(बैतूल) अपने आप को डॉक्टर बताकर वसूली करने वाले ड्रेसर सुनील को नौकरी से हटा दिया
(बैतूल) अपने आप को डॉक्टर बताकर वसूली करने वाले ड्रेसर सुनील को नौकरी से हटा दिया,
- संवेदनशील कलेक्टर ने राष्ट्रीय दिव्य दुनिया की खबर को टीएल में शामिल कर की कार्रवाई
बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । बैतूल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एके तिवारी द्वारा एक शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करते हुए आमला अस्पताल में कार्यरत ड्रेसर को सेवा से पृथक कर दिया गया है। इसके साथ ही अन्य कर्मचारियों को अंतिम चेतावनी दी गई है। इस कार्यवाही से हड़कंप मचा है। सिमरिया खुर्द तहसील आमला जिला बैतूल निवासी साहिबा पिता कमल यादव की शिकायत पर कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस के निर्देशानुसार जांच की गई थी। इसी पर यह कार्यवाही की गई। जांच में सुनील नागले, ड्रेसर (आरकेएस) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आमला को जांच में दोषी पाया गया। इसके चलते उसे सेवा से पृथक किया गया है। हालांकि इस मामले में डॉ रोहित पर कार्रवाई नहीं की गई। जिससे सवाल उठ रहे है।
डॉ तिवारी ने बताया कि दिनांक 4 मई 2022 को राष्ट्रीय दिव्य दुनिया में प्रकाशित खबर के आधार पर समयावधि पत्रों की समीक्षा के दौरान उन्हें शिकायत प्राप्त हुई। शिकायतकर्ता एवं शिकायत से जुड़े अन्य सभी के बयान दर्ज कर 13 मई 2022 को जांच का पूर्ण विश्लेषण किया गया। कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस को जांच प्रस्तुत की गई एवं अनुमोदन प्राप्त कर ड्रेसर सुनील नागले को सेवा से पृथक किया गया। डॉ. तिवारी ने बताया कि श्री सुनील नागले ड्रेसर की पूर्व में भी कई शिकायतें प्राप्त हो चुकी थीं। दोष सिद्ध न होने पर सम्बंधित अन्य सभी को अंतिम चेतावनी पत्र जारी किया गया। मूल मांग यह है कि आमला अस्पताल में व्यवस्थाएं भी सुधारी जाए। फरियादी ने इस बात ज्यादा जोर दिया था।
यह थी शिकायत
साहिबा की शिकायत इस प्रकार थी कि गाड़ी से गिर जाने के कारण उन्हें पैर में चोट आई थी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आमला में पट्टी करने वाले ने उनसे 3000 रूपये वसूल लिए थे। साथ ही आमला के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा उन्हें 15 से 20 इंजेक्शन लगाए गए। जिससे उनकी कमर में गठान आ गई और वे लंगड़ा कर चलने लग गये।
यह दी गई चेतावनी
डॉ. तिवारी ने कहा है कि समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में किसी प्रकार की कोताही यदि चिकित्सकों या कर्मचारियों द्वारा बरती जाती है या मरीजों से अनावश्यक रुपए वसूले जाते हैं तो दंडनीय कार्यवाही की जावेगी। अब देखते है इसका असर कितना होता है।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 17 मई 2022