ ने बकायदा अनुमति लेकर पैसा जमा किया था। फिर भी उस पर अवैध उत्खनन का प्रकरण बना, जबकि दूसरी तरफ फोरलेन निर्माण में बंसल कंपनी भी किसानों के खेतों में यह सब कर रही है पर उस पर केस नहीं बना रहे।

-हर्रई में यह बनाया गया है अवैध उत्खनन में 17.28 करोड़ के जुर्माने का प्रकरण...
जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में वन मंडलाधिकारी बैतूल द्वारा हरदा निवासी अलताफ खान के विरूद्ध पत्थर का अवैध उत्खनन कर क्रेशर का संचालन करने के संबंध में शिकायत करने पर खनिज अधिकारी एवं खनिज निरीक्षक को जांच करने के निर्देश दिए गए थे। प्रभारी खनिज अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच करने पर पाया गया कि मानपुरा हरदा निवासी अलताफ पिता यूनुस खान के पक्ष में ग्राम हर्रई तहसील चिचोली जिला बैतूल के खसरा क्रमांक 69/10/2 के रकबा 1.000 हे. पर 10 वर्ष की अवधि हेतु पूर्व में पत्थर खनिज का उत्खनि पट्टा स्वीकृत था, जिसमें पत्थर उपलब्ध नहीं था। इनके द्वारा उक्त स्वीकृत क्षेत्र के समीप अन्य निजी भूमि पर भूमि स्वामी पतिराम उइके पिता मनोहरीलाल उइके के द्वारा तालाबनुमा गड्ढा बनाकर पत्थर खनिज की मात्रा 23733 घनमीटर का अवैध उत्खनन किया गया है एवं क्रेशर से गिट्टी बनाकर विक्रय किया गया। जिसके विरुद्ध अवैध उत्खनन का प्रकरण बनाकर 17.28 करोड़ का जुर्माना प्रस्तावित किया गया है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 13 मई 2022